सिख विरोधी दंगा: सज्जन कुमार पर आरोप तय करने का आदेश, हटाई गई धारा 302

1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान जनकपुरी में दो सिखों सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह को एक नवंबर 1984 की हत्या हुई थी

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नई दिल्ली। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज एमके नागपाल ने वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 21 सितंबर को होगी।

कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147 (उपद्रव करने ), 148 (दंगा फसाद करते टाइम हथियार था ), 153A (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा, आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना और सद्भाव बिगाड़ना), 295R(किसी वर्ग के धर्म का अपमान करने के आशय से उपासना के स्थान को क्षति करना या अपवित्र करना)/W149, 307(हत्या की कोशिश), 308(जो भी कोई इस तरह के इरादे या बोध के साथ ऐसी परिस्थितियों में कोई कार्य करता है, जिससे वह किसी की मृत्यु का कारण बन जाए, तो वह गैर इरादतन हत्या का दोषी होगा), 323(जानबूझकर कर किसी भी व्यक्ति के साथ झगड़ा करना या चोट पहुँचाना), 325(किसी दूसरे व्यक्ति को स्वेच्छापूर्वक गंभीर चोट पहुंचाना), 395(डकैती), 436 (गॄह आदि को नष्ट करने के आशय से अग्नि या विस्फोटक पदार्थ द्वारा कुचेष्टा) के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया है। हालांकि, कोर्ट ने एसआईटी को सज्जन कुमार के खिलाफ लगाई गई हत्या की धारा 302 को हटाने का आदेश दिया। आज सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि सज्जन कुमार इस केस में हिरासत में नहीं है, वह जमानत पर है।

1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान जनकपुरी में दो सिखों सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह को एक नवंबर 1984 की हत्या हुई थी। इसी तरह विकासपुरी पुलिस स्टेशन के इलाके में गुरुचरण सिंह को जला दिया गया, जिसकी वजह से उनकी मौत हुई थी। इन दोनों मामलों मे 2015 में एसआईटी ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। इसके लिए मई 2018 में सज्जन कुमार का पॉलीग्राफ टेस्ट भी किया जा चुका है।

(इनपुट सिंडिकेट फीड)

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