नई दिल्ली। यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की सदस्यता अनिश्चितकाल तक के लिए निलंबित कर दी है। WFI पिछले कुछ महीनों से गलत कारणों से सुर्खियां बटोर रहा है और अब विश्व कुश्ती संस्था द्वारा तत्काल निलंबन महासंघ के चुनाव कराने में विफल रहने के कारण हुआ है। यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने पहले WFI को चुनाव में देरी होने पर निलंबन की चेतावनी दी थी। निलंबन के कारण अब पहलवान भारतीय ध्वज के तहत आगामी विश्व चैंपियनशिप में प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकेंगे। बता दें कि इससे पहले WFI को इस साल जनवरी और मई में भी भी निलंबित किया गया था।
WFI कई विवादों में फंस गया है, जिसके कारण इसके चुनाव स्थगित हो गए हैं। महासंघ को जून 2023 में चुनाव कराने थे। भारतीय पहलवानों के विरोध प्रदर्शन और विभिन्न राज्य इकाइयों की कानूनी याचिकाओं के कारण चुनाव बार-बार स्थगित किए गए हैं। भारतीय पहलवानों को 16 सितंबर से शुरू होने वाली ओलंपिक-क्वालीफाइंग विश्व चैंपियनशिप में ‘तटस्थ एथलीटों’ के रूप में प्रतिस्पर्धा करनी होगी, क्योंकि भूपेंदर सिंह बाजवा के नेतृत्व वाला तदर्थ पैनल 45 दिन की समय सीमा के भीतर चुनाव नहीं करा पाया।
डब्ल्यूएफआई के शासी निकाय में 15 पदों के लिए चुनाव 12 अगस्त को होने वाले थे। सोमवार को उत्तर प्रदेश से भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह सहित चार उम्मीदवारों ने इस पद के लिए नामांकन दाखिल किया था। चंडीगढ़ कुश्ती संस्था के दर्शन लाल को महासचिव पद के लिए नामांकित किया गया था, जबकि उत्तराखंड के एसपी देसवाल को बृज भूषण शिविर से कोषाध्यक्ष के लिए नामांकित किया गया था।
डब्ल्यूएफआई को पहले जनवरी में और फिर मई में निलंबित कर दिया गया था जब भारत के शीर्ष पहलवानों ने इसकी कार्यप्रणाली का विरोध किया था और इसके तत्कालीन अध्यक्ष बृज भूषण पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। डब्ल्यूएफआई के दैनिक मामलों का प्रबंधन वर्तमान में भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा गठित भूपेंदर सिंह बाजवा की अध्यक्षता वाली तदर्थ समिति द्वारा किया जा रहा है। विशेष रूप से, उच्चतम स्तर पर खेल की संचालन संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने चुनावों में देरी होने पर डब्ल्यूएफआई को निलंबन की चेतावनी दी थी।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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