गाजीपुर: माफिया मुख्तार अंसारी और उसके परिजनों से संबंधित कई मामले कोर्ट में चल रहे हैं। अब अब्बास अंसारी की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। विशेष न्यायाधीश ( एमपी – एमएलए कोर्ट ) अरविंद मिश्रा की अदालत से झटका लगा है। बंजर जमीन पर कूटरचित तरीके से नाम दर्ज कराने के मामले में जमानत निरस्त करने के फैसले के खिलाफ की गई अब्बास अंसारी की अपील को विशेष न्यायाधीश ने खारिज कर दिया।
अपील निरस्त होने के बाद मुख्तार अंसारी के परिवार में एक बार फिर से खलबली मची है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, सदर तहसील के लेखपाल सत्य प्रकाश ने 19 अगस्त 2020 को कोतवाली में तहरीर दिया था। मुहम्मद पट्टी में बंजर रूप में दर्ज जमीन पर रवींद्रनाथ शर्मा, श्रीकांत उपाध्याय और अरशदपुर निवासी नंदलाल का नाम दर्ज हो गया था।
उस समय तत्कालीन जिलाधकारी ने आदेश को निरस्त करते हुए पुनः जमीन को बंजर भूमि के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया था लेकिन, बाद में उसी बंजर जमीन को अब्बास अंसारी व उमर अंसारी ने कूटरचित तरीके से अपनी मां आफ्शा अंसारी का नाम दर्ज करा दिया था।
इसी आधार पर कोतवाली में अब्बास अंसारी सहित 12 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ था। विवेचना के बाद पुलिस ने न्यायालय में आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया था ।
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