असम कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा ने कहा कि महाभारत में राजा धृतराष्ट्र और गांधारी का विवाह लव जिहाद का उदाहरण था। जब श्रीकृष्ण रुक्मिणी से शादी करने आए, तो उनके सबसे अच्छे दोस्त अर्जुन उनके परिवार को भ्रमित करने के लिए महिला पोशाक में थे, यह भी लव जिहाद था
गुवाहाटी: असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने लव जिहाद की घटनाओं का खुलेआम समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि “प्यार और युद्ध में सबकुछ जायज है।” गोलाघाट जिले में हाल ही में हुए जघन्य तिहरा हत्याकांड हुआ था। नजीबुर हुसैन नाम के एक व्यक्ति ने अपनी हिंदू पत्नी संघमित्रा घोष और उसके माता-पिता की चाकू मारकर हत्या कर दी थी। इस पर टिप्पणी करते हुए भूपेन बोरा ने कहा कि भारत में प्राचीन काल से अंतरजातीय और अंतरधार्मिक विवाह होते रहे हैं। लेकिन अब असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा इसे सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं और इसे लव जिहाद बता रहे हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ”प्यार और जंग में सब कुछ जायज है”, अंतर धर्म विवाह को लव जिहाद कहने से पहले सीएम को यह कहावत बदलनी चाहिए। परस्पर विवाह प्राचीन काल से होता आ रहा है। महाभारत में भी राजा धृतराष्ट्र और गांधारी का विवाह लव जिहाद का उदाहरण था। यह एक जबरदस्ती की शादी थी और इसीलिए ‘मामा शकुनि’ ने बदला लिया। इसके अलावा जब श्रीकृष्ण रुक्मिणी से विवाह करने आए, तो उनके सबसे अच्छे दोस्त अर्जुन उनके परिवार को भ्रमित करने के लिए महिला पोशाक में थे। एपीसीसी अध्यक्ष ने कहा, यह भी लव जिहाद का ही उदाहरण है। उन्होंने यह भी कहा कि द्रौपदी ने कर्ण को अस्वीकार कर दिया क्योंकि वह निचली जाति का था। तो ये चीजें हमारे समाज में चल रही हैं।
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि जहां प्यार है, वहां जिहाद नहीं
एपीसीसी अध्यक्ष बोरा की अजीब टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि भगवान कृष्ण और रुक्मिणी के बीच केवल प्रेम था। लेकिन लव जिहाद में सिर्फ जिहाद होता है, प्यार नहीं, तो लड़की की हत्या हो जाती है। हमें लव जिहाद को ख़त्म करना होगा। लव और जिहाद एक साथ नहीं चलते, जहां प्यार है वहां जिहाद नहीं है। वरिष्ठ मंत्री पीयूष हजारिका ने कहा कि भूपेन बोरा और कांग्रेस पार्टी जिहादी संस्कृति मैं घुल-मिल गए। इसलिए उन्होंने यह कहने का साहस किया कि महाभारत में लव जिहाद था। हजारिका ने कहा, वे अब जिहादी संस्कृति के इतने समर्थक हैं कि वे हिंदू और सनातनी अनुयायियों का अपमान करने से पहले नहीं सोचते हैं।
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