बिहार में इस वर्ष मुहर्रम काफी हिंसात्मक रहा। घटनाएं बता रही हैं कि इस अवसर पर बिहार को सांप्रदायिक हिंसा में झोंकने की जबरदस्त तैयारी थी। इसके बावजूद बिहार की सेकुलर सरकार वोट बैंक के कारण चुप्पी साधे रही। यहीं नहीं, इस सरकार के ‘प्रेरणा पुरुष’ लालू प्रसाद यादव ने अपने घर पर ताजिया की पूजा की। नीतीश कुमार भी राजनैतिक बहालियों में व्यस्त रहे। इसका फायदा उठाते हुए जिहादियों ने बिहार को हिंसा की आग में झोंक दिया। खुलेआम जिहादियों का पसंदीदा गीत ‘मियांजी मडर करो’, मियां डरता नहीं है पुलिस थाने से रे’, डीजे पर बजता रहा। बता दें कि अप्रैल से ही ऐसे गीत बजने शुरू हो गए थे। यहीं नहीं, जब बिहार में जिहादी हंगामा मचा रहे थे उस समय भी ऐसे भड़काऊ गीत रिलीज होते रहे। 26 जुलाई को इन गीतों के गायक और यू ट्यूब के संचालक को पुलिस ने पटना से गिरफ्तार किया। फिर भी 27 जुलाई को दूसरा गीत रिलीज हो गया। इसके बावजूद अभी तक बिहार पुलिस के साइबर सेल ने इस चैनल को बंद नहीं किया है।
मुहर्रम स्टार के नाम से प्रचलित अब्दुल वाहिद उर्फ अब्दुल अकेला के गीतों के माध्यम से जिहादियों ने पिछले 3- 4 माह से पूरे बिहार को सांप्रदायिक हिंसा में झुलसाने की तैयारी कर रखी थी। अब्दुल का एक गीत है, “मियां डरता नहीं है पुलिस थाने से”। एक और गीत है, माईर हेते 29 के फाईर हेते 30 के। मतलब मुहर्रम के दिन मार होगी और इसके बदले में 30 को फायर होगा। इन गीतों के कारण पूरा बिहार सुलग उठा, लेकिन बिहार सरकार की नींद नहीं खुली।
अब्दुल मधेपुरा के कुमारखंड प्रखंड अंतर्गत वार्ड नंबर 6 का रहने वाला है। बताया जा रहा है कि वह दिल्ली में अपने गाने की रिकॉर्डिंग कराकर उसे अपने यू – ट्यूब चैनल पर अपलोड करता है। अब्दुल ने 12 अक्टूबर, 2019 को अपना यू – ट्यूब चैनल ‘अब्दुल अकेला इंटरटेनमेंट 1.M’ नाम से प्रारंभ किया। वर्तमान में इसके 1.86 सब्सक्राइबर हैं। इसने अपने चैनल पर 528 वीडियो अपलोड किए हैं। इसका यह चैनल मजहबी उन्माद फैलाता है। यह अपने चैनल से अकबरुद्दीन ओवैसी के संदेशों को बार बार दुहराता है कि ’15 मिनट का समय मिल जाए तो मुसलमान हिंदुओं को उनकी औकात में ला देंगे।’ इसके गीत पुलिस व्यवस्था को भी ठेंगा दिखाते हैं।
इस बार मुहर्रम के पूर्व जिहादियों के सेट और मुहर्रम में डीजे पर यह धुन लगातार बजती रही। इन गीतों ने इस बार आग में घी का काम किया। बिहार का शायद ही कोई जिला होगा जहां मुहर्रम के दिन या उसके आसपास हिंसा की वारदात न हुई होगी।
अगर गीतों की बात करें तो ‘मियांजी मडर करो’ गीत 21 जून को ही रिलीज हुआ था। इस गीत को 1 माह पहले ही 1 लाख से अधिक लोगों ने सिर्फ इस यू ट्यूब चैनल पर देखा था। अगर शेयर और रील्स की बात करें तो इसके दर्शक 1 मिलियन से अधिक हैं। इसी प्रकार ‘मुहर्रम में मार होगा’ गीत 19 अप्रैल, 2023 को ही रिलीज हुआ। इसका भी कुल व्यूज 2 लाख से अधिक है। एक और गीत, ‘ माईर हेते 29 के’ का कुल व्यूज भी 5 लाख से अधिक है। यह गीत 27 जुलाई को रिलीज किया गया था। प्रशासन और कानून को सीधे सीधे चुनौती देता हुआ गीत, ‘मियां डरता नहीं है, पुलिस थाने से रे’ 26 जुलाई को रिलीज हुआ था। इसका व्यूज चैनल पर लगभग 20 हजार है। कुल व्यूज अनुमानतः 2 लाख से अधिक है। यह ओवैसी को अपना आदर्श मानता है और बिहार तथा यूपी की कमान उन्हें देने का गीत भी गाता है।
अश्लील और जातिसूचक गाना बनाने-बजाने और सुनने पर है रोक
किसी भी भाषा में अश्लील और जातिसूचक गाना बनाने-बजाने और सुनने वालों के लिए बिहार सरकार ने पहले ही सख्त रोक लगा रखी है। पुलिस मुख्यालय की ओर से एक आदेश फरवरी में ही जारी किया गया। इसमें सभी जिले के पुलिस अधिकारियों को जाति सूचक और अश्लील गानों पर कार्रवाई का निर्देश दिया गया। बिहार पुलिस मुख्यालय ने सभी जिले के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दे रखा है कि अश्लील एवं विद्वेष फैलाने वाले गानों पर कार्रवाई करें। जाति सूचक गानों पर रोक है लेकिन लगता है कि सांप्रदायिक सद्भाव को तार तार करने वाले गीतों के बारे में कोई आदेश नहीं है।
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