‘‘मेरे सामने ही मेरे पति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। किसी ने उन्हें बचाने की कोशिश तक नहीं की। अब मेरे बच्चे कैसे पलेंगे? वे सब कैसे पढ़ेंगे? मेरी तो पूरी दुनिया उजड़ गई।’’
उस दिन अपराह्न लगभग ढाई बजे का समय था। जगह थी दिल्ली के जहांगीरपुरी का सी. डी. पार्क। उमस भरी गर्मी के बीच एक झुग्गी के अंदर कांति देवी बुरी तरह सुबक रही थीं। बड़ी बेटी गुड़िया उन्हें संभालने का प्रयास कर रही थी। वहां उनकी देवरानी, पड़ोस का एक छोटा बच्चा और बेटा संतोष भी मौजूद था। सभी गमगीन थे। ढांढस बंधाने पर कांति देवी थोड़ा संभलीं। साड़ी के पल्लू से आंसू पोंछते हुए वे कहने लगीं,
‘‘मेरे सामने ही मेरे पति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। किसी ने उन्हें बचाने की कोशिश तक नहीं की। अब मेरे बच्चे कैसे पलेंगे? वे सब कैसे पढ़ेंगे? मेरी तो पूरी दुनिया उजड़ गई।’’
बता दें कि 20 जुलाई की रात 10 बजे कांति देवी के पति रामविलास की हत्या कर दी गई थी। रामविलास कुछ वर्षों से सी.डी. पार्क सब्जी मंडी में सड़क के किनारे प्याज की रेहड़ी लगाते थे। 20 जुलाई को भी वे रात में प्याज बेच रहे थे। साथ में उनकी पत्नी भी थीं। उसी दौरान उनकी रेहड़ी के सामने एक ई-रिक्शा वाला खड़ा हो गया। रामविलास ने उससे केवल इतना कहा कि ताजिया जुलूस के कारण पुलिस वाले चक्कर लगा रहे हैं। सड़क जाम होने पर मुझे ही मारेंगे। इसलिए सड़क पर रिक्शा न लगाओ, हटकर खड़े…। कांति देवी बिलखते हुए बताती हैं,
‘‘अभी मेरे पति पूरी बात भी कह नहीं पाए थे कि रिक्शाचालक उन्हें भद्दी-भद्दी गाली देते हुए उन पर टूट पड़ा। उसके साथ एक महिला भी थी। उसने भी रामविलास को मारना शुरू कर दिया। कुछ और लोगों ने भी उनका साथ दिया। मैंने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन उन लोगों की ताकत के सामने मैं कमजोर पड़ गई। उन्होंने मुझे धक्का देकर गिरा दिया। कुछ ही देर में वे भी गिर पड़े। रिक्शावाला पागल की तरह उनकी छाती पर वार करता रहा। इसके बाद वे सभी वहां से भाग गए। इस बीच मेरा छोटा बेटा संदीप वहां आया। लेकिन तब तक उनके शरीर में कोई हर कत नहीं रही। कुछ ही देर में बाबू जगजीवन राम अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।’’
जिहादी जकड़न में जहांगीरपुरी
जुलाई,2023: ताजिए के लिए चंदा एकत्र कर रहे मुस्लिम लड़कों की किसी बात को लेकर संजय नाम के व्यक्ति से कहासुनी हो गई। इन नाबालिग लड़कों ने संजय को घायल कर दिया। आरोपी पुलिस हिरासत में।
जनवरी, 2023: पुलिस ने जहांगीरपुरी इलाके से आतंकी नौशाद और जगजीत को गिरफ्तार किया। इन दोनों ने एक कूड़ा बीनने वाले व्यक्ति की हिन्दू पहचान के बाद हत्या कर दी थी।
फरवरी,2023: दिल्ली पुलिस ने जहांगीरपुरी हिंसा मामले में सलमान उर्फ सुलेमान को गिरफ्तार किया। यह जिहादी पिछले वर्ष हुई हिंसा में शामिल था।
अप्रैल,2022: जहांगीरपुरी क्षेत्र में हनुमान जयंती के अवसर पर निकली शोभा यात्रा के दौरान उस हमला हुआ। इस हिंसा में आठ पुलिसकर्मियों सहित एक नागरिक घायल हो गया। पुलिस ने अंसार, तबरेज और इरशफिल को बनाया मुख्य आरोपी।
अप्रैल,2023: अराजक तत्वों ने 18 वर्षीय हिन्दू युवक पीयूष को चाकू घोंप दिया।
कांति देवी ने जहांगीरपुरी थाने में इस घटना की एफ.आई.आर. दर्ज कराई है। चूंकि वह किसी भी हमलावर को नहीं पहचानतीं, इसलिए एफ.आई.आर. में किसी को नामजद नहीं किया गया है। लेकिन खबरों के अनुसार उस रिक्शावाले का नाम शाहिद है। अब तक दो आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। इनमें एक नाबालिग है। शायद मुख्य आरोपी के नाम और मजहब को देखते हुए सेकुलर जमात ने इस घटना को ‘मॉब लिचिंग’ नहीं कहा। यही नहीं, इस हत्या की खबर भी ठीक से कहीं नहीं छपी। कोई भी नेता मृतक के घर वालों के आंसू पोंछने के लिए नहीं पहुंचा। बल्कि कथित बुद्धिजीवियों का वह झुंड भी खामोश रहा, जो ‘मॉब-लिचिंग’ की आड़ में देश-विदेश में भारत को बदनाम करता रहता है।
घर के नाम पर कांति देवी के पास सी.डी. पार्क जहांगीरपुरी में करीब चार फुट चौड़ी और सात फुट लंबी एक झुग्गी है, जिसका नंबर है-एन 38/ ए 242। इस झुग्गी में सिर्फ एक आदमी लेट सकता है। इतनी छोटी-सी जगह में रामविलास की पत्नी और उनके तीन बच्चे रहते हैं। कुछ लोग जमीन पर जूट की बोरी बिछाकर सोते हैं, तो एक आदमी दीवार पर लगे चौड़े पत्थर पर सोता है। रामविलास के बेटे संतोष ने बताया कि इस पत्थर को सोने के लिए ही यहां लगाया गया है। झुग्गी के एक कोने मेें ही गैस सिलेंडर और कुछ बर्तन भी रखे रहते हैं।
साथ में एक खुली नाली बहती है, जिसमें मल-मूत्र बहता रहता है। बदबू ऐसी कि कोई भी बाहरी व्यक्ति वहां एक मिनट भी नहीं ठहर सकता है, लेकिन वहां रहने वाले लोग उसी नाली के किनारे बर्तन धोते हैं, नहाते हैं, अन्य जरूरी काम भी करते हैं। वहीं उठना-बैठना भी होता है। जब हम उस झुग्गी से निकलने लगे तो दीवार के आले पर रखी स्व. रामविलास की तस्वीर की ओर इशारा करते हुए कांति देवी ने कातर नेत्रों से कहा कि हमें न्याय मिलना चाहिए।
सी.डी. पार्क में सैकड़ों झुग्गियां हैं। जहांगीरपुरी के कुछ लोगों ने बताया कि इनमें बांग्लादेशी घुसपैठिए रहते हैं। इनके बीच करीब 15 हिंदू परिवार हैं। इनमें से एक स्व. रामविलास का परिवार है। रामविलास बहुत छोटी उम्र में ही बिहार के दरभंगा जिले से दिल्ली आए थे। यहां उन्होंने पेट पालने के लिए लंबे समय तक मजदूरी की। उन्हीं दिनों उन्होंने अपनी गृहस्थी बसाई और इस झुग्गी को भी बनवाया। अब उस झुग्गी में उनके बच्चे कब तक और कैसे रह पाएंगे, यह सोचने की बात है।
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