‘राष्ट्रीय सुरक्षा परिप्रेक्ष्य’ विषय पर नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान जनरल (सेवानिवृत्त) नरवणे ने कहा कि मणिपुर हिंसा में विदेशी एजेंसियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता। साथ ही उन्होंने विभिन्न उग्रवादी समूहों को चीनी सहायता मिलने की भी बात को रेखांकित किया।
भारत के पूर्व थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने मणिपुर में दो माह से अधिक समय से जारी हिंसा को भड़काने में विदेशी ताकतों की साजिश की आशंका जताई है। जनरल नरवणे ने कहा कि मणिपुर हिंसा को सीमा पार के दुश्मनों ने भड़काया है। विदेशी ताकतें साजिश रचकर देश को अस्थिर करने की कोशिश कर रही हैं। मणिपुर उनके लिए सॉफ्ट टॉरगेट बना हुआ है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों में चल रही अस्थिरता से नशीले पदार्थों की तस्करी और अपराध बढ़ सकता है।
‘राष्ट्रीय सुरक्षा परिप्रेक्ष्य’ विषय पर नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान जनरल (सेवानिवृत्त) नरवणे ने कहा कि मणिपुर हिंसा में विदेशी एजेंसियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता। साथ ही उन्होंने विभिन्न उग्रवादी समूहों को चीनी सहायता मिलने की भी बात को रेखांकित किया। उग्रवादी संगठनों को चीन की मदद कई वर्षों से मिल रही है और यह अब तक जारी है। उन्होंने आगे कहा कि आंतरिक सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। यदि हमारे पड़ोसी देश में या हमारे सीमावर्ती राज्य में अस्थिरता है, तो वह अस्थिरता हमारी समग्र राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है।
जनरल (सेवानिवृत्त) नरवणे ने कहा, ‘‘मुझे पूरा यकीन है कि जो लोग जिम्मेदार पदों पर आसीन हैं और आवश्यक कार्रवाई करने की जिनकी जवाबदेही है, वे बेहतर ढंग से अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। हमें उनकी भूमिका के बारे में अनुमान लगाने से बचना चाहिए। जमीन पर मौजूद व्यक्ति सबसे अच्छी तरह जानता है कि क्या करना है?’’
मणिपुर में जारी हिंसा में मादक पदार्थों की तस्करी की भूमिका पर सवाल पूछे जाने पर जनरल नरवणे ने कहा कि नशीले मादक पदार्थों की तस्करी बहुत लंबे समय से हो रही है और बरामद की गर्इं ड्रग्स की मात्रा पिछले कुछ वर्षों में बढ़ी है। उन्होंने कहा, ‘‘हम गोल्डन ट्रैंगल (थाईलैंड, म्यांमार और लाओस की सीमाओं का मिलन स्थल) से थोड़ी ही दूर हैं।
म्यांमार में हमेशा अव्यवस्था और सैन्य शासन रहा है। म्यांमार के सबसे अच्छे दौर में भी वहां केवल मध्य म्यांमार में सरकार का नियंत्रण था और सीमावर्ती क्षेत्रों, चाहे वे भारत के साथ हों, चीन के अथवा थाईलैंड के साथ, वहां सरकार का नियंत्रण बहुत कम रहा है। इसलिए मादक पदार्थों की तस्करी हमेशा से होती रही है।’’
‘‘मुझे पूरा यकीन है कि जो लोग जिम्मेदार पदों पर आसीन हैं और आवश्यक कार्रवाई करने की जिनकी जवाबदेही है, वे बेहतर ढंग से अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। हमें उनकी भूमिका के बारे में अनुमान लगाने से बचना चाहिए। जमीन पर मौजूद व्यक्ति सबसे अच्छी तरह जानता है कि क्या करना है?’’ -जनरल (सेवानिवृत्त) नरवणे
उन्होंने आगे कहा, ‘‘संभवत: हिंसा के इस खेल में ऐसी एजेंसियां या अन्य लोग होंगे जो इससे लाभान्वित हो रहे होंगे और जो नहीं चाहेंगे कि स्थिति सामान्य हो क्योंकि जब यह अस्थिरता रहेगी, तो उन्हें लाभ होगा। यही वजह है कि लगातार प्रयासों के बावजूद भी वहां हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही। मुझे यकीन है कि इस पर काबू पाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार प्रयास कर रही हैं।’’
जनरल नरवणे ने कहा, ‘‘जब हम राष्ट्रीय सुरक्षा की बात करते हैं तो हमें आंतरिक सुरक्षा के आयाम पर ध्यान देना चाहिए। वहीं अगर बाहरी सुरक्षा की बात करें तो निश्चित रूप से यह सर्वोपरि महत्व का मामला है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘देश की सुरक्षा प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। हर एक को अपनी भूमिका निभानी है। राष्ट्रीय सुरक्षा सिर्फ बाहरी सुरक्षा से कहीं अधिक है, इसके कई आयाम हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा के अलावा, देश की खाद्य, ऊर्जा और स्वास्थ्य सुरक्षा भी सर्वोपरि है।’’
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