भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मिशन चंद्रयान-3 ने अपनी कामयाबी का एक चरण और पूरा कर लिया है। इसरो ने इसे लेकर एक बड़ा अपडेट दिया है। इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-3 ने पृथ्वी की आर्बिट के सभी चक्कर अपने तय समय में पूरे कर लिए हैं और अब उसको चंद्रमा के रास्ते की तरफ इजेक्ट कर दिया गया है।
5 अगस्त तक चंद्रमा की आर्बिट में करेगा प्रवेश!
इसरो के अनुसार, अगर सब कुछ ठीक रहा तो 5 अगस्त 2023 तक यह चंद्रमा की आर्बिट में प्रवेश कर लेगा। इसरो द्वारा देर रात किए गए एक ट्वीट में बताया है कि उन्होंने तय समय पर इंजन को पृथ्वी की आर्बिट से इजेक्ट करने के लिए ऑन किया और उसको पर्याप्त एक्सीलेरेशन देकर चांद की और जाने वाले रास्ते पर भेज दिया है।
जानिए किस प्रक्रिया को इंजेक्शन कहा जाता है ?
आपको बतादें, वैज्ञानिक भाषा में इंजन को एक आर्बिट से दूसरी आर्बिट में भेजने के लिए स्पीड देने की इस प्रोसेस को इंजेक्शन कहा जाता है। जिसे इसरो की टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क इकाई हेंडल करती है। इसरो ने ट्वीट कर कहा कि हमारा अगला पड़ाव चंद्रमा है। उन्होंने कहा कि हम 5 अगस्त को पहुंचेंगे।
अंतरिक्ष में सिंगापुर की 7 सैटेलाइट भेजी गईं
30 जुलाई को इसरो ने सिंगापुर की सात सैटेलाइट को सफलतापूर्वक उनकी तय आर्बिट में स्थापित कर सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया था। वहीं दूसरी ओर पीएसएलवी रॉकेट के चौथे चरण को लेकर विशिष्ट वैज्ञानिक प्रयोग में भी सफलता मिली है।
‘अंतरिक्ष में कचरे की समस्या को दूर करना’
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने बताया कि वैज्ञानिकों ने विशिष्ट वैज्ञानिक प्रयोग करने का फैसला लिया है। जिसमें सभी सैटेलाइट को 536 किलोमीटर की ऊंचाई पर निर्धारित कक्षाओं में स्थापित कराने के बाद, रॉकेट के चौथे चरण को 300 किलोमीटर पर लाया जाएगा। इसका उद्देश्य अंतरिक्ष में कचरे की परेशानियों को दूर करना है।
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