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America में China का ‘टाइम बम’, जब चाहे कर सकता है फौजी ​अड्डों की बत्ती गुल

बाइडेन सरकार का कहना है कि चीन ने अब अमेरिका के फौजी आपरेशनों में खलल डालने के लिए ऐसा दुश्मन भेजा है, जो आंखों से नजर नहीं आता। लेकिन इसकी खोज की जा रही है। इस मैलवेयर को बेशक टकराव होने की सूरत में अमेरिका की फौजी कार्रवाई में अड़चन पैदा करने के हिसाब से बनाया गया है

by WEB DESK
Jul 31, 2023, 12:15 pm IST
in विश्व
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चीन अमेरिका के सुरक्षा तंत्र को उलझाए रखकर परेशान करने का कोई मौका गंवाता नहीं दिख रहा है। याद होगा, कुछ दिन पहले अमेरिकी आसमान में चीन के ‘गुब्बारे’ देखे गए थे, जो ‘जासूसी गुब्बारे’ बताए गए थे। पूरा अमेरिकी सुरक्षा तंत्र हरकत में आया था और गोले दागकर उन ‘जासूसी गुब्बारों’ को ध्वस्त किया गया था। लेकिन उनमें क्या मिला इसका अभी पूरी तरह खुलासा भी नहीं हुआ है कि अब चीन की एक और शरारत का पता चला है।

अमेरिकी अधिकारी एक ऐसे चीनी मैलवेयर की तलाश में जुटे हुए हैं जो जब चाहे अमेरिका के सैन्य आपरेशनों में खलल डाल सकता है। सैन्य अड्डों की बत्ती गुल कर सकता है, उसके कम्युनिकेशन यंत्रों को बेकार कर सकता है। इतना ही नहीं, वहां जा रहे पेयजल की सप्लाई को भी रोक सकता है। इसे अमेरिकी अधिकारी एक ‘टाइम बम’ बताकर इसका पता लगाने में जुटे हुए हैं।

आंखों को नजर न आने वाले इस चीनी शत्रु की ताकत को देख अमेरिका का सुरक्षा तंत्र भी हैरान है। कारण यह है कि पिछले लंबे वक्त से जारी अमेरिका और चीन के बीच तनाव को देखते हुए चीन के किसी भी हद तक जाने का अंदेशा बना हुआ है। अमेरिका अपने यहां चीनी एप और हुआवेई जैसी कंपनियों को ताला लगवा चुका है। इसे लेकर भी चीन में आक्रोश है। अमेरिका का कहना था कि इन एप्स और कंपनियों के जरिए चीन जासूसी करता है।

अमेरिकी सुरक्षा तंत्र के सामने अब इस मैलवेयर के रूप में एक और चुनौती पेश हुई है। अमेरिकी कांग्रेस में एक वरिष्ठ अधिकारी मानते हैं कि ये मैलवेयर एक ऐसा टाइम बम है, जो जाने कब हमारे फौजी अड्डों का बिजली—पानी और संचार काट दे। इसलिए इसका जल्द से जल्द पता लगाया जाना जरूरी है।

अभी अमेरिका के आसमान में मंडराए कथित ‘जासूसी गुब्बारों’ की गुत्थी सुलझी नहीं है तिस पर अमेरिकी सुरक्षा तंत्र के सामने अब इस मैलवेयर के रूप में एक और चुनौती पेश हुई है। कथित चीन का ये स्पाइवेयर मैलवेयर माथे पर शिकन डाल रहा है। अमेरिकी कांग्रेस में एक वरिष्ठ अधिकारी मानते हैं कि ये मैलवेयर एक ऐसा टाइम बम है, जो जाने कब हमारे फौजी अड्डों का बिजली—पानी और संचार काट दे। इसलिए इसका जल्द से जल्द पता लगाया जाना जरूरी है।

उधर बाइडेन सरकार का कहना है कि चीन ने अब अमेरिका के फौजी आपरेशनों में खलल डालने के लिए ऐसा दुश्मन भेजा है, जो आंखों से नजर नहीं आता। लेकिन इसकी खोज की जा रही है। इस मैलवेयर को बेशक टकराव होने की सूरत में अमेरिका की फौजी कार्रवाई में अड़चन पैदा करने के हिसाब से बनाया गया है। यह कहना है अमेरिकी सेना, गुप्तचर तथा सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों का और इस बाबत न्यूयार्क टाइम्स ने भी विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की है।

चीन के इस स्पाइवेयर की खोज के बीच इस बात के भी कयास पुख्ता होते जा रहे हैं कि इस मैलवेयर को बनाने वाले चीन के हैकर्स संभवत: चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की तरफ से जुटाए गए हैं। अभी कुछ वक्त पहले व्हाइट हाउस में हुई एक बैठक में भी यह विषय आया था।

अमेरिका के प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि जो उद्यम आम नागरिकों के रहने की जगहों और कारोबार को बिजली—पानी पहुंचाते हैं, उन पर भी इस स्पाईवेयर का असर देखने में आ सकता है। ऐसा हुआ तो बेशक, अमेरिका के आम लोग भी इससे प्रभावित हुए बिना न रह पाएंगे। न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट बताती है कि आंखों से ओझल इस शत्रु का पता लगाकर उसे बेअसर करने की कोशिशें जारी हैं।

Topics: अमेरिकास्पाइवेयरthreatमैलवेयरamericamelwarebeijingspywarepowerbasesChinasecurityarmychinesewashingtonwaterplaचीनhackers
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