जिस तरह से ब्रिटेन में खालिस्तानी तत्वों की भारतविरोधी हरकतें बढ़ती जा रही हैं, भारतीय उच्चायोग, भारत—भक्तों और मंदिरों का निशाना बनाया जा रहा है उसके विरुद्ध भारत ने कड़ी नाराजगी जताते हुए वहां की सरकार से इस हरकत पर लगाम लगाने की अपील की थी। लंदन में भारतीय उच्चायोग को पर्याप्त सुरक्षा न देने का विरोध करते हुए, भारत ने भी नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायोग के सामने से सुरक्षा हटाकर कड़ा संकेत दिया था। भारत की उस दृढ़ता का ही परिणाम है कि ब्रिटेन की सरकार ने वहां चल रहीं खालिस्तानी उपद्रवी हरकतों पर शिकंजा कसने के लिए 95 हजार पाउंड की विशेष फंडिग की घोषणा की है।
भारत में ब्रिटेन के उच्चायुक्त ने खुद यह जानकारी दी है। ब्रिटिश उच्चायुक्त एलैक्स एलिस द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि ब्रिटेन के सुरक्षा मंत्री टॉम टुगेनहाट ने खालिस्तानियों का सहारा देने वाले उग्रपंथ को लगाम लगाने के लिए नई फंडिंग के तौर पर 1 करोड़ रुपए लगाए जाएंगे। बयान में बताया गया है कि ये एक करोड़ रु. ब्रिटेन सरकार द्वारा चलाई जाने वाली खालिस्तानी उग्रपंथी कार्रवाइयों में मदद करेंगे।
उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन के सुरक्षा मंत्री टॉम जी20 की बैठक में भाग लेने के लिए इन दिनों भारत में हैं। उनकी भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से वार्ता हुई है। इस चर्चा के तुरंत बाद उन्होंने इस ओर कदम बढ़ाया था। जयशंकर ने उन्हें ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थकों के बढ़ते उपद्रवों पर भारत की बढ़ती चिंताओं से अवगत कराया था। उन्हें बताया था कि भारत कई बार ब्रिटेन सरकार से इस बारे में शिकायत दर्ज करा चुका है। समय आ गया है कि इस चुनौती का सफलतापूर्वक समाधान किया जाए।
ब्रिटेन के सुरक्षा मंत्री टॉम जी20 की बैठक में भाग लेने के लिए इन दिनों भारत में हैं। उनकी भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से वार्ता हुई है। इस चर्चा के तुरंत बाद उन्होंने इस ओर कदम बढ़ाया था। जयशंकर ने उन्हें ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थकों के बढ़ते उपद्रवों पर भारत की बढ़ती चिंताओं से अवगत कराया था।
सनद के लिए बता दें कि गत मार्च महीने में लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर खालिस्तानी उग्रपंथियों ने तोड़फोड़ की थी और भारतीय अधिकारियों को भी शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई थी। उस वक्त लंदन पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था अत्यंत ढीली और बेपरवाही दिखी थी। इसके विरोध में भारत सरकार ने फौरन कार्रवाई करते हुए जस का तस जवाब दिया और नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायोग के सामने से पुलिस सुरक्षा हटा दी थी। इस कदम का ऐसा असर हुआ कि लंदन के भारतीय उच्चायोग के सामने सुरक्षा कड़ी की गई और खालिस्तानियों पर कड़ी नजर रखी जाने लगी।
उच्चायोग ने के बयान में स्पष्ट कहा गया है कि ‘नई दिल्ली में भारत के विदेश मंत्री जयशंकर के साथ वार्ता के दौरान मंत्री टुगेनहाट ने खालिस्तान समर्थक उग्रपंथ का मुकाबला करने के लिए यूके की सामर्थ्य बढ़ाने के उद्देश्य से नई फंडिंग घोषित की है’। आज कोलकाता में हो रही जी20 की बैठक भी भ्रष्टाचार विरोध पर है। इस मौके पर टुगेनहाट ने सुरक्षा के क्षेत्र में भारत के साथ द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए जयशंकर से विशेष भेंट की थी।
ब्रिटेन के सुरक्षा मंत्री टुगेनहाट का कहना था कि ‘विश्व के सबसे पुराना तथा सबसे बड़े लोकतंत्र के नाते हमारे पास अनेक साझा अवसर हैं। इन प्रयासों से विश्व को और सुरक्षित तथा समृद्ध बनाया जा सकता है। यहां यह भी जान लेना आवश्यक है कि नए भारत की विश्व में हर क्षेत्र में महत्ता इतनी बढ़ चुकी है कि उसकी बात का गंभीरता से सिर्फ सुना ही नहीं जाता, बल्कि उस ओर कार्रवाई थी की जाती है। नई फंडिंग की घोषणा उसी बात को रेखांकित करती है।
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