रायपुर। भाजपा सांसदों ने छत्तीसगढ़ में 39,267 नवजात बच्चों की मृत्यु को लेकर 11 अगस्त को शिकायत की थी। जिस पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने राज्य सरकार से सात दिन के भीतर दस्तावेज के साथ जवाब मांगा है।
उल्लेखनीय है कि 11 अगस्त को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के नेतृत्व में संसद गुहाराम अजगले, विजय बघेल एवं गोमती साय ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष को एक शिकायत पत्र सौंपा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में राज्य के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने जानकारी दी थी कि जनवरी 2019 से 2023 तक शून्य से पांच वर्ष के बच्चों की मृत्यु का आंकड़ा 39267 है। यह अत्यंत चिंताजनक विषय है।
सांसदों ने कहा था कि स्पष्ट है कि राज्य सरकार नवजात शिशुओं को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने में पूर्ण विफल रही है। राज्य सरकार की लापरवाही के कारण इतने बड़े पैमाने पर मौतें हुई है। राज्य सरकार लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के लिए पूरी तरह से विफल रही है। इतनी बड़ी मौतों की दोषी राज्य सरकार है। सांसदों ने आग्रह किया था कि आयोग इस गंभीर विषय को संज्ञान में लेवे और नवजात बच्चों की मृत्यु की समुचित जांच करवाने का कष्ट करें।
सांसदों की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन को बुधवार को निर्देश दिया है कि नवजात शिशुओं की मौत को लेकर जांच करवाकर आवश्यक दस्तावेजों के साथ सात दिन के भीतर रिपोर्ट भेजें।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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