1947 से अब तक…स्वतंत्रता के बाद से आज तक की भारत गाथा की प्रमुख घटनाएं
जयप्रकाश नारायण
स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे। उन्हें 1970 में इंदिरा गांधी के विरुद्ध विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता है। इन्दिरा गांधी को पदच्युत करने के लिये उन्होने ‘सम्पूर्ण क्रांति’ नामक आन्दोलन चलाया। उनके संपूर्ण क्रांति के नारे पर पूरा देश उमड़ पड़ा था और उन्हें समाजसेवा के लिए लोकनायक की उपाधि दी गई।
मोक्षगुण्डम विश्वेश्वरय्या
सर मोक्षगुण्डम विश्वेश्वरय्या भारत के महान अभियन्ता एवं राजनयिक थे। उन्हें सन 1955 में भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से विभूषित किया गया था। उनका जन्मदिन अभियन्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्हें कर्नाटक का भगीरथ भी कहा जाता है।
बाला साहब ठाकरे
बाला साहब ठाकरे प्रसिद्ध हिन्दुत्वनिष्ठ राजनेता था। वह मराठी अस्मिता की रक्षा के लिए संकल्पित योद्धा के रूप में काम करते रहे। शिवसेना जैसे प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन की स्थापना कर उन्होंने महाराष्ट्र में जिहादियों-विधर्मियों के कभी पैर नहीं जमने दिए।
मिल्खा सिंह
मिल्खा सिंह स्वतंत्र भारत के पहले खेल नायक थे और उन्होंने ट्रैक पर अपने कारनामों से कई पीढ़ियों को प्रेरित किया। वह भारत के लिए राष्ट्रमंडल खेलों में पहले स्वर्ण पदक विजेता भी थे। इसके अलावा, उन्होंने एशियाई खेलों में तीन बार स्वर्ण पदक भी जीता था। उन्हें फ्लाइंग सिख की उपाधि दी गई थी।
पीटी उषा
अगर भारत में किसी से भी तेज दौड़ने वाली महिला के बारे में पूछा जाए तो बच्चे-बच्चे के मुंह से सबसे पहले पीटी उषा का नाम आता है। उन्होंने लगभग दो दशकों तक भारत को एथलेटिक्स में सम्मान दिलाया है। ट्रैक पर तेज दौड़ने के कारण उन्हें ‘क्वीन आॅफ इंडियन ट्रैक’ नाम दिया गया। उन्होंने एथलेटिक्स में ओलंपिक में गोल्ड मेडल हासिल किया है।
रामानंद सागर
रामानंद सागर उस विभूति का नाम है जिसने आज के युग की रामायण को जन-जन के ह्दय में बसाया। यानी उनका बनाया असाधारण धारावाहिक‘रामायण’ सिर्फ भारत ही नहीं अपितु विश्व में आज भी उतनी ही श्रद्धा से देखा जाता है।
रतन टाटा
विश्व उद्योग जगत में रतन टाटा वह विभूति हैं, जो लगभग हर क्षेत्र में उत्पादन से लेकर विपणन तक अपनी गुणवत्ता के झंडे गाड़ चुकी है। सफलता की जिन ऊंचाइयों पर टाटा समूह को लाकर खड़ा किया है उसमें सबसे बड़ा हाथ नवाचार, समयानुकूल सोच और मानवीय पक्ष का है।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम
देश के महानतम वैज्ञानिकों में से एक राष्ट्रपति पद को सम्मानित करने वाले डॉ एपीजे अब्दुल कलाम किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। मजहब से मुस्लिम होते हुए भी उन्होंने हिन्दू धर्म और संस्कृति को भी आत्मसात किया था। पोखरण एक और दो विस्फोट डॉ कलाम की तपस्या का प्रतिफल था।
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