चन्द्रमा के शरीर पर सैकड़ों घाव
May 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

चन्द्रमा के शरीर पर सैकड़ों घाव

ये अलग बात है कि स्वयंभू वामपंथी इतिहासकारों, सेक्युलरता के घातक रोग से पीड़ित लिबरलों, और खुद पर ही शर्मिंदा कुछ भारतीय गोरों को यह बात आज भी नहीं पता, क्योंकि ना तो उन्हें इतिहास का अध्ययन करना आता है और ना ही उनमें इतनी क्षमता ही है

by WEB DESK
Jul 28, 2023, 07:31 am IST
in भारत, सोशल मीडिया
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

जिस समय चर्च यह मानता था कि रात का आसमान एक काली चादर है, जिसमें छेद हो गए और उसमें से स्वर्ग का प्रकाश तारों के रूप में दिख रहा है, उस समय भारत के एक चोट्टे को भी ये पता था कि चंद्रमा की सतह समतल नहीं है और उस पर जो दाग हैं, वो उल्काओं के गिरने से बने हैं।

नीतू सोनी

भारत में सदियों पहले एक किताब- #मेरुतुंगाचार्य_रचित_प्रबन्ध_चिन्तामणि आई थी जिसमें महान लोगों के बारे में कई हस्तलिखित कहानियां थीं। कोई कहता है किताब 1310 के दशक में आई तो कोई उसे 1360 के दशक का मानता है, 1310 वाले ज्यादा लोग हैं। खैर मुद्दा वो नहीं है, किताब का 14 वीं सदी का होना ही काफी है। उसमें राजा भोज पर भी कई कहानियां हैं जिसमें से एक ये है, जिसे थोड़ा ध्यान से पढ़ा जाना चाहिए।

पहली बार टेलिस्कोप से चंद्रमा देखा और अपनी डायरी में नोट किया कि, ‘चंद्रमा की सतह चिकनी नहीं है जैसी कि मानी जाती थी (क्योंकि केवल आंखों से वह ऐसी ही दिखती है), बल्कि असमतल और ऊबड़-खाबड़ है।’ वहां उन्हें पहाड़ियां और गड्ढों जैसी रचनाएं नजर आई थीं। उन्होंने टेलिस्कोप से खुद के देखे चंद्रमा का एक स्केच भी अपनी डायरी में बनाया।

एक रात अचानक आंख खुल जाने से राजा भोज ने देखा कि चांदनी के छिटकने से बड़ा ही सुहावना समय हो रहा है, और सामने ही आकाश में स्थित चन्द्रमा देखने वाले के मन मेें आह्लाद उत्पन्न कर रहा है। यह देख राजा की आंखें उस तरफ अटक गर्इं और थोड़ी देर में उन्होंने यह श्लोकार्ध पढ़ा-
यदेतइन्द्रान्तर्जलदलवलीलां प्रकुरुते।
तदाचष्टे लोक: शशक इति नो सां प्रति यथा॥

अर्थात् –‘चांद के भीतर जो यह बादल का टुकड़ा सा दिखाई देता है लोग उसे शशक (खरगोश) कहते हैं। परन्तु मैं ऐसा नहीं समझता।’
संयोग से इसके पहले ही एक विद्वान चोर राज महल में घुस आया था और राजा के जाग जाने के कारण एक तरफ छिपा बैठा था।

जब भोज ने दो तीन वार इसी श्लोकार्ध को पढ़ा और अगला श्लोकार्ध उनके मुंह से न निकला तब उस चोर से चुप न रहा गया और उसने आगे का श्लोकार्ध कह कर उस श्लोक की पूर्ति इस प्रकार कर दी-
अहं त्विन्दु मन्ये त्वरिविरहाक्रान्ततरुणो।
कटाक्षोल्कापातव्रणशतकलङ्काङ्किततनुम्॥

अर्थात् – ‘मैं तो समझता हूं कि तुम्हारे शत्रुओं की विरहिणी स्त्रियों के कटाक्ष रूपी उल्काओं के पड़ने से चन्द्रमा के शरीर में सैकड़ों घाव हो गए हैं और ये उसी के दाग हैं।’

अपने पकड़े जाने की परवाह न करने वाले उस चोर के चमत्कार पूर्ण कथन को सुनकर भोज बहुत खुश हुए और सावधानी के तौर पर उस चोर को प्रात:काल तक के लिए एक कोठरी में बंद करवा दिया। परंतु उस समय विद्वता की पूछ परख ज्यादा थी, सो अगले दिन प्रात: उसे भारी पुरस्कार देकर विदा किया गया।

लगभग 250 साल के लंबे अंतराल के बाद, गेलीलियो ने 30 नवंबर सन् 1609 को पहली बार टेलिस्कोप से चंद्रमा देखा और अपनी डायरी में नोट किया कि, ‘चंद्रमा की सतह चिकनी नहीं है जैसी कि मानी जाती थी (क्योंकि केवल आंखों से वह ऐसी ही दिखती है), बल्कि असमतल और ऊबड़-खाबड़ है।’ वहां उन्हें पहाड़ियां और गड्ढों जैसी रचनाएं नजर आई थीं। उन्होंने टेलिस्कोप से खुद के देखे चंद्रमा का एक स्केच भी अपनी डायरी में बनाया।

कहानी का सार बस इतना है कि जिस समय चर्च यह मानता था कि रात का आसमान एक काली चादर है, जिसमें छेद हो गए और उसमें से स्वर्ग का प्रकाश तारों के रूप में दिख रहा है, उस समय भारत के एक चोट्टे को भी ये पता था कि चंद्रमा की सतह समतल नहीं है और उस पर जो दाग हैं, वो उल्काओं के गिरने से बने हैं।

बात खत्म।
अब ये अलग बात है कि स्वयंभू वामपंथी इतिहासकारों, सेक्युलरता के घातक रोग से पीड़ित लिबरलों, और खुद पर ही शर्मिंदा कुछ भारतीय गोरों को यह बात आज भी नहीं पता, क्योंकि ना तो उन्हें इतिहास का अध्ययन करना आता है और ना ही उनमें इतनी क्षमता ही है।

Topics: ‘चांद के भीतर जो यह बादल का टुकड़ाविरहिणी स्त्रियों के कटाक्ष रूपीमेरुतुंगाचार्य
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

No Content Available

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

#पाकिस्तान : अकड़ मांगे इलाज

भारतीय सेना ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को किया नष्ट

भारतीय सेना ने PAK पर किया कड़ा प्रहार: पाकिस्तानी आतंकी लॉन्च पैड और चौकियां तबाह

प्रतीकात्मक तस्वीर

भारत के पॉवर ग्रिड पर पाकिस्तानी साइबर हमले की खबर झूठी, PIB फैक्ट चेक में खंडन

पुस्तक का लोकार्पण करते डॉ. हर्षवर्धन और अन्य अतिथि

कैंसर पर आई नई किताब

PIB Fact check

PIB Fact Check: सरकार ने नहीं जारी की फोन लोकेशन सर्विस बंद करने की एडवायजरी, वायरल दावा फर्जी

Pakistan Defence minister Khawaja Asif madarsa

मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने बताया सेकंड लाइन ऑफ डिफेंस

भारतीय सेना के हमले में तबाह हुआ पाकिस्तानी आतंकी ठिकाना

जब प्रश्न सिंदूर का हो, तब उत्तर वज्र होता है

Pahalgam terror attack

आतंक को जवाब: पाकिस्तान के 4 एयरबेस पर फिर सेना ने किया हमला

एक शिविर में प्रशिक्षण प्राप्त करते संस्कृत प्रेमी

15,000 लोगों ने किया संस्कृत बोलने का अभ्यास

Pakistan attacks in india

जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक पाकिस्तान ने किए हमले, सेना ने दिया मुंहतोड़ जवाब

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies