एक महिला को निर्वस्त्र कर पेड़ से बांधा गया, फिर उसकी बेरहमी से पिटाई की गई। इसके बावजूद ‘इंडिया’ में शामिल दलों के नेता कुछ नहीं बोल रहे हैं, जबकि यही लोग मणिुपर की घटना पर संसद नहीं चलने दे रहे हैं।
झारखंड के गिरिडीह में मणिपुर जैसी घटना हुई है। एक खबर के अनुसार सरिया थाना क्षेत्र के कोवड़िया टोले में 26 जुलाई की देर रात एक दलित महिला को निर्वस्त्र कर पेड़ से बांध दिया गया और उसके बाद उसकी निर्ममता से पिटाई की गई। इससे पहले उस महिला के घर कुछ लोग आए और उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया गया और उसे बांधकर घर से आधा किलोमीटर दूर जंगल ले जाया गया। वहीं उसकी पिटाई की गई। पिटाई से महिला अचेत हो गई। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने महिला को अपनी सुरक्षा में लेकर इलाज के लिए उसे अस्पताल में भर्ती कराया।
स्थानीय लोगों के अनुसार उक्त महिला का किसी के साथ नाजायज संबंध था। इस कारण उसके साथ इस तरह की घटना हुई। हालांकि पीड़ित महिला अभी कुछ भी बता पाने में असमर्थ है, लेकिन पता चला है कि कुछ दिन पहले आरोपियों के साथ किसी बात को लेकर तू—तू,मैं—मैं हुई थी।
हालांकि पुलिस पीड़िता के बयान पर उचित और त्वरित कार्रवाई करने की बात कह रही है। इस प्रकरण पर पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है, ”मणिपुर जैसी घटना उनके राज्य में भी घटी है। मणिपुर की घटना की सबने निंदा की थी, लेकिन अब झारखंड के मामले में झारखंड के नेता कुछ बोलते हैं या फिर शुतुरमुर्ग की तरह मुंह छुपा लेते हैं, यह देखना है।”
पाकुड़ में सामूहिक दुष्कर्म
इससे कुछ दिन पहले ही पाकुड़ में भी एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। इस मामले में पता चला कि पीड़ित महिला 23 जुलाई को दिल्ली से अपने घर अमड़ापाड़ा थाना क्षेत्र के एक गांव में आई थी। इसके बाद अपने दोस्त के साथ फुटबॉल मैदान में गई, जहां पहले से 6-7 लोग घात लगाए बैठे हुए थे। मौका पाते ही उसके साथ इन लोगों ने दुष्कर्म किया और उस महिला के मित्र के साथ सभी आरोपी वहां से फरार हो गए।
पाकुड़ के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अजीत कुमार के अनुसार महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ है, लेकिन वह अपने प्रेमी का नाम नहीं बता पा रही है। घटना में शामिल सभी आरोपियों को जल्दी से जल्दी पकड़ लिया जाएगा, छापेमारी जारी है।
रांची में माकपा नेता की हत्या
अभी पाकुड़ की घटना शांत भी नहीं हुई थी कि रांची में माकपा नेता सुभाष मुंडा की हत्या उनके कार्यालय में कर दी गई। सुभाष मुंडा 26 जुलाई की रात रांची के नगड़ी थाना क्षेत्र स्थित दलदली चौक के पास अपने कार्यालय में बैठे हुए थे। इसी बीच मोटरसाइकिल पर सवार चार अपराधियों ने उनके कार्यालय में घुसकर उन पर ताबड़तोड़ 8 गोलियां चलाईं, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। इस घटना का पता चलते ही आसपास के लोगों ने विरोध प्रदर्शन कर पुलिस प्रशासन और सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। आक्रोशित लोग दलदली चौक पर ही सुभाष मुंडा के शव के साथ प्रदर्शन करने लगे। उन लोगों ने सड़क को जाम कर दर्जनों दुकानों में तोड़फोड़ की और उनमें आग लगा दी।
पुलिस के अनुसार अभी हत्या का कोई कारण पता नहीं चल सका है। इस मामले में भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष किसलय तिवारी ने राज्य की कानून—व्यवस्था और मुख्यमंत्री की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड की पुलिस सड़क पर सीट बेल्ट और हेलमेट चेक कर रही है और प्रदेश में अपराधी खुलेआम घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। कब थमेगा ये सिलसिला?
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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