झारखंड (रामगढ़) : पवन यादव और मोहम्मद हमास जिगरी दोस्त थे। दोनों का एक साथ उठना, बैठना, खाना-पीना, घूमना—फिरना हुआ करता था। लेकिन हमास के खून में वही था जो उसे परवरिश में मिला था। उसने पवन को सिर्फ 4,000 रुपए के लिए बेरहमी से चाकू से गोद—गोद कर मार डाला। इतना ही नहीं, इस घटना के बाद हमास की अम्मी कौसर जहां और उसके भाई मोहम्मद आजाद ने साक्ष्य छुपाने में सहयोग किया।
हालांकि रामगढ़ पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने हत्या के लिए उपयोग में लाए गए खून से लगा हुआ चाकू सहित अन्य चीजें भी बरामद कर ली हैं। पुलिस का कहना है कि पैसों को लेकर इन लोगों में विवाद हुआ था। कहा जाता है कि हमास, सोनू यादव और पवन दोस्त थे। हमास ने पहले सोनू से पवन को पकड़ने के लिए कहा और इसके बाद उसने पवन पर हमला कर दिया।
बता दें कि 22 वर्षीय मृतक पवन यादव अपने तीन भाइयों में मंझला था। उसके पिता शरद यादव मजदूरी करते हैं और बड़ा भाई पंकज एक बस में एजेंट का काम करता है। छोटा भाई अभी बेरोजगार है।
पंकज के अनुसार यह मामला 1 अगस्त की देर रात का है। पवन यादव को मोहम्मद हमास और मोहम्मद आज़ाद ने किसी बहाने अपने पास बुलाया। इसके कुछ देर बाद ही उसकी मौत की सूचना एक एम्बुलेंस वाले ने पवन के घर वालों को दी। जानकारी मिलने पर पंकज जब तक अस्पताल पहुंचा तब तक पवन की मौत हो चुकी थी। पवन के शरीर पर चाकू से वार करने के 25-30 निशान थे। पता चला कि पवन बहुत देर तक खून से लथपथ पड़ा हुआ था। इसके कुछ देर के बाद किसी अज्ञात युवक ने उसे अस्पताल तक पहुंचाया। अस्पताल जाते वक्त उसने हमास उर्फ मोटा का नाम लिया जिसने उसे चाकू मारा था। इसके कुछ ही देर बाद उसकी मृत्यु हो गई।
पंकज ने आगे बताया कि मोहम्मद हमास और उसका पूरा परिवार आसपास के हिंदू परिवारों को काफी पहले से परेशान करता रहा है। पिछले कुछ दिनों से पवन काफी परेशान था। इन लोगों के फोन के आने से वह घबराने भी लगता था। पंकज ने थाने में मोहम्मद हमास उर्फ मोटा और मोहम्मद आजाद उर्फ सूर्या सहित अज्ञात के नाम पर आवेदन दिया है।
हालांकि हिंदू संगठनों ने पुलिस की कार्यशैली पर आरोप लगाते हुए कहा है कि आरोपी का पूरा परिवार आदतन अपराधी रहा है। इन लोगों के कई मामले थाने में दर्ज हैं। इसके बाद भी पुलिस कहीं न कहीं आरोपियों को बचाने की कोशिश में लगी हुई है।
झारखंड भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व हजारीबाग लोकसभा के पूर्व सांसद यदुनाथ पांडे ने इस घटना पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि पूरे प्रदेश का हिंदू समाज कट्टरपंथियों के निशाने पर है। कट्टरपंथियों की नजर में किसी भी रिश्ते का कोई अहमियत नहीं है। पवन और मोहम्मद हमास अच्छे दोस्त थे। इसके बावजूद हमास ने बेरहमी से पवन की हत्या कर डाली। उन्होंने मोहम्मद हमास, मोहम्मद आजाद और उसके पूरे परिवार पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने पुलिस अधीक्षक पीयूष पांडे से भी बात की और उनसे इस मामले को गंभीरता से लेने को कहा।
मोहम्मद हमास के पड़ोसी महादेव बैठा और उनकी पत्नी ने बताया कि मोहम्मद हमास का पूरा परिवार अपराधी प्रवृत्ति का है। उसने हम लोगों को कई बार जातिसूचक गालियां दी थीं। जान से मारने की धमकी भी देता था। कुछ अन्य लोगों ने बताया कि हमास बराबर तलवार लेकर बाहर निकलता था।
एक स्थानीय युवक सत्यजीत चौधरी ने तो उसकी मां जहां पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस और थाने में इन लोगों की अच्छी पहुंच है। इसीलिए वह कई बार स्थानीय लोगों को भी झूठे मामले में फंसाती रहती थी और उनसे पैसे ऐंठती थी।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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