उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में पुलिस ने नकली नोटों का काला धंधा करने वाले गिरोह का खुलासा किया है। वाराणसी के गंगापुर सीट से विधायक रही धनेश्वरी देवी का पौत्र राहुल सिंह अपने बेटों अविनाश सिंह, विकास सिंह के साथ मिलकर नकली नोट छापने की फैक्ट्री चला रहा था। इस काले धंधे में इनका साथ बड़हलगंज निवासी चांद मोहम्मद देता था। बांसगांव इलाके के धनौड़ा में नकली नोट की फैक्ट्री बाप बेटे मिलकर चला रहे थे। गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर गगहा पुलिस ने इनके पास से नकली नोट समेत कई सामान बरामद किए हैं। गिरफ्तार अभियुक्तों में मुख्य सरगना राहुल सिंह, इसका दूसरे नंबर का बेटा अवनीश सिंह उर्फ अवनीश राय और बड़हलगंज, बेदौली निवासी चांद मोहम्मद शामिल हैं। राहुल सिंह का बड़ा बेटा विकास और देवरिया का रहने वाला विक्रम जायसवाल फरार है।
पुलिस अधीक्षक दक्षिणी अरुण कुमार सिंह बताया कि पुलिस को सोशल मीडिया पर एक वीडियो मिला था। वीडियो में एक व्यक्ति नकली नोट बना रहा था। उसकी जांच करने पर पुलिस को हाटा बाजार में नकली नोट चलाने वाले एक युवक के बारे में पता चला। पुलिस ने चांद मोहम्मद को हिरासत में लेकर पूछताछ किया। इसने बताया कि उसे एक अन्य व्यक्ति बाजार में नकली नोट चलाने के लिए देता है। पुलिस ने पुराने मामलों की जांच की तो राहुल के बारे में जानकारी मिली। राहुल सिंह पिछले वर्षों से नकली नोट छापने का काम कर रहा था। नकली नोट को आधे दाम पर बेचता था।
पुलिस ने इनके पास से पचास रुपये का एक, दस रुपये के चार, बीस रुपये के एक, 100 रुपये के 98, 200 रुपये के छह नकली नोट बरामद किए हैं। नोट के साइज के पेपर, मशीन में इस्तेमाल की जाने वाली प्लेट और केमिकल बरामद किया है। राहुल मूलतः वाराणसी के जंसा थाना क्षेत्र के सरवली गांव का रहने वाला है। सरगना राहुल सिंह बचपन में ही मां के साथ धनौड़ा स्थित ननिहाल चला आया। 56 साल के राहुल सिंह ने बताया कि 20 वर्ष पहले धनौड़ा में मकान बनवाकर परिवार के साथ रहने लगा। दादी धनेश्वरी देवी विधायक थीं और मामा वन विभाग में अधिकारी थे।
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