5 अगस्त, 2019 : बदल गया कश्मीर
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

5 अगस्त, 2019 : बदल गया कश्मीर

कश्मीरी अलगाववाद के कई बहाने गढ़े गए थे। अब वे सारे समाप्त होते जा रहे हैं

by WEB DESK
Aug 15, 2023, 03:13 pm IST
in भारत
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

जम्मू-कश्मीर में केंद्र के 150 कानून लागू किए गए, जो पहले लागू नहीं थे। लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया। पहले जम्मू-कश्मीर के साथ अन्य राज्यों से इतर विशिष्ट व्यवहार किया जाता था।

अनुच्छेद-370 और 35ए

  • 17 अक्तूबर, 1949 को अंतरिम व्यवस्था के तहत अनुच्छेद-370 संविधान का हिस्सा बना।
  • 14 मई, 1954 में नेहरू कैबिनेट की सलाह पर राष्ट्रपति के आदेश से 35ए को जोड़ा गया।
  •  1964 में अनुच्छेद-370 हटाने के लिए सर्वसम्मति बनी, पर कांगे्रस ने विधेयक पारित नहीं होने दिया।
  •  5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 और 35ए को समाप्त किया गया।

अनुच्छेद-370 और 35ए की समाप्ति के साथ ही जम्मू-कश्मीर में केंद्र के 150 कानून लागू किए गए, जो पहले लागू नहीं थे। लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया। पहले जम्मू-कश्मीर के साथ अन्य राज्यों से इतर विशिष्ट व्यवहार किया जाता था।

अब यह राज्यों की सामान्य सूची में शामिल हो गया है। संसद द्वारा बनाए जाने वाले नियम या संशोधन जम्मू-कश्मीर पर भी लागू होंगे। अन्य राज्यों की तरह यहां भी विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्ष की बजाए 5 वर्ष का होगा। विधानसभा में राज्य संविधान सभा की शक्तियां निहित होंगी। पहले विधानसभा राज्यपाल को अपनी सिफारिश भेजती थी।

भूमि सुधार कानून, संविधान की धारा 360 के तहत वित्तीय आपातकाल भी नहीं लगाया जा सकता था। अब बाल विवाह, शिक्षा का अधिकार, केंद्रीय सूचना का अधिकार अधिनियम जैसे तमाम कानून लागू होने के साथ वाल्मीकि, वंचित और गोरखा, जो दशकों से राज्य में रह रहे हैं, उन्हें भी राज्य के अन्य निवासियों की तरह समान अधिकार मिल रहे हैं। पहले केंद्र से मिलने वाले आर्थिक पैकेज का अधिकांश हिस्सा कश्मीर घाटी को जाता था और जम्मू व लद्दाख के साथ सौतेला व्यवहार होता था। 

राज्यपाल उसे राष्ट्रपति को आदेश जारी करने के लिए अग्रेषित करते थे। अब यह कार्य विधानसभा के स्थान पर राज्य मंत्रिमण्डल कर सकेगा। अनुच्छेद-35ए ‘एक विधान, एक संविधान, एक राष्ट्रगान, एक निशान’ की भावना के भी विरुद्ध था। यह संविधान में जोड़ा गया ऐसा संशोधन था, जिसे संसद की भागीदारी के बगैर राष्ट्रपति के आदेश के जरिए लागू किया गया था। इसके कारण सात दशकों तक राज्य के लाखों नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक न्याय, स्थिति और अवसर की समानता से वंचित रहना पड़ा।

दूसरे राज्यों के लोगों को जम्मू-कश्मीर में संपत्ति खरीदने, राज्य सरकार में नौकरी करने, पंचायतों, नगर पालिकाओं व विधानसभा चुनावों में भागीदारी, सरकार द्वारा संचालित तकनीकी शिक्षा संस्थानों में प्रवेश, छात्रवृत्ति व अन्य सामाजिक लाभ उठाने का अधिकार नहीं था। अनुच्छेद-370 के प्रावधानों के अनुसार, संसद को जम्मू-कश्मीर के संबंध में रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार तो था, लेकिन अन्य विषयों से जुड़े कानून को लागू करने का अधिकार नहीं था। विशेष दर्जे के कारण न तो यहां संविधान की धारा-356 लागू हो सकती थी और न ही राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्खास्त करने का अधिकार था।

भूमि सुधार कानून, संविधान की धारा 360 के तहत वित्तीय आपातकाल भी नहीं लगाया जा सकता था। अब बाल विवाह, शिक्षा का अधिकार, केंद्रीय सूचना का अधिकार अधिनियम जैसे तमाम कानून लागू होने के साथ वाल्मीकि, वंचित और गोरखा, जो दशकों से राज्य में रह रहे हैं, उन्हें भी राज्य के अन्य निवासियों की तरह समान अधिकार मिल रहे हैं। पहले केंद्र से मिलने वाले आर्थिक पैकेज का अधिकांश हिस्सा कश्मीर घाटी को जाता था और जम्मू व लद्दाख के साथ सौतेला व्यवहार होता था।

Topics: One LegislationOne Constitutionजम्मू-कश्मीरOne National AnthemJammu and KashmirOne Symbolजम्मू व लद्दाखCenter in Jammu and Kashmirएक विधानKashmir has changedएक संविधानएक राष्ट्रगानएक निशानजम्मू-कश्मीर में केंद्रJammu and Ladakh
Share1TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा नागरिक इलाकों को निशाना बनाए जाने के बाद क्षतिग्रस्त दीवारें, टूटी खिड़कियां और ज़मीन पर पड़ा मलबा

पाकिस्तानी सेना ने बारामुला में की भारी गोलाबारी, उरी में एक महिला की मौत

पाकिस्तान ने उरी में नागरिक कारों को बनाया निशाना

कायर पाकिस्तान ने नागरिकों को फिर बनाया निशाना, भारतीय सेना ने 50 ड्रोन मार गिराए

Operation Sindoor: शशि थरूर ने की पीएम मोदी और भारतीय सेना की तारीफ, कहा- गर्व है ऐसी कार्रवाई पर

एलओसी पर पेट्रोलिंग करते भारतीय जांबाज

लगातार एलओसी पर फायरिंग के पीछे पाकिस्तान का गेमप्लान

सीमा के उस पार चल रहा एक मदरसा   (फाइल चित्र)

खौफ में जिन्ना का देश, सीमा के आसपास बंद कराए 1000 से ज्यादा मदरसे, हिन्दुस्थान से तगड़ी मार पड़ने की आशंका

सुप्रीम कोर्ट

“बेहद गंभीर वक्त है, सेना का मनोबल न गिराएं”, पहलगाम आतंकी हमले पर सुनवाई से SC का इनकार, लगाई फटकार

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

यह युद्ध नहीं, राष्ट्र का आत्मसम्मान है! : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ऑपरेशन सिंदूर को सराहा, देशवासियों से की बड़ी अपील

शाहिद खट्टर ने पीएम शहबाज शरीफ को बताया गीदड़

मोदी का नाम लेने से कांपते हैं, पाक सांसद ने पीएम शहबाज शरीफ को बताया गीदड़

ऑपरेशन सिंदूर पर बोले शशि थरूर– भारत दे रहा सही जवाब, पाकिस्तान बन चुका है आतंकी पनाहगार

ड्रोन हमले

पाकिस्तान ने किया सेना के आयुध भण्डार पर हमले का प्रयास, सेना ने किया नाकाम

रोहिंग्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अब कुछ शेष नहीं: भारत इन्‍हें जल्‍द बाहर निकाले

Pahalgam terror attack

सांबा में पाकिस्तानी घुसपैठ की कोशिश नाकाम, बीएसएफ ने 7 आतंकियों को मार गिराया

S-400 Sudarshan Chakra

S-400: दुश्मनों से निपटने के लिए भारत का सुदर्शन चक्र ही काफी! एक बार में छोड़ता है 72 मिसाइल, पाक हुआ दंग

भारत में सिर्फ भारतीयों को रहने का अधिकार, रोहिंग्या मुसलमान वापस जाएं- सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

शहबाज शरीफ

भारत से तनाव के बीच बुरी तरह फंसा पाकिस्तान, दो दिन में ही दुनिया के सामने फैलाया भीख का कटोरा

जनरल मुनीर को कथित तौर पर किसी अज्ञात स्थान पर रखा गया है

जिन्ना के देश का फौजी कमांडर ‘लापता’, उसे हिरासत में लेने की खबर ने मचाई अफरातफरी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies