4 फरवरी, 2019 को सीआरपीएफ की बस पर जैश-ए-मुहम्मद के फिदायीन हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों की मौत हुई थी। तब तक ऐसी आतंकवादी घटनाओं के होने पर आम तौर पर कड़ी ‘निंदा’ और ‘बर्दाश्त न करने’ के बयान आते थे।
पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को सीआरपीएफ की बस पर जैश-ए-मुहम्मद के फिदायीन हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों की मौत हुई थी। तब तक ऐसी आतंकवादी घटनाओं के होने पर आम तौर पर कड़ी ‘निंदा’ और ‘बर्दाश्त न करने’ के बयान आते थे। परंतु इस बार सरकार ने अपना रुख बदल दिया। आतंकवादी हमले के अगले दिन सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट कमेटी की बैठक हुई जिसमें सर्जिकल स्ट्राइक का निर्णय ले लिया गया।
सर्जिकल स्ट्राइक के निर्णय पर अमल के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल और तत्कालीन वायुसेना प्रमुख बी.एस. धनोआ की अगुआई में एक अत्यंत गुप्त योजना बनायी गयी। खुफिया जानकारी मिली कि खैबर पख्तूनख्वा में जैश-ए-मुहम्मद के 300 से अधिक आतंकवादियों के सिम सक्रिय हैं।
आतंकवादियों के मारे जाने की खबर मिली। दरअसल इस सर्जिकल स्ट्राइक के बाद वहां सक्रिय 300 से अधिक सिम बंद हो गये थे। हालांकि पाकिस्तान आईएसपीआर के महानिदेशक ने झूठ बोलते हुए भारतीय सर्जिकल स्ट्राइक का स्थल अधिक्रांत कश्मीर में स्थित बालाकोट को बताया और किसी तरह के जानमाल से इनकार किया। परंतु उसके बयान में मुजफ्फराबाद का जिक्र आया और अधिक्रांत कश्मीर स्थित बालाकोट मुजफ्फराबाद से बहुत पहले है।
आपरेशन में शामिल सभी लोगों के फोन बंद कर दिये गये। आखिरकार 12 दिन बाद 26 फरवरी को वायुसेना के विमानों ने पाकिस्तान स्थित खैबर पख्तूनख्वा के मानसेहरा जिले में स्थित बालाकोट में जैश-ए-मुहम्मद के शिविरों पर बम गिराये। इसमें करीब 300 आतंकवादियों के मारे जाने की खबर मिली। दरअसल इस सर्जिकल स्ट्राइक के बाद वहां सक्रिय 300 से अधिक सिम बंद हो गये थे।
हालांकि पाकिस्तान आईएसपीआर के महानिदेशक ने झूठ बोलते हुए भारतीय सर्जिकल स्ट्राइक का स्थल अधिक्रांत कश्मीर में स्थित बालाकोट को बताया और किसी तरह के जानमाल से इनकार किया। परंतु उसके बयान में मुजफ्फराबाद का जिक्र आया और अधिक्रांत कश्मीर स्थित बालाकोट मुजफ्फराबाद से बहुत पहले है।
इस आधार पर पाकिस्तानी पत्रकार मुशर्रफ जैदी ने ट्विटर में मानचित्र नत्थी करते हुए स्पष्ट किया कि भारतीय वायुसेना के विमानों ने नियंत्रण रेखा पार करके अधिक्रांत कश्मीर को पार करते हुए खैबर पख्तूनख्वा में जाकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इसी तरह बालाकोट हमले में जानमाल का कोई नुकसान न होने का आईएसपीआर के डीजी का दावा झूठा साबित हुआ जब पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक आगा हिलाली ने एक लाइव टीवी शो में स्वीकार किया कि भारत ने नियंत्रण रेखा पार कर युद्ध जैसा काम किया है। बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक में कम से कम 300 आतंकवादी मारे गये।
अपने जवानों की मौत का बदला लेने के लिए भारत की ओर से पाकिस्तान में घुसकर की गई इस सर्जिकल स्ट्राइक से पाकिस्तान के लिए आतंकवाद का षड्यंत्र महंगा सौदा साबित हो गया। इससे पूर्व सितंबर, 2016 में भी भारत ने उरी आतंकवादी हमले के जवाब में अधिक्रांत कश्मीर में घुस कर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। परंतु बालाकोट के पाकिस्तान में स्थित होने से भारत की सुरक्षा रणनीति में स्पष्ट बदलाव देखने को मिला कि भारत अपने लोगों की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान के भीतर घुसकर हमले करने से भी नहीं चूकेगा। इसका नतीजा यह हुआ कि बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक में पाकिस्तानी सेना की गिरफ्त में आए विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान ने दो दिन के भीतर रिहा कर दिया।
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