प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब दे रहे थे। मणिपुर हिंसा के बाद विपक्ष ये प्रस्ताव लेकर आया था, लेकिन यह गिर गया। प्रधानमंत्री मोदी ने 2 घंटे 10 मिनट के भाषण में 29 बार मणिपुर का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पूरा देश मणिपुर के साथ है। यह संसद मणिपुर के साथ है। प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान विपक्ष ने वॉकआउट किया। इस पर प्रधानमंत्री ने विपक्ष को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कच्चातिवु को लेकर सवाल किया।
पीएम मोदी ने कहा कि जो लोग बाहर गए हैं, उनसे जरा पूछिए कि कच्चातिवु क्या है? और यह कहां स्थित है? DMK सरकार उनके मुख्यमंत्री मुझे लिखते हैं- मोदी जी कच्चातिवु को वापस लाओ। यह एक द्वीप है लेकिन इसे दूसरे देश को किसने दे दिया। क्या ये मां भारती का हिस्सा नहीं था? ये इंदिरा गांधी के नेतृत्व में हुआ।
ये है कच्चातिवु की कहानी, 1974 में श्रीलंका को दिया गया था द्वीप
भारत ने 1974 में कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को गिफ्ट में दिया था। उस समय इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थीं। कच्चातिवु द्वीप रामेश्वरम से करीब किलोमीटर दूर है। इस द्वीप पर रामेश्वरम और आसपास के मछुआरे मछली पकड़ते रहे हैं। वर्ष 1921 में श्रीलंका ने इस पर दावा किया। दशकों तक इसका विवाद चला। वर्ष 1974 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और तत्कालीन श्रीलंकाई प्रधानमंत्री श्रीमाओ भंडारनायके के बीच एक समझौते के तहत यह द्वीप भारत ने श्रीलंका को गिफ्ट में दे दिया।
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