देहरादून। यदि डीएफओ स्तर के अधिकारी बंद एसी कमरों से बाहर निकलते तो यमुना घाटी के टोंस के जंगलों में हरे पेड़ों की कटाई और तस्करी जैसे मामले पहले ही सामने आ जाते। इसी बात का खमियाजा टोंस वन प्रभाग के डीएफओ रहे सुबोध काला को आखिरकार भुगतना पड़ गया। उन्हें शासन ने जंगल से लकड़ी चोरी मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित किया है। उनके साथ एसडीओ विजय सैनी, सांद्रा रेंज के रेंजर राम कृष्ण, कोटीगाढ़ के रेंजर गोविंद चौहान, देवता रेंज के ज्ञानेंद्र मोहन को भी निलंबित कर दिया गया है। उत्तराखंड वन निगम के राम कृपाल को भी चार्जशीट दी गई है, वन निगम के अन्य अधिकारी भी कार्रवाई की सीमा में हैं।
बताया जा रहा है कि सफेदपोश, लकड़ी तस्करों और वन कर्मियों का गठजोड़ पिछले कई सालों से जंगल में अवैध कटान कर रहा था। वनमंत्री सुबोध उनियाल के आग्रह पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में व्यापक जांच किए जाने की संस्तुति भी दे दी है।
यमुना घाटी के टोंस वन प्रभाग के जंगलों से हजारों की संख्या में देवदार, केल प्रजाति के हरे पेड़ वन तस्करों ने काट डाले। बताया गया है कि आपदा के दौरान गिरे हुए पेड़ों को उठाने और काटने का काम वन निगम को दिया गया उसकी आड़ में खड़े पेड़ों पर भी आरे चला दिए गए। इस मामले में वन कर्मियों की मिलीभगत भी सामने आई है। वन विभाग के जांच अधिकारियों ने साक्ष्य भी जुटा लिए हैं और इस मामले में अभी और भी चेहरे बेनकाब किए जाने वाले हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इसमें कई प्रभावशाली लोग भी शामिल हैं, जिनके घरों तक भी चोरी की लकड़ी पहुंचाई गई है।
डीएफओ कल्याणी ने किया कनासर रेंज की वन तस्करी का भंडाफोड़
टोंस की तरह कनासार रेंज में भी हजारों पेड़ों की कटाई कर दी गई है। खबर है कि यहां वन कर्मी को हनी ट्रैप में फंसाकर उसे वीडियो के जरिए वन तस्कर ब्लैकमेल करते हुए पिछले तीन साल से देवदार के हरे पेड़ काटते रहे। इस मामले को उजागर करने में डीएफओ कल्याणी की भूमिका असरदार रही, जिन्होंने इसकी खबर लगते ही आननफानन छापे मारे और छह हजार से ज्यादा स्लीपर बरामद कर लिए। अभी इस प्रकरण की जांच जारी है और कल्याणी से पूर्व डीएफओ और वनकर्मियों की लापरवाही भी सामने आ रही है।
जानकारी के मुताबिक सफेदपोश, वन तस्कर गिरोह इस प्रकरण में डीएफओ कल्याणी को ही टारगेट कर बच निकलना चाहते हैं। इस सारे प्रकरण की जांच कर रहे यमुना सर्किल के कंजरवेटर डॉ विनय भार्गव ने अपनी रिपोर्ट पीसीसीएफ को सौंप दी है। जानकारी के मुताबिक उसी रिपोर्ट के आधार पर सुबोध काला को निलंबित किया गया है, इसके अलावा सत्रह अन्य वन कर्मियों पर गाज गिरी है।
आरोपी अभी शिकंजे से बाहर
वन विभाग में इतनी बड़ी संख्या में लकड़ी तस्करी के मामले सामने आने पर भी पेड़ काटने वाले, पेड़ कटवाने वाले, लकड़ी छुपाने वालों के खिलाफ कारवाई का अभी इंतजार है। इस मामले में वन विभाग के जांच अधिकारी क्यों सुस्त हैं, ये बड़ा सवाल है।
बीजेपी नेता राम शरण नौटियाल का बयान
जौनसार बावर के बीजेपी नेता राम शरण नौटियाल का कहना है कि डीएफओ कल्याणी को उन्होंने सबसे पहले इस बारे में जानकारी दी थी और उन्होंने पूरी ईमानदारी से इस प्रकरण का पर्दाफाश किया। उन्होंने कहा कि ये सफेदपोश, वन तस्करों और वन कर्मियों का एक बड़ा गठजोड़ है, जोकि पिछले कई सालों से दो सौ साल से ज्यादा पुराने हजारों पेड़ काट चुका है। उन्होंने कहा कि इस बारे में सीएम को भी साक्ष्य के साथ जानकारी दी गई है।
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