भोपाल: कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ और कांग्रेस नेता अरुण यादव के खिलाफ इंदौर में एफआईआर दर्ज की गई है। तीनों कांग्रेस नेताओं ने कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित एक फर्जी पत्र के जरिए मध्य प्रदेश सरकार पर 50 प्रतिशत कमीशन लेने का आरोप लगाया था। जांच में मुख्य न्यायाधीश का नाम लिखा गया यह पत्र फर्जी निकला। पत्र में जिसका नाम था, उस नाम कोई व्यक्ति और संस्था अस्तित्व में नहीं है। भाजपा की शिकायत पर इंदौर के संयोगितागंज थाने में शनिवार देर शाम एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, फर्जी पत्र के जरिए प्रदेश सरकार पर 50 प्रतिशत कमीशन लेने का आरोल लगाते हुए शुक्रवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई बड़े नेताओं ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला बोला था। इसको लेकर इंदौर में भाजपा विधि प्रकोष्ठ के नेता निमेश पाठक ने संयोगितागंज थाने में शिकायत की थी। इसमें प्रियंका पर ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से एक पत्र के जरिए भ्रामक ट्वीट करने का आरोप लगाया गया है। शिकायत में कहा गया कि कांग्रेस नेताओं ने भाजपा की छवि धूमिल करने का काम किया है। इसके बाद संयोगितागंज थाने में इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है।
केस दर्ज होने के बाद प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेता अंग्रेजों की फांसियों से नहीं डरे, तो इस तरह की एफआईआर से क्या डरेंगे ?
इधर भोपाल में भी भाजपा नेताओं ने शनिवार को भोपाल में क्राइम ब्रांच में शिकायत की थी। भाजपा नेताओं ने शिकायत में कहा कि कांग्रेस नेताओं षड्यंत्रपूर्वक किसी ठेकेदार, एसोसिएशन के नाम से फर्जी पत्र सोशल मीडिया पर प्रचारित कर जनता को भ्रमित कर रहे हैं। भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने प्रियंका गांधी, कमलनाथ, जयराम रमेश, अरुण यादव आदि के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। शिकायत में कहा गया कि सोशल मीडिया पर मप्र ठेकेदार संघ ने हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश को पत्र लिखकर शिकायत की बात कही थी।
पत्र में लिखा कि प्रदेश में 50 प्रतिशत कमीशन देने पर ही भुगतान मिलता है। पत्र में शिकायतकर्ता का पता बसंत विहार कॉलोनी लश्कर ग्वालियर लिखा है। उस पते पर इस नाम का न कोई संघ है और न ही कोई व्यक्ति है। पता भी झूठा है। यह पत्र पूरी तरह निराधार और फर्जी है। प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के प्रदेश महामंत्री और प्रदेश कार्यालय प्रभारी भगवानदास सबनानी, मंत्री विश्वास सारंग, विधायक रामेश्वर शर्मा आदि शामिल थे। डीसीपी क्राइम ब्रांच श्रुति कृति सोमवंशी ने कहा कि भाजपा नेताओं से शिकायत मिली है, जिसकी जांच की जाएगी।
वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि जो गले तक भ्रष्टाचार में डूबे हों, उन पर भरोसा कौन करेगा। कमलनाथ खुद करप्शन नाथ हैं। छापा पड़ा तो 280 करोड़ रुपये कहां से निकले।
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