व्यक्तियों के पारखी मदनदास जी
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम संघ

व्यक्तियों के पारखी मदनदास जी

मदनदास जी हंसमुख और विनोदी स्वभाव के थे। हालांकि उनमें व्यक्तियों को परखने की गजब की क्षमता थी। वह 22 वर्ष तक अभाविप के संगठन मंत्री रहे और देशभर में सैकड़ों कार्यकर्ता तैयार किए

by राजकुमार भाटिया
Aug 1, 2023, 12:02 pm IST
in संघ, श्रद्धांजलि
मदनदास जी

मदनदास जी

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

व्यक्ति के जीवन में सात्विक व्यवहार ‘कुशलता’ को वह आवश्यक गुण मानते थे। लेकिन वह यह भी जानते थे कि संगठन के लिए कार्यकर्ताओं की आवश्यकता होती है।

हंसमुख और विनोदी स्वभाव के धनी माननीय मदनदास जी कुशल संगठनकर्ता तो थे ही, वह व्यक्तियों को परखने में भी सिद्धहस्त थे। वह मानते थे कि हर व्यक्ति में गुण और दोष होते हैं। लेकिन उसका पूरा मूल्यांकन टेढ़ी खीर होता है, जिसे कोई योग्य संगठनकर्ता टाल नहीं सकता।

एक बार उन्होंने मुझसे कहा था कि विद्यार्थी परिषद का कार्यकर्ता बहुत सरल नहीं होना चाहिए। उनका मानना था कि सामाजिक संगठन में प्रमुख भूमिका निभा रहे व्यक्ति को इस बात की समझ होनी चाहिए कि कोई व्यक्ति उससे क्यों मिल रहा है। व्यक्ति के जीवन में सात्विक व्यवहार ‘कुशलता’ को वह आवश्यक गुण मानते थे। लेकिन वह यह भी जानते थे कि संगठन के लिए कार्यकर्ताओं की आवश्यकता होती है। इसलिए कार्यकर्ता का निर्माण, उसका विकास और उसकी संभाल उनके लिए परिपूर्ण विषय होता था, जिसके अंतर्गत वह व्यक्ति को स्नेहपूर्वक और धैर्यपूर्वक कार्यकर्ता बनाते थे।

वह 22 वर्ष तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री रहे और देशभर में सैकड़ों कार्यकर्ता तैयार किए। 1970 में उनका संगठन मंत्री और मेरा महामंत्री बनना, एक साथ हुआ। यद्यपि वह मुझसे पांच वर्ष बड़े थे, लेकिन मुझे उन्होंने मित्रवत् माना। इसी कारण मैं उनका मित्र बन गया और यह संबंध अंत तक रहा।

श्री यशवंतराव केलकर और श्री बाल आप्टे के साथ अभाविप को देश का और संभवत: विश्व का सबसे बड़ा उद्देश्यपूर्ण और स्वयंपूर्ण छात्र संगठन बनाने वाली त्रिमूर्ति का वह भाग थे। जहां केलकर जी उनके अनुकरणीय आदर्श थे, वहीं आप्टे जी उनके बड़े भाई और मित्र थे। आप्टे जी थोड़ा गुस्सैल स्वभाव के थे, लेकिन मदनदास जी इसे भी बहुत सहजता से लेते थे।

वर्ष 1991 में उन्हें संघ का दायित्व मिला और कुछ वर्ष वह सहसरकार्यवाह भी रहे। संघ में भी उनका योगदान बहुत बड़ा रहा। जहां वर्ष 2000 के आसपास उन्हें अटलजी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के साथ समन्वय का दायित्व मिला, वहीं वह विश्व विभाग के पालक अधिकारी भी बनाए गए। संघ की आंतरिक संगठन रचना में उनकी राय विशेष महत्व रखती थी। वर्ष 2001 के अंत में उनकी राय पर ही मुझे अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद में जोड़ा गया, जो अभाविप के बाद मेरा अगला कार्यक्षेत्र बना।

यह एक सुखद संयोग था कि उनका जन्मदिन और विद्यार्थी परिषद का स्थापना दिवस एक था- 9 जुलाई। उनकी आयु 75 की होने के पश्चात् हर वर्ष मैं यह प्रयास करता रहा कि उनका जन्मदिन अवश्य मनाया जाए। गत वर्ष जुलाई में जब उनकी आयु 80 हुई, तब दीनदयाल शोध संस्थान के अतुल जैन ने दिल्ली में एक गरिमामय कार्यक्रम आयोजित किया। इस वर्ष वह बेंगलुरु में थे। वहां एक मित्र को मैंने संकेत किया और निधन से 15 दिन पूर्व उनका अंतिम जन्मदिन मनाया गया। उनकी स्मृति को मेरा शत शत नमन। 

एक रोचक घटना का उल्लेख आवश्यक है, जिससे उनकी व्यवहार कुशलता और बुद्धिमता का अनुभव हुआ। आपातकाल में दिल्ली में उनको मेरे कारण (किसी अन्य प्रावधान के तहत) बंदी बनना पड़ा था। वह विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री के नाते भूमिगत थे और पुलिस को चकमा देने में सफल भी रहे थे। पुलिस उनको पहचान नहीं पाई और वह मीसाबंदी बनने से बच गए थे।

यह विधि का विधान था कि वह लंबे काल तक अस्वस्थ रहे। यद्यपि उनकी बुद्धि और स्मरणशक्ति साथ देती रही, परंतु वाणी और शरीर साथ नहीं देता था। पहले उनके प्रवास बंद हुए और फिर बैठकों में जाना कम होता गया। देश में केवल 3-4 स्थानों पर उनका अधिक समय बीतता था, जिसमें से एक दिल्ली भी थी।

मैं उनका दिल्ली निवासी मित्र था। वह भी अपेक्षा करते थे कि दिल्ली में मैं उनको उपलब्ध रहूं। दिल्ली में उनका समय अच्छे से बीते इसका प्रयास हम सभी करते थे। व्यक्तियों से मिलने में उनकी रुचि थी। इसलिए कुछ व्यक्तियों की उनसे मिलने की योजना निरंतर रहती थी।

यह एक सुखद संयोग था कि उनका जन्मदिन और विद्यार्थी परिषद का स्थापना दिवस एक था- 9 जुलाई। उनकी आयु 75 की होने के पश्चात् हर वर्ष मैं यह प्रयास करता रहा कि उनका जन्मदिन अवश्य मनाया जाए। गत वर्ष जुलाई में जब उनकी आयु 80 हुई, तब दीनदयाल शोध संस्थान के अतुल जैन ने दिल्ली में एक गरिमामय कार्यक्रम आयोजित किया। इस वर्ष वह बेंगलुरु में थे। वहां एक मित्र को मैंने संकेत किया और निधन से 15 दिन पूर्व उनका अंतिम जन्मदिन मनाया गया। उनकी स्मृति को मेरा शत शत नमन।

Topics: मदनदास जीMadandas jiहंसमुखविनोदी स्वभावकुशल संगठनकर्ताCheerfulhumorous natureSkilled organizerConnoisseur of people Madandas ji
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

श्री मदनदास जी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शोक संदेश

बेंगलुरु में 2018 में जब अभाविप के 69वें स्थापना दिवस पर मदनदास जी को सम्मानित किया गया था, रा.स्व.संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले भी उपस्थित थे

जिन्होंने विद्यार्थी परिषद को गढ़ा …

एक कार्यक्रम में रा.स्व.संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत के साथ श्री मदनदास

मदनदास जी ने शब्दों को जीना सिखाया

वरिष्ठ प्रचारक स्व. मदनदास जी

स्व. मदनदास जी: अद्भुत संगठन शिल्पी

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वालों 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

लालू प्रसाद यादव

चारा घोटाला: लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सजा बढ़ाने की सीबीआई याचिका स्वीकार

कन्वर्जन कराकर इस्लामिक संगठनों में पैठ बना रहा था ‘मौलाना छांगुर’

­जमालुद्दीन ऊर्फ मौलाना छांगुर जैसी ‘जिहादी’ मानसिकता राष्ट्र के लिए खतरनाक

“एक आंदोलन जो छात्र नहीं, राष्ट्र निर्माण करता है”

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, हाईकोर्ट ने दिया ‘स्पेशल स्क्रीनिंग’ का आदेश

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्याओं का समाधान’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies