फिर आएगी वाइ2के के स्तर की तकनीकी चुनौती?
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

फिर आएगी वाइ2के के स्तर की तकनीकी चुनौती?

क्वान्टम से उत्पन्न सुरक्षा चुनौती का समाधान कैसे होगा? उत्तर यही है कि क्वान्टम कंप्यूटर ही हमें ऐसी सुरक्षित प्रणालियों की ओर ले जाएंगे जिन्हें भेद पाना खुद उनके लिए भी संभव न हो

by बालेन्दु शर्मा दाधीच
Aug 18, 2023, 07:22 pm IST
in भारत
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

 तकनीकी संस्थानों की वेबसाइटों की सुरक्षा जिस सिक्योर सॉकेट लेयर पर आधारित है (जिनके वेब पतों की शुरुआत https:\\ से होती है), वे भी इसी एनक्रिप्शन प्रणाली का प्रयोग करती हैं। इसमें की-साइज 4096-बिट तक जा सकता है जो अकल्पनीय हद तक सुरक्षित है क्योंकि वर्तमान साइबर सुरक्षा प्रणालियां 128 बिट एनक्रिप्शन में भी बहुत सुरक्षित मानी जाती हैं।

‘डीपवॉच’ नामक साइबर सुरक्षा कंपनी की उपाध्यक्ष मरीसा रीज वुड को गत वर्ष साइबर सुरक्षा की 10 सर्वाधिक प्रमुख वैश्विक हस्तियों में गिना गया था। मरीसा का मानना है कि दुनिया की सर्वाधिक अभेद्य एनक्रिप्शन प्रणाली, आरएसए (रिवेस्ट शमीर एडलमैन) को भेदने में सामान्य कंप्यूटर को तीन लाख अरब (300 ट्रिलियन) वर्ष लगेंगे। आरएसए एनक्रिप्शन एल्गोरिद्म का प्रयोग अत्यंत संवेदनशील प्रणालियों में होता है जैसे कि डिजिटल हस्ताक्षर, सुरक्षित संचार (रक्षा प्रणालियों सहित), एप्लीकेशनों के बीच संकेतों का आदान-प्रदान (जहां आपके संदेश दोनों तरफ से एनक्रिप्टेड हैं और उन्हें बीच में एक्सेस नहीं किया जा सकता) आदि, आदि।

बैंकिंग, वित्तीय, सुरक्षा, सरकारी तथा बड़े तकनीकी संस्थानों की वेबसाइटों की सुरक्षा जिस सिक्योर सॉकेट लेयर पर आधारित है (जिनके वेब पतों की शुरुआत https:\\ से होती है), वे भी इसी एनक्रिप्शन प्रणाली का प्रयोग करती हैं। इसमें की-साइज 4096-बिट तक जा सकता है जो अकल्पनीय हद तक सुरक्षित है क्योंकि वर्तमान साइबर सुरक्षा प्रणालियां 128 बिट एनक्रिप्शन में भी बहुत सुरक्षित मानी जाती हैं।

मरीसा वुड का कहना है कि क्वान्टम कंप्यूटर इसी आरएसए एनक्रिप्शन को 10 सेकेंड में भेद सकता है। मरीसा के बयान के समय गूगल का ताजातरीन क्वान्टम कंप्यूटर नहीं आया था जो उसके ‘साइकामोर’ क्वान्टम कंप्यूटर से 24 करोड़ गुना अधिक शक्तिशाली है। उस स्थिति में आपके और हमारे पासवर्ड की सुरक्षा के बारे में तो चर्चा ही क्या की जाए जब दुनिया की अधिकतम शक्तिशाली एनक्रिप्शन प्रणालियां भी दयनीय स्थिति में आ सकती हैं। तब जो स्थिति सामने आएगी, उसकी तुलना ‘वाइ2के’ (Y2K problem) समस्या से की जा सकती है जिसने सन् 2000 से ठीक पहले विश्व इतिहास की सबसे बड़ी डिजिटल तकनीकी चुनौती खड़ी कर दी थी।

अमेरिका का नेशनल इंस्टीट्यूट आफ स्टैंडर्ड्स एंड टेक्नॉलॉजी बहुत सारे विशेषज्ञों की मदद से इस काम में जुटा है। इनमें प्रौद्योगिकी कंपनियों, शीर्ष तकनीकी शिक्षण संस्थानों, शोध संस्थानों, सरकारी संस्थानों और उद्योग संगठनों से जुड़े माहिर लोग शामिल हैं। उम्मीद है कि 2024 के अंत तक कोई ठोस उपलब्धि प्राप्त हो जाए। माना कि हम भावी चुनौतियों का समाधान तलाश लें लेकिन एक प्रश्न जो हमें निरंतर सशंकित बनाए रखेगा, वह यह है कि उस समय वर्तमान डेटा और वर्तमान प्रणालियों का क्या होगा जो उस समय भी काम कर रही होंगी।

वाइ2के के समय में दुनिया पहले से तैयार नहीं थी लेकिन क्वान्टम के संदर्भ में समुचित तैयारी के लिए हमारे पास समय भी है और अनुभव भी। प्रश्न है कि क्वान्टम से उत्पन्न सुरक्षा चुनौती का समाधान कैसे होगा? तो उत्तर वही है जो अक्सर तकनीकी दुविधाओं के संदर्भ में दिया जाता है। और वह यह कि तकनीक से पैदा होने वाली चुनौतियों का समाधान भी तकनीक और नवाचार में ही निहित है। यह बात कंप्यूटरों पर भी सच है, मोबाइल फोन पर भी, इंटरनेट पर भी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर भी और क्वान्टम कंप्यूटर पर भी।

क्वान्टम कंप्यूटर ही हमें ऐसी सुरक्षित प्रणालियों की ओर ले जाएंगे जिन्हें भेद पाना खुद उनके लिए भी संभव न हो। सच तो यह है कि उनके प्रचलन में आने से पहले ही तकनीकी कंपनियां ऐसी प्रणालियों के विकास में लग गई हैं जिन्हें क्वान्टम कंप्यूटर भी भेद न पाएं। इनमें आईबीएम और थेल्स जैसी कंपनियां भी हैं जिन्होंने क्वान्टम-पश्चात क्रिप्टोग्राफी पर आधारित सुरक्षा प्रणालियों के विकास का दावा किया है।
क्वान्टम-सुरक्षित एनक्रिप्शन का विकास चल रहा है। अमेरिका का नेशनल इंस्टीट्यूट आफ स्टैंडर्ड्स एंड टेक्नॉलॉजी बहुत सारे विशेषज्ञों की मदद से इस काम में जुटा है। इनमें प्रौद्योगिकी कंपनियों, शीर्ष तकनीकी शिक्षण संस्थानों, शोध संस्थानों, सरकारी संस्थानों और उद्योग संगठनों से जुड़े माहिर लोग शामिल हैं। उम्मीद है कि 2024 के अंत तक कोई ठोस उपलब्धि प्राप्त हो जाए। माना कि हम भावी चुनौतियों का समाधान तलाश लें लेकिन एक प्रश्न जो हमें निरंतर सशंकित बनाए रखेगा, वह यह है कि उस समय वर्तमान डेटा और वर्तमान प्रणालियों का क्या होगा जो उस समय भी काम कर रही होंगी। याद रखिए, इनमें क्वान्टम के स्तर की सुरक्षा मौजूद नहीं है।

(लेखक माइक्रोसॉफ्ट में ‘निदेशक- भारतीय भाषाएं
और सुगम्यता’ के पद पर कार्यरत हैं)

Topics: क्वान्टम कंप्यूटरquantum computerसाइबर सुरक्षा कंपनीनेशनल इंस्टीट्यूट आफ स्टैंडर्ड्स एंड टेक्नॉलॉजीCyber ​​Security CompanyNational Institute of Standards and Technology
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

अविश्वसनीय शक्ति क्वान्टम कंप्यूटर की

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ विश्व हिंदू परिषद का प्रतिनिधिमंडल

विश्व हिंदू परिषद ने कहा— कन्वर्जन के विरुद्ध बने कठोर कानून

एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त

Air India Crash Report: उड़ान के तुरंत बाद बंद हुई ईंधन आपूर्ति, शुरुआती जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे

पुलिस की गिरफ्त में अशराफुल

फर्जी आधार कार्ड बनवाने वाला अशराफुल गिरफ्तार

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ : अरविंद नेताम

अहमदाबाद विमान हादसा

Ahmedabad plane crash : विमान के दोनों इंजन अचानक हो गए बंद, अहमदाबाद विमान हादसे पर AAIB ने जारी की प्रारंभिक रिपोर्ट

आरोपी

उत्तराखंड: 125 क्विंटल विस्फोटक बरामद, हिमाचल ले जाया जा रहा था, जांच शुरू

उत्तराखंड: रामनगर रेलवे की जमीन पर बनी अवैध मजार ध्वस्त, चला बुलडोजर

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

स्वामी दीपांकर

1 करोड़ हिंदू एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने की “भिक्षा”

दिल्ली-एनसीआर में 3.7 तीव्रता का भूकंप, झज्जर था केंद्र

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies