विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि सभी तथ्य, कानून हमारे पक्ष में हैं। मैंने मामले का अध्ययन किया है। ज्ञानवापी मामले में हिन्दू पक्ष काफी मजबूत है। अति शीघ्र हम विजयी होंगे। जिस प्रकार अयोध्या में राममंदिर का निर्णय हमारे पुरुषार्थ से पक्ष में रहा, उसी प्रकार काशी और मथुरा में भी होगा। रविवार को महमूरगंज स्थित एक होटल में आयोजित विचार प्रबोधन कार्यक्रम को परिषद के कार्यकारी कार्याध्यक्ष सम्बोधित कर रहे थे।
पिछले दिनों हरियाणा के नूंह में ब्रजमंडल यात्रा के दौरान हुई हिंसा पर आक्रोश जता उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर यात्रा से दो दिन पूर्व ही “प्याज़ की तरह तोड़ दो” जैसे आक्रामक पोस्ट वायरल होने लगे थे। परंतु मेवात की खूफिया एजेंसियों ने सक्रियता नहीं दिखाई और प्रशासन ने भी गत वर्षों में हुई यात्रा का आंकलन करके सुरक्षा प्रदान नहीं की, इसलिए यह हिंसा हुई। उन्होंने कहा कि सावन के आखिरी सोमवार को फिर हम इस यात्रा को पूर्ण करेंगे और अपनी तरफ से किसी प्रकार की कोई गतिविधि नहीं करेंगे परंतु यदि हम पर हमला करेगा कानूनन हमें प्रतिकार करने का अधिकार है।
हिन्दू परिवारों के विघटन पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि हिन्दू लड़कियों प्यार के चक्कर में घर से भागती हैं और षड्यंत्र का शिकार होती है। जब उनके परिवार उन्हें बचाने के लिए हमसे संपर्क करते तो वे ही साथ खड़ी नहीं होतीं। भारतीय टीवी सीरियल्स इस विघटन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। इन प्रकरणों से बचने के लिए सभी परिवार समय निकालकर घर पर एक साथ भोजन करें, अपने बच्चों से संवाद करें एवं बच्चों में तुलसी को जल देने का, गाय को भोजन कि पहली रोटी देने का, सभी त्यौहारों को सहयोग से मनाने का संस्कार उत्पन्न करें। जिससे उनमें हिन्दू रीति-नीति से जीवन जीने की आकांक्षा उत्पन्न हो। तभी हिन्दू संस्कृति का संरक्षण हो पाएगा।
उन्होंने कहा कि जिहाद आज वैश्विक चुनौती बनकर उभरा है। जाकिर नाईक जैसे लोगों ने इसके गलत अर्थ को प्रस्तुत करते हुए महिला अपहरण, बलात्कार, हत्या, लूटपाट को धर्म का कार्य बना दिया है। जिहाद के इसी विकृत स्वरूप को अपनाते हुए पक्ष विशेष ने फ्रांस, जर्मनी, इंग्लैंड को भी आतंकित किया। भारत में इसी मानसिकता के लोग विद्रोही वातावरण बनाते हैं। हालांकि हिन्दूओं के प्रतिकार से इसमें कमी आयी है और इस प्रतिकार को आगे बढ़ाते हुए हमें विश्व का सामना करने के लिए खड़ा होना होगा।
आगामी कुछ महीनों में संगठन की गतिविधियों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि 30 सितंबर से 20 अक्टूबर तक बजरंग दल देश भर में शौर्य यात्राएं निकालेगा। दीपावली से 15 दिन पहले और 15 दिन बाद संत समाज द्वारा देशभर के गांवों की गली-गली में पदयात्रा निकाली जाएगी एवं अनुसूचित जाति/जातियों वाले घरों में जलपान किया जाएगा, जिससे सालों का जातिगत भेदभाव समाप्त होगा। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय से जनवरी में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दौरान स्थानीय नदी अथवा पवित्र कुएं, तालाब के पूजा करने एवं 200 तांबे के पात्रों में अयोध्या जल भेजने, प्रत्येक मंदिर में अनुष्ठान करने, मन्दिर में सामूहिक स्क्रीन लगाकर प्राण प्रतिष्ठा देखने एवं भंडारा करवाने का आवाहन किया।
उन्होंने कहा हम लोगों ने राम मन्दिर निर्माण से जुड़े 5000 व्यक्ति चिन्हित किए हैं जिनके साथ भविष्य में अयोध्या दर्शन के तहत सरयू स्नान, राम मन्दिर दर्शन-पूजन एवं नगर की गली-गली घूमने, कारसेवा से जुड़े किस्से स्थानीय बालकों और युवाओं को बताने का काम होगा। राम मन्दिर निर्माण से रामत्व का विकास होगा और त्रेतायुग की भांति आतंकवाद से मुक्ति, स्त्रियों का रक्षण एवं समरस समाज की स्थापना हो सकेगी। हम सबके साझे प्रयास से फिर वह दिन आएगा जब हम कह सकेंगे कि भारत वह भूमि है जहां कोई भूखा नहीं सोता, किसी को अन्न, वस्त्र का अभाव नहीं है, हरेक के पास छत है और हरेक के पास अच्छा जीवन जीने के संस्कार हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष नागेंद्र पांडेय ने कहा विहिप के संपर्क विभाग का यह आयोजन अभिनंदनीय है क्योंकि संपर्क बनाए रखने से ही समाज एकजुट रहता है। कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रस्तुत करते हुए अंबरीश ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद की पहचान भले ही राम मन्दिर आंदोलन से हुई पर परिषद मठ, मंदिर, अर्चक, पुरोहित, गौ सबके हित में काम कर रहा है। आम श्रद्धालु तक तो सब पहुंच जाते हैं पर विशिष्ट जनों तक नहीं। इसी कड़ी में आज का आयोजन है। वज्रयान विद्या केंद्र, सारनाथ के निदेशक खेमको कंपा गेटूर ने इस अवसर पर कार्यक्रम के सुंदर आयोजन की बधाई दी। विहिप काशी प्रांत के अध्यक्ष कविन्द्र प्रताप ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए समाज के उन्नयन के लिए सबको साथ में लेकर चलने की सलाह दी।
कार्यक्रम का संचालन सत्य प्रकाश ने किया। कार्यक्रम में विहिप के क्षेत्र संगठन मंत्री गजेन्द्र, क्षेत्र सत्संग प्रमुख दिवाकर, प्रांत संगठन मंत्री नितिन, प्रांत मंत्री कृष्ण गोपाल, नरसिंह (प्रांत धर्म प्रसार प्रमुख),राजन (विभाग मंत्री), राजेश (काशी ग्रामीण जिलाध्यक्ष), कन्हैया (काशी जिलाध्यक्ष) आदि भी मौजूद रहे।
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