2015 : डिजिटल इंडिया अभियान : डिजिटल इंडिया ने बदल दिया समाज

1 अप्रैल, 2015 को प्रारंभ डिजिटल इंडिया अभियान का उद्देश्य भारत को डिजिटली सशक्त समाज और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करने का था।

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डिजिटल इंडिया के साथ ही देश में इंटरनेट की पहुंच बढ़ती जा रही है। सिस्को की सालाना रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2023 तक भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 90.7 करोड़ हो जाएगी। रिपोर्ट बताती है कि उपकरण एवं कनेक्शन की संख्या आबादी के बढ़ने की गति से ज्यादा है।

डिजिटल इंडिया नरेंद्र मोदी नीत सरकार का वह अभियान है जिसने सरकार और जनता के बीच की दूरी को घटाया है। 1 अप्रैल, 2015 को प्रारंभ डिजिटल इंडिया अभियान का उद्देश्य भारत को डिजिटली सशक्त समाज और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करने का था।

डिजिटल इंडिया अभियान को शुरू हुए आठ वर्ष बीत चुके हैं। इसने लाभार्थियों को कई प्रकार की सेवाएं पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार मुक्त तरीके से उपलब्ध कराने में मदद की है। सभी लाभार्थियों के जन-धन खाते खुल जाने से अब सरकार उनके खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिए धन हस्तांतरण कर दे रही है। इससे जनता को सरकार से मिलने वाले पैसे में भ्रष्टाचार का खात्मा हुआ है।

डिजिटल इंडिया के तहत इंटरनेट बुनियादी ढांचा स्थापित किये जाने से देश के कोने-कोने में जनता दूरस्थ लोगों के सीधे संपर्क में आने में समर्थ हुई है। विद्यार्थी पढ़ाई करने, फॉर्म भरने से लेकर आनलाइन परीक्षा देने तक का लाभ उठाने लगे हैं। डिजिटल इंडिया से किसान वर्ग भी जबरदस्त ढंग से लाभान्वित हुआ है। मौसम की जानकारी और बीज, खाद वगैरह की जानकारी के अलावा अपने कृषि उत्पाद को किसान सीधे आनलाइन बेचने में समर्थ हुआ है।

डिजिटल इंडिया के तहत सरकार ने इंडिया बीपीओ प्रमोशन स्कीम और सूचना प्रौद्योगिकी क्षम सेवाओं (आईटीईएस) के जरिये छोटे शहरों एवं कस्बों में रोजगार सृजित किये हैं। सूचना प्रौद्योगिकी का बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराये जाने से युवाओं ने स्वयं इसका लाभ उठाते हुए स्टार्टअप स्थापित करने प्रारंभ किये हैं। इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल इंडिया ने विद्यार्थियों को दूर-दराज के बेहतर शिक्षकों से जोड़ कर उन्हें उन्नत करने में मदद की है।

देश में डिजिटल इंडिया अभियान के तहत शुरू की गई पहलों में आधार, कॉमन सर्विस सेंटर, डिजीलॉकर, यूनिफाइड मोबाइल अप्लीकेशन फॉर न्यू एज गवर्नेंस (उमंग), ई-साइन, माई गवर्नमेंट, मेरी पहचान, डिजिटल विलेज, ई-डिस्ट्रिक्ट मिशन मोड प्रोजेक्ट, ओपेन गवर्नमेंट डेटा प्लेटफॉर्म, ई-हॉस्पिटल/आनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम, को-विन, जीवन प्रमाण, एनसीओजी-जीआईएस अप्लीकेशन, नेशनल नॉलेज नेटवर्क, प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान, यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई), फ्यूचर स्किल्स प्राइम, साइबर सुरक्षा, इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण प्रमुख हैं।

डिजिटल इंडिया के साथ ही देश में इंटरनेट की पहुंच बढ़ती जा रही है। सिस्को की सालाना रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2023 तक भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 90.7 करोड़ हो जाएगी। रिपोर्ट बताती है कि उपकरण एवं कनेक्शन की संख्या आबादी के बढ़ने की गति से ज्यादा है। वर्ष 2023 तक कुल मोबाइल उपयोगकर्ताओं की संख्या 96.6 करोड़ हो जाएगी। इन उपकरणों में स्मार्टफोन की हिस्सेदारी 38 प्रतिशत होगी। स्पष्ट है कि भारत का तेजी से डिजिटाइजेशन हो रहा है और इसका लाभ जन-जन तक व्याप्त हो रहा है।

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