नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की आतंकी गतिविधियों पर एक और कड़ा प्रहार किया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पीएफआई के सबसे पुराने और सबसे बड़े हथियार और फिजिकल ट्रेनिंग कैंप में से एक को कुर्क कर लिया है। केरल में प्रतिबंधित संगठन पीएफआई का यह केंद्र 10 हेक्टेयर में फैला हुआ है। यह पीएफआई का छठा हथियार प्रशिक्षण केंद्र और केरल में एनआईए द्वारा गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों के तहत “आतंकवाद की आय” के रूप में जब्त की जाने वाली 18वीं संपत्ति है।
एनआईए की ओर से सोमवार को बताया गया कि ग्रीन वैली अकादमी, मंजेरी, केरल का प्रबंधन ‘ग्रीन वैली फाउंडेशन’ (जीवीएफ) करता है और इसका इस्तेमाल नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट के कैडरों द्वारा किया जाता था। बाद में इसका इस्तेमाल पीएफआई द्वारा किया जाता था, जिसमें इसका विलय हो गया। पीएफआई इसका उपयोग अपने ‘सर्विस विंग’ के हिस्से के रूप में पहचाने जाने वाले अपने कैडरों को हथियार प्रशिक्षण, शारीरिक प्रशिक्षण और विस्फोटकों के उपयोग और परीक्षण की ट्रेनिंग देने के लिए कर रहा था। इसका इस्तेमाल ‘पीएफआई सर्विस विंग’ के कई सदस्यों ने हत्या सहित अन्य अपराध करने के बाद शरण लेने के लिए भी किया था। इस केंद्र का उपयोग पीएफआई के कार्यकर्ताओं, कैडरों और सदस्यों को विभाजनकारी और सांप्रदायिक एजेंडे और कट्टरपंथी नीतियों के वैचारिक प्रशिक्षण देने के लिए भी किया जा रहा था। पीएफआई और उसके प्रमुख संगठनों के कार्यालय शैक्षणिक संस्थानों की आड़ में इन परिसरों से काम कर रहे थे।
इन्हें पहले ही किया जा चुका है कुर्क
केरल में एनआईए द्वारा पहले कुर्क किए गए पांच अन्य पीएफआई प्रशिक्षण केंद्र मालाबार हाउस, पेरियार वैली, वल्लुवनाद हाउस, करुण्य चैरिटेबल ट्रस्ट और त्रिवेंद्रम एजुकेशन एंड सर्विस ट्रस्ट (टीईएसटी) थे। अन्य 12 पीएफआई कार्यालय भी अटैच किए गए हैं। इनका उपयोग आतंकी गतिविधियों में हो रहा था।
धर्मार्थ और शैक्षिक ट्रस्टों की आड़ में चला रहा प्रशिक्षण केंद्र
जांच में यह भी पता चला है कि पीएफआई संगठन के सदस्यों या नेताओं द्वारा गठित धर्मार्थ और शैक्षिक ट्रस्टों की आड़ में कई ऐसे प्रशिक्षण केंद्र चला रहा है। पीएफआई ने अपने प्रशिक्षण शिविर और आतंक और हिंसा से संबंधित गतिविधियों को चलाने के लिए कई इमारतें किराए पर ली थीं।
इस साल 17 मार्च को एनआईए ने मामले में पीएफआई संगठन सहित 59 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
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