पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दुओं, सिखों, अहमदियाओं और ईसाइयों पर मजहबी दमन जारी है। इस बार उन्मादियों की हिंसक प्रवृत्ति ईसाइयों को लेकर भड़की है। इस्लामवादियों की बेलगाम भीड़ ने ‘कुरान जला दी’ की खबर सुनते ही एक चर्च पर जाकर तोड़फोड़ ही नहीं की, बल्कि उसके एक बड़े हिस्से को भी फूंक डाला।
फैसलाबाद से मिले समाचार के अनुसार, वहां ‘कुरान के अपमान’ की खबर फैलते ही माहौल ऐसा तनावपूर्ण हो गया कि मुसलमान इकट्ठे होकर स्थानीय चर्च पर जा पहुंचे। वहां आसपास रह रहे ईसाइयों के घर तोड़ने लगे, उन्हें बेवजह मारने लगे। इसके बाद भीड़ ने चर्च का रुख किया और चर्च में तोड़फोड़ करने के बाद आग लगा दी।
पाकिस्तान में हाल में कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त हुए अनवर-उल-हक काकर ने इस घटना पर अफसोस जताया है। इसको लेकर सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि फैसलाबाद से आ रहीं तस्वीरों को देखकर वे बहुत दुखी हैं। उन्होंने आगे लिखा कि किसी को भी कानून का उल्लंघन नहीं करने दिया जाएगा। ऐसा करने वालों पर कार्रवाई होगी, जिन्होंने भी अल्पसंख्यकों को हिंसा निशाना बनाया है उनके विरुद्ध कड़ा कदम उठाया जाएगा।
‘कुरान के अपमान’ की खबर फैलते ही माहौल ऐसा तनावपूर्ण हो गया कि मुसलमान इकट्ठे होकर स्थानीय चर्च पर जा पहुंचे। वहां आसपास रह रहे ईसाइयों के घर तोड़ने लगे, उन्हें बेवजह मारने लगे। इसके बाद भीड़ ने चर्च का रुख किया और चर्च में तोड़फोड़ करने के बाद आग लगा दी।
उल्लेखनीय है कि यह घटना पाकिस्तान के फैसलाबाद शहर में कुरान के कथित अपमान की घटना के बाद गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय ईसाई आबादी पर हमला कर दिया. फैसलाबाद की जरांवाला तहसील में हुई है। वहां किसी ने अफवाह उड़ा दी थी कि एक ईसाई युवक ने कुरा जलाई है। इसके बाद ईशनिंदा का आरोप लगाते हुए कट्टर मजहबी तत्व चर्च के सामने जुटने लगे और देखते ही देखते हिंसा तथा आगजनी पर उतर आए। चर्च के अगल—बगल की कई इमारतों को नुकसान पहुंचा है, ईसाई कालोनी में कई घर तोड़े गए हैं।
हालांकि कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक ने पुलिस को अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ने और अदालत में पेश करने के आदेश तो दिए हैं। लेकिन ऐसी घटनाएं इससे कम हो जाएंगी इसकी कैसी भी कोई संभावना नहीं है। कट्टर सुन्नियों को चलाने वाले मुल्ला मौलवी उन्हें भड़काना नहीं छोड़ेंगे और वे हिंसा का रास्ता नहीं छोड़ेंगे। अदालत भी ऐसे मामलों में अधिकांशत: कट्टर तत्वों के सामने लाचार ही दिख है। ऐसी अदालतों से अल्पसंख्यकों को न्याय की उम्मीद भी न के बराबर होताी है।
इस घटना पर चर्च ऑफ पाकिस्तान के अध्यक्ष बिशप आजाद मार्शल ने ट्वीट में लिखा है कि वे पाकिस्तान के फैसलाबाद जिले में हुई घटना से बहुत आहत हुए हैं। चर्च की इमारत जलाई गई, बाइबिल का अपमान हुआ। उन्होंने कहा कि ईसाइयों पर ‘पवित्र कुरान’ के अपमान का झूठा आरोप लगाकर उन्हें दमन का शिकार बनाया गया है। बिशप आजाद ने सरकार से न्याय की गुहार भी लगाई है।
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