देहरादून। उत्तराखंड के जंगलों में अवैध कब्जा करके मुस्लिम गुज्जरों ने अरबों रुपए की जमीन हथिया ली है। इसका खुलासा तराई वेस्ट डिवीजन द्वारा वन मुख्यालय को भेजी गई रिपोर्ट में हुआ है। जानकारी में आया है कि पूर्व में इस डिवीजन में बैठे डीएफओ और अन्य अधिकारी इस अवैध कब्जे के जिम्मेदार हैं? अब इन कब्जों से अतिक्रमण हटाया जाना है, जिसके लिए पुलिस फोर्स की मांग की गई है। इसके लिए जिला प्रशासन को लिखित सूचना दी गई है। हालांकि अभी तक फोर्स नहीं मिल पाई है।
वन गुज्जरों को कॉर्बेट और राजा जी टाइगर रिजर्व से बाहर निकाले जाने पर उनके पुनर्वास की व्यवस्था की गई थी और प्रत्येक परिवार को एक हेक्टेयर भूमि और करीब साढ़े चार लाख रुपए सरकार ने दिए हैं। ये वो मुस्लिम गुज्जर थे जो जंगल से बाहर आए, किंतु तराई क्षेत्र में ऐसे भी हैं जो जंगलों में पशु चराते हैं और खत्तो से अपने दूध का व्यवसाय करते हैं। इन मुस्लिम वन गुज्जरों की नई पीढ़ी इतनी दबंग हो गई है कि वन विभाग की अरबों रुपए की सैकड़ों हेक्टेयर भूमि पर अपना कब्जा कर लिया है।
वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक आम पोखरा रेंज में शिवनाथ पुर, बन्ना खेड़ा और ज्वाला जंगल क्षेत्र में तीन परिवारों ने 84 हेक्टेयर वन भूमि कब्जाई हुई है, जबकि आम पोखरा दक्षिण में एक ही मुस्लिम गुज्जर परिवार ने 72 हेक्टेयर से अधिक जंगल की जमीन पर कब्जा किया है और उस पर गर्मी के मौसम में भी धान की खेती की जा रही है। खास बात ये है कि उक्त भूमि पर कब्जा कई सालों से है यानि वर्तमान डीएफओ के कार्यकाल से पहले यहां तैनात डीएफओ या उनके अधीनस्थ अधिकारी इस पर चुप्पी साधे रहे? ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या उनका पहला काम अपनी जंगल की भूमि की सुरक्षा करना नहीं था? या फिर उनका भी कोई स्वार्थ था। बड़ा सवाल यही है कि आखिर ये अवैध कब्जेदार कैसे और कहां से आकर यहां आकर बैठ गए? और इतना बड़ा अवैध कब्जा क्या बिना वन विभाग के मिली भगत के संभव है?
डीएफओ प्रकाश आर्य का कहना है कि डीएम, एसएसपी नैनीताल से कई बार लिखित रूप से फोर्स की मांग की गई है, परंतु फोर्स नहीं मिली। अब फिर से जिला अधिकारी से आग्रह किया गया है, इस बारे में देहरादून में अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी को भी सूचना दी गई है। डीएफओ ने कहा कि हमें फोर्स मिले तो दो दिन में ये अतिक्रमण खाली करवा लिया जाएगा। कब्जेदारों को नोटिस दिए जा चुके हैं कि स्वयं सरकारी जमीन खाली कर दें, अन्यथा वन प्रशासन उसे हटा देगा।
क्या कहते हैं नोडल अधिकारी पराग धकाते
इस मामले में अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी पराग धकाते का कहना है कि नैनीताल प्रशासन से बात की जा रही है। शीघ्र ही ये अतिक्रमण हटाया जाएगा।
नैनीताल प्रशासन का रुख
नैनीताल के एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि पुलिस फोर्स कई अन्य कार्यक्रमों में व्यस्त थी और ये बड़ा अभियान है जिस बारे में अन्य रिपोर्ट्स का इंतजार था वो मिल गई है। जल्द हीं वन विभाग और प्रशासन मिलकर ये अतिक्रमण हटाएंगे।
सीएम धामी का रुख स्पष्ट
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इन दिनों फॉरेस्ट और अन्य सरकारी विभागों के जमीनों पर हुए अवैध कब्जों को खाली करवाने का अभियान छेड़ा हुआ है। इन अवैध कब्जों को जब सेटेलाइट तस्वीरों और जीपीएस तकनीक से फॉरेस्ट लैंड के नक्शों के साथ मिलाकर देखा गया तो सैकड़ों हेक्टेयर जमीनों पर अवैध कब्जों के मामले सामने आने लगे हैं। जिन्हें हटाने का अभियान चलाया जा रहा है।
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