लखनऊ। मधुमिता हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई का आदेश उत्तर प्रदेश कारागार प्रशासन ने दिया है। अमरमणि करीब 19 साल से जेल में बंद है।
जेल में अच्छा आचरण करने वाले कैदियों की रिहाई की सलाह सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को दी थी। इसके बाद अमरमणि त्रिपाठी ने सुप्रीम कोर्ट में रिहाई के लिए याचिका दायर की। 10 फरवरी 2023 को रिहाई का आदेश दिया गया, लेकिन अमरमणि को रिहा नहीं किया गया। इसके बाद अवमानना की याचिका दाखिल हुई। इस पर 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने रिहाई का आदेश का पारित किया। इसके लिए जेल में अच्छा आचरण आधार बना।
गौरतलब है कि कवयित्री मधुमिता शुक्ला की 2003 में हत्या हुई थी। लखीमपुर की रहने वाली मधुमिता और अमरमणि के बीच प्रेम का रिश्ता बन गया था। इस बीच मधुमिता गर्भवती हो गईं और उन पर गर्भपात का दबाव बनाया गया। मना करने पर 7 मई 2003 को मधुमिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। उस समय उनके गर्भ में सात माह का बच्चा था।
अमरमणि त्रिपाठी की समय पूर्व रिहाई आदेश पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इंकार
सुप्रीम कोर्ट ने अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई पर रोक लगाने से फिलहाल इंकार कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने कवयित्री मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला की याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी कर आठ हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि अगर हम आपकी बात से सहमत होंगे तो उन्हें दोबारा जेल भेज देंगे। सूत्रों के अनुसार कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में दोषी करार दिए जाने के बाद उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमिता त्रिपाठी की समय पूर्व रिहाई की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
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