लंदन। ब्रिटेन की अदालत ने उत्तरी इंग्लैंड के अस्पताल में सात नवजात बच्चों की हत्या और छह अन्य की हत्या के प्रयास की दोषी नर्स लुसी लेटबी को सोमवार को अंतिम सांस तक उम्रकैद की सजा सुनाई।
न्यायमूर्ति जेम्स गोस ने सजा सुनाते हुए दोषी नर्स की वक्त से पहले रिहाई के सभी प्रावधानों पर रोक लगा दी। उन्होंने कहा कि 33 वर्षीय नर्स द्वारा किया गया अपराध निर्विवाद रूप से गंभीर प्रकृति का है, इसलिए वह बाकी जिंदगी सलाखों के पीछे बिताएगी। लेटबी को पिछले सप्ताह सात नवजात बच्चों की हत्या और छह अन्य नवजात बच्चों की हत्या के प्रयास के सात मामलों में दोषी करार दिया गया था।
न्यायमूर्ति गोस ने सजा सुनाते हुए टिप्पणी की कि नर्स ने विश्वास का कत्ल किया है। दोषी ने सोच-विचार कर और धूर्तता के साथ इस अपराध को अंजाम दिया। बच्चों के पोषण और देखभाल के सामान्य मानवीय गुणों के विपरीत कार्य किया और सभी नागरिकों के उस भरोसे को तोड़ा, जो चिकित्सा एवं देखरेख पेशेवरों के प्रति है।
उन्होंने कहा कि जिन बच्चों को आपने नुकसान पहुंचाया उनका जन्म समय-पूर्व हुआ था और उनमें से कुछ के जीवित नहीं रहने की आशंका थी, लेकिन प्रत्येक मामले में आपने जानबूझकर उन्हें मारने की मंशा से उनको नुकसान पहुंचाया।
इसी अदालत की जूरी ने 10 महीने की सुनवाई के बाद शुक्रवार को नर्स को दोषी करार दिया था। अदालत के फैसले के बाद भारतीय मूल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि जयराम ने बताया कि उन्होंने और उनके सहयोगियों ने काउंटेस ऑफ चेस्टर अस्पताल को इस घटना के प्रति आगाह किया था, जहां पर दोषी नर्स ने 2015 से 2016 के बीच नवजात शिशु यूनिट में अपराध को अंजाम दिया था।
कानून में होगा बदलाव
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने नर्स की इस कायराना हरकत की निंदा की। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कानून में बदलाव करने पर विचार कर रही है, जिससे अपराधी दोषी पाए जाने पर पीड़ितों का अनिवार्य रूप से सामना करे। सुनवाई के दौरान सामने आया कि लेटबी ने जानबूझकर बच्चों को खाली इंजेक्शन दिया, दूसरों का दूध जबरन पिलाया और दो बच्चों को इंसुलिन देकर मारा।
सजा दिलाने में भारतीय मूल के डॉक्टर ने निभाई अहम भूमिका
अदालत में पूर्व नर्स को दोषी सिद्ध करने में भारतीय मूल के डॉक्टर रवि जयराम ने अहम भूमिका निभाई। वह इंग्लैंड के चेस्टर शहर में स्थित काउंटेस ऑफ चेस्टर अस्पताल में वरिष्ठ चिकित्सक हैं। फैसले के बाद डॉ. जयराम ने कहा, मेरा मानना है कि मारे गए चार या पांच बच्चे आज स्कूल जा रहे होते, जो अब (इस दुनिया में) नहीं हैं। जिन माता-पिता के बच्चे लेटबी के अपराध के शिकार हुए थे, उन्हें सजा सुनाने के दौरान मौजूद रहने से मना कर दिया गया था, जिसकी वजह से वे नाराज दिखे।
नोट में लिखा था- मैं शैतान हूं
पुलिस के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस पूर्व नर्स के घर से बरामद नोट में लिखा था-मैं शैतान हूं। पुलिस के अनुसार पूर्व नर्स नवजातों के खून और पेट में हवा भरकर, उन्हें दूध पिलाकर उनकी जान लेती थी। वह इंसुलिन से बच्चों को जहर देती थी। इस नर्स को इन दिनों देश का सबसे खतरनाक बेबी सीरियल किलर माना जा रहा है।
2018 में किया गया था गिरफ्तार
लुसी लेटबी के खिलाफ अक्टूबर 2022 में मुकदमा शुरू हुआ। 2018 में पुलिस ने पहली बार लेटबी को गिरफ्तार किया था। सीपीएस मर्सी-चेशायर के मुख्य क्राउन अभियोजक जोनाथन स्टोरर ने कहा कि यह भयावह केस है। लेटबी की क्रूरता से वह स्तब्ध हैं।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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