खानपान से पायें जोड़ों के दर्द से मुक्ति
May 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम जीवनशैली

खानपान से पायें जोड़ों के दर्द से मुक्ति

जोड़ों का दर्द आजकल हर आयुवर्ग के लोगों में पाया जा रहा है। इससे शरीर के पोषण एवं चयापचय पर असर पड़ता है। खानपान में बदलाव के जरिए इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है

by रूपाली करजगीर
Jul 28, 2023, 11:28 am IST
in जीवनशैली
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

ये एक्यूट तथा क्रॉनिक, दोनों हो सकता है। इस रोग का एक्यूट प्रकार अल्पावधि के लिए होता है जो ऋयूमेटिक बुखार के कारण या किसी अन्य बीमारी के दूसरे लक्षण के कारण होता है। कई लोग अम्लीय खाद्य पदार्थों को आर्थराइटिस उत्पन्न करने का कारण मानते हैं।

जोड़ों का दर्द आजकल सामान्य रूप से अधिकांश लोगों में देखा जा रहा है। इससे चलने-फिरने, उठने-बैठने, कुछ काम करने जैसी सभी क्रियाओं में तकलीफ होती है। कई लोग इस दर्द के कारण बिस्तर पर भी पड़ जाते हैं। जोड़ों के दर्द से क्रियाएं बड़ी सीमित हो जाती हैं, जिसका सीधा असर शरीर के पोषण पर भी पड़ता है। इससे लोगों में पोषक तत्वों का ऋणात्मक संतुलन हो जाता है। इससे शरीर का चयापचय भी प्रभावित होता है।

जोड़ों के दर्द के कई कारण हो सकते हैं। परंतु इसका एक सामान्य कारण आर्थराइटिस है। इसमें जोड़ों में सूजन तथा संक्रमण (इन्फ़्लमेशन) होता है। ये एक्यूट तथा क्रॉनिक, दोनों हो सकता है। इस रोग का एक्यूट प्रकार अल्पावधि के लिए होता है जो ऋयूमेटिक बुखार के कारण या किसी अन्य बीमारी के दूसरे लक्षण के कारण होता है। कई लोग अम्लीय खाद्य पदार्थों को आर्थराइटिस उत्पन्न करने का कारण मानते हैं।

अत: वे लोग खट्टे पदार्थों का सेवन बंद कर देते हैं। परंतु वैज्ञानिक दृष्टि से आर्थराइटिस का कारण अम्लीय पदार्थ बिलकुल भी नहीं है। आर्थराइटिस में शरीर में वात दोष जरूर होता है। अत: इस समय वात वाले पदार्थ जैसे छोले, राजमा, चना, ज्यादा मात्रा में दूध व चाय, मैदा, मसालेदार पदार्थ इत्यादि का सेवन न करें तो दर्द में थोड़ी राहत मिलती है। यदि आर्थराइटिस का दर्द बार-बार हो तो उसे क्रॉनिक कहा जा सकता है।

वजन कम होने से जोड़ों का दर्द भी कम हो जाता है। इसमें उचित विश्राम, उचित शारीरिक व्यायाम, फिजिओथेरेपी तथा वजन कम करने के लिए संतुलित आहार की सलाह दी जाती है। ध्यान रहे, आपके खाने में प्रोटीन की मात्रा कम न हो। इसके लिए नियमित रूप से शाकाहारी भोजन में दूध, पनीर, टोफू, अंकुरित अनाज तथा दालों का सेवन करना चाहिए। वजन कम करने के लिए आपके भोजन में से 500 किलो कैलोरी रोज कम करना लाभदायक होता है।

क्रॉनिक आर्थराइटिस दो प्रकार के होते हैं- (अ) ऋयूमेटिक आर्थराइटिस, (ब) आस्टियो आर्थराइटिस। ऋयूमेटिक आर्थराइटिस सभी आयु के लोगों में, मुख्यत: 35 से 40 वर्ष के बाद की महिलाओं में ज्यादातर देखने को मिलता है। ठंडी जलवायु वाले स्थानों पर इसका प्रकोप ज्यादा होता है। इससे पीड़ित लोगों में थकावट, जोड़ों में कड़ापन देखने को मिलता है। इसमें सायनोवियल मेम्ब्रेन में सूजन आ जाती है। ऋयूमेटिक आर्थराइटिस में शरीर के प्लाज्मा में ऋयूमेटिक फैक्टर की मात्रा सामान्य से बढ़ी होती है। यह एक आॅटोइम्यून संक्रमण है। इस बीमारी में भूख न लगना, सामान्य क्रियाएं करने में असमर्थ होना, खून की कमी, बुखार आना, कमजोरी तथा वजन कम होना सामान्य लक्षण हैं।

इसमें दर्द ज्यादा होने पर ही दर्दनाशक दवाएं दी जाती हैं। आहार में मुख्यत: सादा, पौष्टिक, सुपाच्य तथा पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेने की सलाह होती है। इस बीमारी में मुख्यत: कम वजन तथा कम हुए पोषक तत्वों की तरफ ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। कई लोग ऋमेटिक आर्थराइटिस में कम काबोर्हाइड्रेट के भोजन की सलाह देते हैं। परंतु ऐसा करने से शरीर में कमजोरी आ सकती है। इसमें लौह तत्व, विटामिन सी, ए, बी6 से भरपूर भोजन करना चाहिए। खाने में मोटा अनाज, मौसमी फल, सब्जियां, दालचीनी, काली मिर्च, मूंग व मसूर की दाल को शामिल करने से अच्छे फायदे होते हैं।

आस्टियो आर्थराइटिस को डीजनरेटिव आर्थराइटिस भी कहा जाता है। यह जोड़ों की आर्टिकुलर कार्टिलेज के नष्ट हो जाने से होता है। आॅस्टियो आर्थराइटिस होने का मुख्य कारण जोड़ों में चोट लगना, कोई लंबी बीमारी हो सकता है। इससे पीड़ित व्यक्ति का वजन सामान्यत: ज्यादा ही होता है। इस बीमारी के उपचार का प्रथम पड़ाव दर्द को कम करना तथा आहार की सहायता से बढ़े हुए वजन को कम करना होता है।

वजन कम होने से जोड़ों का दर्द भी कम हो जाता है। इसमें उचित विश्राम, उचित शारीरिक व्यायाम, फिजिओथेरेपी तथा वजन कम करने के लिए संतुलित आहार की सलाह दी जाती है। ध्यान रहे, आपके खाने में प्रोटीन की मात्रा कम न हो। इसके लिए नियमित रूप से शाकाहारी भोजन में दूध, पनीर, टोफू, अंकुरित अनाज तथा दालों का सेवन करना चाहिए। वजन कम करने के लिए आपके भोजन में से 500 किलो कैलोरी रोज कम करना लाभदायक होता है।

Topics: सूजन तथा संक्रमणArthritisऋयूमेटिक आर्थराइटिसजोड़ों का दर्द(ब) आस्टियो आर्थराइटिस। ऋयूमेटिक आर्थराइटिसआर्थराइटिसवात दोषशाकाहारी भोजनअम्लीय खाद्य पदार्थोंJoint painVata doshaVegetarian dietAcidic foods
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

जोड़ों के दर्द से पाना चाहते हैं राहत तो अपनाएं ये घरेलू उपाय

संस्कार से सेहत तक सोना

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

jammu kashmir SIA raids in terror funding case

कश्मीर में SIA का एक्शन : पाकिस्तान से जुड़े स्लीपर सेल मॉड्यूल का भंडाफोड़, कई जिलों में छापेमारी

बागेश्वर बाबा (धीरेंद्र शास्त्री)

पाकिस्तान बिगड़ैल औलाद, जिसे सुधारा नहीं जा सकता : पंडित धीरेंद्र शास्त्री

शतरंज खेलना हराम है… : तालिबान ने जारी किया फतवा, अफगानिस्तान में लगा प्रतिबंध

चित्र प्रतीकात्मक नहीं है

पाकिस्तान पर बलूचों का कहर : दौड़ा-दौड़ाकर मारे सैनिक, छीने हथियार, आत्मघाती धमाके में 2 अफसर भी ढेर

प्रतीकात्मक चित्र

पाकिस्तान में बड़ा हमला: पेशावर में आत्मघाती विस्फोट, बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सैनिकों के हथियार छीने

स्वामी विवेकानंद

इंदौर में स्वामी विवेकानंद की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी स्थापित, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया भूमिपूजन

भारत की सख्त चेतावनी, संघर्ष विराम तोड़ा तो देंगे कड़ा जवाब, ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के 3 एयर डिफेंस सिस्टम ध्वस्त

Operation sindoor

थल सेनाध्यक्ष ने शीर्ष सैन्य कमांडरों के साथ पश्चिमी सीमाओं की मौजूदा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

राष्ट्र हित में प्रसारित हो संवाद : मुकुल कानितकर

Jammu kashmir terrorist attack

जम्मू-कश्मीर में 20 से अधिक स्थानों पर छापा, स्लीपर सेल का भंडाफोड़

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies