बलूचिस्तान के ग्वादर में बीते दिनों बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने चीनी इंजीनियरों के काफिले पर एक आत्मघाती हमला किया। इस हमले के कारण चार चीनी नागरिकों के मारे जाने की जानकारी निकलकर सामने आई। वहीं हमलावर बीएलए ने इस हमले को ‘ऑपरेशन जिर पहजाग’ का नाम देते हुए और अपने मिशन का तीसरा चरण पूरा होने का ऐलान करते हुए 90 दिनों के अंदर चीन को यहां से चले जाने का अल्टीमेटम दे दिया है।
ग्वादर बलूचिस्तान का एक पोर्ट सिटी है जहां पर चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) के कई प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं। बीएलए के हमले में मारे गए चीनी लोग इन्हीं प्रोजेक्ट्स की वजह से यहां पर मौजूद थे।
भारी सुरक्षा के इंतजाम भी नहीं बचा सके जान
इस हमले की जानकारी देते हुए बीएलए के प्रवक्ता जीयांद बलूच ने कहा कि “हवाईअड्डे से ग्वादर बंदरगाह की ओर जा रहे चीनी इंजीनियरों के एक काफिले पर चेयरमैन इशाक चौक के न्यायिक परिसर के पास संगठन की मजीद ब्रिगेड ने हमला किया। इस हमले को सुबह 9 बजकर 18 मिनट के करीब अंजाम दिया गया”। बताया जाता है कि जिस समय हमला किया गया उस समय चीनी नागरिकों के काफिले के साथ पाकिस्तानी सेना, पुलिस, एटीएफ और एक बख्तरबंद वाहन सहित कई गाड़ियाँ मौजूद थीं। सभी चीनी इंजीनियरों को भारी सुरक्षा प्राप्त थी।
हथगोले का इस्तेमाल कर रोका काफिला, फिर 30 मिनट तक चलाई दनादन गोलियां
बीएलए ने चीनी नागरिकों के काफिले को रोकने के लिए पहले तो हथगोलों का प्रयोग किया फिर लगभग 30 मिनट तक लगातार फायरिंग कर गोलियां बरसाईं। जिसमे चार चीनी नागरिक और ग्यारह पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई। वहीं हमला करने वालों में से दो लोगों की पहचान नवीद बलूच और मकबूल बलूच के रूप में हुई है। जिन्हें बीएलए ने अपना सैनिक बताया है। जो पाकिस्तानी सेना के खिलाफ तब तक डटे रहे, जब तक गोला-बारूद खत्म नहीं हो गया। इसके बाद उन्होंने ‘आखिरी गोली’ के सिद्धांत का पालन करते हुए अपनी जान ले ली।
खाली करो बलूचिस्तान !
बीएलए ने हमले के जरिए चीन को एक साफ और सख्त सन्देश देते हुए बलूचिस्तान को 90 दिनों के अन्दर खाली करने का अल्टीमेट दिया है। बलूच लिबरेशन आर्मी के प्रवक्ता जीयांद बलूच ने कहा कि चीन बलूचिस्तान पर कब्जा कर यहां सीपीईसी जैसे प्रोजेक्ट्स चला रहा है जिसका बलूचिस्तान विरोध करता है। बीएलए ने बार-बार चीन को बलूचिस्तान से दूर रहने के लिए कहा है। चीन जो कुछ भी कर रहा है वह सिर्फ बलूच नागरिकों के शोषण के तहत ही आता है।
बीएलए ने साफ कर दिया है कि जब तक बलूचिस्तान को आजादी नहीं मिलती, किसी भी विदेशी निवेश को इजाजत नहीं मिलेगी। बीएलए ने साफ कर दिया है कि अगर 90 दिनों में चीन यहां से नहीं गया तो फिर उसे और ज्यादा हमलों के लिए तैयार रहना होगा।
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