चीन के फैंके पैसों से पेट पालते आ रहे कंगाल पाकिस्तान को अब उसके आका कम्युनिस्टों ने एक सलाह दी है। हालांकि यह कोई पहली बार नहीं है कि चीन ने पाकिस्तान को कोई नसीहत दी हो, लेकिन इस बार उसने सीधे भारत को उससे कई गुना बेहतर देश का दर्जा जैसा दिया है। चीन की तरफ से वहां के एक अंतरराष्ट्रीय संबंधों के विशेषज्ञ ने पाकिस्तान को यह सलाह दी है कि विकास कैसे किया जाता है यह भारत से सीखो।
हालांकि ड्रैगन दुनिया के सामने लाख दिखावे करता है कि उसे किसी और देश के अंदरूनी मामलों से कोई लेना—देना नहीं है। लेकिन असल में वह कम से कम पाकिस्तान के मामने में तो ऐसा करना गवारा कर ही नहीं सकता। भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे उस इस्लामी देश को कम्युनिस्ट चीन अपने दबदबे में रखे रहने के लिए कई मौकों पर कई विषयों में सलाहें देता रहता है, जिन पर पाकिस्तानी हुक्मरानों को चलना ही पड़ता है, नहीं तो उस देश में घरों में शायद चूल्हे न जल पाएं।
इन दिनों भारत से तनाव पालते आ रहे और भारत की सीमाओं के अतिक्रमण के दोषी चीन के उस अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ को भी दुनिया में भारत की बढ़ती साख का अंदाजा है। शायद यही वजह है कि उसने पाकिस्तान को भारत से सीख लेने की नसीहत दी है। उसने कहा है कि गत कुछ सालों में भारत ने जिस तेजी से विकास के मापदंड गढ़े हैं, उससे पड़ोसी देश को कुछ सीखने की जरूरत है।
चीन ही नहीं, अमेरिका और पश्चिम के विभिन्न विशेषज्ञों को भी मोदी की दूरदर्शिता को देखकर हैरानी होती है। भारत में हर पड़ोसी देश में जैसा हाहाकार मचा है, उसे भी दुनिया देख रही है। इसलिए इस क्षेत्र में चीन को टक्कर में कोई दिखता है तो वह भारत ही है। इसलिए अब कम्युनिस्ट देश के विशेषज्ञ भी खुलकर भारत की तारीफ करने लगे हैं।
चीन के अंतरराष्ट्रीय मामलों के ये विशेषज्ञ, हु शिशेंग बीजिंग में ‘चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ कंटेम्परेरी इंटरनेशनल रिलेशंस’ (सीआईसीआईआर) में इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशियन स्टडीज के डायरेक्टर हैं। पकिस्तान के एक कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए उन्होंने उस देश को भारत को देखकर उससे सीखने की सलाह दी थी। वे बीजिंग से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उनका कहना था कि पाकिस्तान भारत के विकास पर ध्यान दे, उसकी तरफ देखे और सीखे कि विकास कैसे करना चाहिए।
शिशेंग का कहना था कि भारत आज जो तेजी से विकास कर रहा है वह खासतौर पर गुजरात की तर्ज पर ही है। उनका सवाल था कि ऐसा पाकिस्तान नहीं कर पाया, क्यों? इस पर सोचने की जरूरत है। ऐसे किसी मॉडल पर यहां विकास करने का क्यों नहीं सोचा गया। कार्यक्रम में चीनी विशेषज्ञ शिशेंग ने सलाह दी कि पाकिस्तान को अभी कुछ वक्त के लिए अपनी कोई नई बुनियादी ढांचा परियोजना शुरू नहीं करनी चाहिए। ऐसा न करके अगर वह वर्तमान में चल रहीं परियोजनाओं को फिर से खड़ा करने पर ध्यान देगा तो उससे काफी मदद मिलेगी।
इस चीनी विशेषज्ञ का कहना था कि अपने कारोबारी और वित्तीय घाटे को दूर करने के लिए पाकिस्तान अपने पैरों पर खड़ा हो। चीजों को अपने बूते करना सीखे। अगर पाकिस्तान विकास से जुड़ी अपनी परियोजनाओं में नए साझेदारों को जोड़ने की कोशिश करेगा तो बेहतर होगा।
उल्लेखनीय है कि गत 15 अगस्त को लालकिले से दिए भाषण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक का देश के विकास का जो खाका खींचा था उसे दुनिया ने देखा। विश्व के नेता जानते हैं कि मोदी जो कहते हैं, उसे पूरा करके दिखाते हैं। इसी वजह से पिछले नौ साल में भारत ने असाधारण गति से विकास के प्रतिमान गढ़े हैं। चीन ही नहीं, अमेरिका और पश्चिम के विभिन्न विशेषज्ञों को भी मोदी की दूरदर्शिता और सर्वसमावेशिता को देखकर हैरानी होती है। भारत में हर पड़ोसी देश में जैसा हाहाकार मचा है, उसे भी दुनिया देख रही है। इसलिए इस क्षेत्र में चीन को टक्कर में कोई दिखता है तो वह भारत ही है। इसलिए अब कम्युनिस्ट देश के विशेषज्ञ भी खुलकर भारत की तारीफ करने लगे हैं।
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