देहरादून। अतिक्रमण हटाने के मामले में वन विभाग की सुस्ती को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने नाराजगी जताई है, जिसके बाद पीसीसीएफ अनूप मलिक ने शिवालिक और राजा जी टाइगर रिजर्व के वनाधिकारियों की बैठक ली है, जहां उन्होंने सख्त लहजे में पूछा कि जंगल में गुज्जरों की आबादी कैसी बढ़ गई और वो जंगल की जमीन पर कब्जा करके खेती कैसे करने लगे। उन्होंने सैटेलाइट साक्ष्य के आधार पर ऐसे अतिक्रमण को दो हफ्ते के भीतर हटाने के लिए कहा है।
पीसीसीएफ मलिक ने कहा कि सभी डीएफओ, वनाधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझें, अन्यथा वो अपनी लापरवाही के लिए खुद जिम्मेदार होंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सरकार और उत्तराखंड हाई कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए नदी श्रेणी और खनन नदियों किनारे चिन्हित अतिक्रमण को दो हफ्ते में हटाएं। हर फॉरेस्ट डिवीजन में नोडल अधिकारी मुख्यालय में रोजाना रिपोर्ट देगा, जिसे सीएम कार्यालय भेजा जाएगा।
मलिक ने चार माह में केवल 25 हेक्टेयर वन भूमि ही अतिक्रमण मुक्त किए जाने पर नाराजगी जताई और इस अभियान में वन अधिकारियों को फील्ड में जाकर एक्शन लेने की जरूरत जताई। बैठक में देहरादून में 580 हेक्टेयर, हरिद्वार वन प्रभाग में 51 हेक्टेयर, राजा जी टाइगर रिजर्व में 7 हेक्टेयर वन क्षेत्र में अतिक्रमण चिन्हित किए जाने की जानकारी सामने आई है। इसके अलावा नदी श्रेणी और नदी किनारे में अतिक्रमण को तुरंत हटाए जाने के लिए पीसीसीएफ मलिक ने वनाधिकारियों को निर्देशित किया।
बैठक में अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी डॉ पराग मधुकर धकाते, शिवालिक सीएफ राजीव धीमान, लैंस डाउन के डीएफओ नवीन पंत, हरिद्वार के डीएफओ नीरज कुमार, देहरादून के नीतीश मनी त्रिपाठी, गोविंद विहार के डिप्टी डायरेक्टर मयंक शेखर झा, राजा जी टाइगर रिजर्व के निदेशक साकेत बडोला, डिप्टी डायरेक्टर कहकँशा नसीम, एसडीओ सहसपुर शिप्रा शर्मा आदि मौजूद रहे।
टिप्पणियाँ