नई दिल्ली। वायु सेना प्रमुख (सीएएस) एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने ‘वायु भवन’ में हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) कार्यक्रम की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि एलसीए प्रोजेक्ट भारतीय वायु सेना के विमान बेड़े को स्वदेशीकरण बना रहा है। बैठक में एचएएल के प्रतिनिधियों ने वायु सेना प्रमुख को फरवरी, 2024 से एलसीए एमके-1ए के ट्विन-सीटर विमानों की डिलीवरी करने का आश्वासन दिया।
समीक्षा बैठक में रक्षा मंत्रालय, डीआरडीओ, एचएएल और एडीए के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। बैठक में सीएएस ने कहा कि राष्ट्रीय महत्व का यह प्रोग्राम देश की ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहल का अग्रदूत रहा है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह एयरोस्पेस क्षेत्र में भारत की ‘आत्मनिर्भरता’ का पथ प्रदर्शक है। उन्होंने बताया कि एलसीए एमके-1 के सभी अनुबंधित लड़ाकू संस्करण भारतीय वायुसेना को सुपुर्द कर दिए गए थे। एचएएल के प्रतिनिधियों ने वायु सेना प्रमुख को आने वाले महीनों में भी अनुबंधित ट्विन-सीटर विमानों की समय पर डिलीवरी का आश्वासन दिया।
दरअसल, भारत ने एचएएल के साथ एलसीए एमके-1 के अतिरिक्त, 83 एलसीए एमके-1ए विमानों का भी सौदा 2021 में किया था। इसलिए एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ने उपस्थित लोगों को आश्वासन दिया कि एलसीए के उन्नत संस्करण एमके-1ए विमानों की डिलीवरी फरवरी, 2024 से शुरू हो जाएगी। इस पर वायु सेना प्रमुख ने एचएएल की सराहना करते हुए संकेत दिया कि इन आश्वासनों के आधार पर एलसीए एमके-1ए को अगले साल की शुरुआत में भारतीय वायुसेना के परिचालन अड्डों में से एक में नए बनाए गए स्क्वाड्रन में शामिल किया जा सकता है।
समीक्षा के दौरान परियोजना में आई देरी के बावजूद सीएएस ने सभी हितधारकों के प्रयासों की सराहना की और एलसीए कार्यक्रम से सीखे गए सबक को भविष्य की स्वदेशी डिजाइन और विकासात्मक परियोजनाओं में शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया। समय पर डिलीवरी के साथ एलसीए एमके-1ए को आने वाले दिनों में अंतरराष्ट्रीय अभ्यासों में भागीदारी के अतिरिक्त अग्रिम ठिकानों पर तैनाती में वृद्धि किये जाने की संभावना है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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