महाराष्ट्र: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस दौरान पीएम मोदी ने मंच पर अपने संबोधन की शुरुआत लोकमान्य तिलक को श्रद्धांजलि देकर की। उन्होंने कहा कि आज हम सबके आदर्श और भारत के गौरव बाल गंगाधर तिलक जी की पुण्यतिथि है। साथ ही, आज अण्णाभाऊ साठे की जन्मजयंती भी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकमान्य तिलक नेशनल अवार्ड को 140 करोड़ देशवासियों को समर्पित किया और कहा कि पुरस्कार राशि नमामि गंगे परियोजना के लिए दान करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने पुरस्कार राशि नमामि गंगे परियोजना को दान करने का फैसला किया है। मैं यह पुरस्कार देश के 140 करोड़ लोगों को समर्पित करता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह मेरे लिए एक यादगार पल है। उन्होंने कहा कि भारत की आजादी में लोकमान्य तिलक की भूमिका, उनके योगदान को चंद घटनाओं और शब्दों में समेटा नहीं जा सकता है। अंग्रेजों की धारणा थी कि भारत की आस्था, संस्कृति, मान्यताएं, ये सब पिछड़ेपन का प्रतीक हैं लेकिन तिलक जी ने इसे भी गलत साबित किया था। लोकमान्य तिलक ने टीम स्पिरिट के सहभाग और सहयोग के अनुकरणीय उदाहरण भी पेश किए।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि तिलक जी ने आजादी की आवाज को बुलंद करने के लिए पत्रकारिता और अखबार की अहमियत को भी समझा था। उन्होंने कहा कि लोकमान्य तिलक ने परंपराओं को भी पोषित किया था। लोकमान्य तिलक ने छत्रपति शिवाजी महाराज के साहस और आदर्शों की ऊर्जा से समाज को भरने के लिए शिव जयंती आयोजन शुरू किया था। उन्होंने समाज को जोड़ने के लिए सार्वजनिक गणपति महोत्सव की नींव डाली थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बाल गंगाधर तिलक ने नारा दिया था कि स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। लोकमान्य तिलक ने देश की आजादी आंदोलन की दिशा बदली थी। वीर सावरकर की क्षमता को बाल गंगाधर तिलक ने पहचाना था। बाल गंगाधर तिलक का गुजरात से भी बहुत भावपूर्ण नाता रहा है।
उन्होंने कहा कि बाल गंगाधर तिलक जब अहमदाबाद और साबरमती जेल में थे। उस जेल से बाहर आने के बाद उन्हें सुनने के लिए अहमदाबाद में 40 हजार से भी अधिक लोग एकत्रित हुए थे, जिसमें सरदार वल्लभभाई पटेल भी मौजूद थे।
इस कार्यक्रम में एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी मौजूद रहे। शरद पवार के साथ सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने मंच साझा किया।
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