पाकिस्तान की कंगाली दुनियाभर में उस इस्लामी देश की छीछालेदारी करा रही है। चीन सहित कुछ देशों के तरस खाकर दिए कर्ज के बावजूद वहां हालात बदतर होते जा रहे हैं। गरीब जनता दाने—दाने को मोहताज हो चली है जो सरकारी संस्थानों में महीनों से वेतन बांटना मुश्किल हो रहा है। अब मीडिया में एक और रिपोर्ट आई है जो बताती है कि पड़ोसी इस्लामी देश में पैसे की तंगी चरम पर पहुंच चुकी है। वहां सरकारी एयरलाइंस कंपनी पीआईए यानी पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के पास अब तेल और विमानों के पुर्जे खरीदने तक के पैसे नहीं बचे हैं। इसी वजह से वहां तीन बोइंग विमानों सहित 11 विमानों को सेवा से बाहर रखा गया है।
पाकिस्तानी की विमान सेवा पीआईए के लिए वहां की सरकार पैसे नहीं निकाल पा रही है। सरकार नकदी की तंगी से जूझ रही है। विमान कंपनी के पास खराब विमानों को ठीक करने के लिए पुर्जे तक खरीदने के पैसे नहीं बचे हैं, इसलिए जो विमान किसी भी तरह की खराबी झेल रहे हैं, वे ठीक नहीं किए जा सके हैं। इतना ही नहीं, जो विमान सेवा दे भी रहे हैं तो उन सबके लिए तेल खरीदने को पैसे नहीं हैं।
पीआईए के अधिकारी फिलहाल यह बताने की स्थिति में नहीं हैं कि कंगाली का आलम कब खत्म होगा और कब कंपनी खराब विमानों के लिए पुर्जे खरीद पाएगी, कब सभी विमानों के लिए पूरा तेल नसीब होगा। हालत तो इतनी खराब है कि लगता है और ज्यादा विमान परिचालन से बाहर हो जाएंगे। क्योंकि सरकार की तरफ से इस ओर कोई गंभीरता देखने में नहीं आ रही है।
पीआईए के तीन बड़े बोइंग 777 और अन्य आठ विमान अब सेवा से बाहर होकर हवाई अड्डे के एक कोने के खड़े किए जा चुके हैं। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के एक अधिकारी के अनुसार, गत तीन वर्ष में एक एक करके इन 11 विमानों को सेवा से बाहर किया गया है। अधिकारी ने साफ बताया है कि विमान कंपनी पैसे से कंगाल हो चली है। उसके अनुसार, डॉलर तथा पेट्रोलियम के अन्य उत्पादों के महंगे होते जाने की वजह से भी हवाई कंपनी उतना तेल नहीं खरीद पा रही है।
पाकिस्तान की मुख्य विमान कंपनी मानी जाने वाली पीआईए की अंतरराष्ट्रीय तथा घरेलू रूट पर अभी तक 31 विमान सेवा दे रहे थे। इनमें से 11 विमानों के सेवा से बाहर होने के बाद, अब सिर्फ 20 विमान ही सेवा में रह गए हैं। सेवा से बाहर हुए विमान कराची तथा इस्लामाबाद हवाई अड्डों पर आने वाले वक्त के फैसले की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
पीआईए के अधिकारी फिलहाल यह बताने की स्थिति में नहीं हैं कि कंगाली का आलम कब खत्म होगा और कब कंपनी खराब विमानों के लिए पुर्जे खरीद पाएगी, कब सभी विमानों के लिए पूरा तेल नसीब होगा। हालत तो इतनी खराब है कि लगता है और ज्यादा विमान परिचालन से बाहर हो जाएंगे। क्योंकि सरकार की तरफ से इस ओर कोई गंभीरता देखने में नहीं आ रही है।
मीडिया में आई खबरों से यह भी पता चला है कि पाकिस्तान की हवाई सेवा में ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। इसी साल मई में भी पीआईए कंपनी के सीईओ आमीर हयात ने बयान दिया था कि कंपनी को 112 अरब रु. का झटका लगने वाला है। हयात के अनुसार, पीआईए कंपनी पर 742 अरब रुपए का कर्जा चढ़ा हुआ है।
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