नई दिल्ली। देश के गरीबों को बैंकिंग सेवा से जोड़ने के लिए लॉन्च प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) योजना के खाताधारकों की संख्या 50 करोड़ के पार पहुंच गई है। इस योजना के तहत 56 फीसदी बैंक खाते महिलाओं के खोले गए हैं, तो 67 फीसदी बैंक खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं। इन खातों में जमा कुल राशि 2.03 लाख करोड़ रुपये है।
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय मिशन के तहत पीएमजेडीवाई योजना को 28 अगस्त 2014 को शुरू किया गया था। इस योजना के करीब 9 वर्ष पूरे हो गए हैं। बैंकों द्वारा प्रस्तुत नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक 9 अगस्त तक जन धन खातों की कुल संख्या 50 करोड़ से अधिक हो गई है। इन खातों में 56 फीसदी बैंक खाते महिलाओं के हैं। वहीं, 67 फीसदी बैंक खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं।
मंत्रालय के मुताबिक प्रधानमंत्री जन-धन योजना खातों में जमा कुल राशि 2.03 लाख करोड़ रुपये है। इन खाताधारकों में से करीब 34 करोड़ अकाउंट्स के लिए मुफ्त में रूपे कार्ड जारी किया गया है। इसके अलावा हर जन-धन खाते में 4,076 रुपये का औसत बैलेंस है। वहीं, इन 50 करोड़ पीएमजेडीवाई खाताधारकों में से 5.5 करोड़ खाताधारक को डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी) योजनाओं का लाभ लाभ मिल रहा है।
उल्लेखनीय है कि सरकार की पीएमजेडीवाई योजना देश के वित्तीय परिदृश्य को बदलने में सफल रही है। प्रधानमंत्री जन-धन खाताधारकों को कई लाभ मिलता है। इस योजना के तहत बैंक अकाउंट खोलने वालों को न्यूनतम बैलेंस रखने की कोई जरुरत नहीं है। योजना के तहत मुफ्त में रूपे कार्ड के साथ इसमें 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा का लाभ मिलता है। इसके अलावा एक हजार रुपये की ओवरड्रॉफ्ट फैसिलिटी की सुविधा भी है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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