बदायूं। वंचित समाज की बच्ची की हैवानियत के बाद हत्या के सनसनीखेज मामले में बदायूं कोर्ट ने शैतान गुफरान को फांसी की सजा सुनाई है। उस पर दो लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। ऊधमसिंह नगर, उत्तराखंड का रहने वाला गुफरान दो साल पहले बदायूं में मजदूरी करने आया था और उसने कक्षा तीन में पढ़ने वाली हिन्दू समाज की बेटी के साथ दरिंदगी कर उसका गला दबा दिया था।
पुलिस के मुताबिक, बदायूं के थाना सिविल लाइंस इलाके के एक गांव में 11 अप्रैल 2021 हुई इस वारदात पूरा जिला दहल उठा था। वंचित समाज के परिवार ने कुछ ही दिन पहले बच्ची का प्रवेश कक्षा तीन में कराया था। उस वक्त गेहूं की कटाई का सीजन चल रहा था और बच्ची के घरवाले भी खेतों पर काम कर रहे थे। आठ बरस की उनकी बेटी भी खेत पर ही मौजूद थी। उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर जिले में थाना बाजपुर क्षेत्र के गांव सुल्तानपुर पट्टी से मजदूरी को बदायूं आए गुफरान पुत्र शफीक अहमद गेहूं की कटाई करते वक्त बच्ची को अकेला जंगल में उठा ले गया।
गुफरान ने मासूम बच्ची के साथ हैवानियत की और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। आसपास खेतों में काम कर रहे लोगों ने गुफरान को मौके पर ही पकड़कर थाना सिविल लाइंस पुलिस के हवाले कर दिया था। बच्ची के पिता की ओर से पुलिस ने गुफरान के खिलाफ हत्या, दलित उत्पीड़न और दरिंदगी के मामले में एफआईआर दर्ज कर उसको जेल भेज दिया था। विवेचना के बाद भी जांच पुलिस ने उसके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। एडीजीसी वीरेन्द कुमार की मजबूत पैरवी और ठोस सबूत व गवाहों के आधार पर शुक्रवार को विशेष न्यायालय पॉक्सो कोर्ट बदायूं के न्यायाधीश दीपक यादव ने अभियुक्त गुफरान को बालिका के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी पाते हुये उसे फांसी की सजा सुनाई है। 41 न्यायालय ने दुष्कर्मी और हत्यारे गुफरान पर दो लाख का जुर्माना भी डाला है। 41 पन्नों के आदेश में कोर्ट ने लिखा है कि दोष सिद्ध गुफरान को फांसी के फंदे पर तब तक लटकाया जाए, जब तक कि उसकी मौत न हो जाए। हत्यारे गुफरान को फांसी की सजा का फैसला आया तो पीड़ित परिवार ने कहा कि उन्हें न्याय मिला है।
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