नई दिल्ली। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में कांग्रेस के पूर्व नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया है। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद ने जगदीश टाइटलर को पांच अगस्त को कोर्ट में पेश होने के लिए समन जारी किया।
कोर्ट ने सात जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। दो जून को कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई एमपी एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था। इसके पहले कोर्ट ने आर्म्स डीलर के बयान दर्ज करने में देरी पर सीबीआई को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि इस मामले के 35 साल बीत गए और कई बार जांच में तेजी लाने के आदेश दिए गए। गवाह भी आगे आए, लेकिन सीबीआई केवल धारा 161 के तहत बयान दर्ज कर संतुष्ट हो गई। कोर्ट ने सीबीआई से पूछा था कि उन बयानों पर गवाहों के दस्तखत तक नहीं हुए हैं। कोर्ट ने कहा था कि अगर सीबीआई चाहती तो वो गवाह का बयान धारा 164 के तहत दर्ज कर सकती है। धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट बयान दर्ज करता है।
गवाह ने 2017 में दिल्ली पुलिस को शिकायत दी थी और अपनी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की थी। उन्हें ई-मेल के जरिये जान से मारने की धमकी दी गई थी। वह एक नवंबर 1984 में दिल्ली के पुलबंगश में तीन सिखों की हत्या के मामले में गवाह हैं। एक नवंबर 1984 को जिन सिखों की हत्या हुई थी उनमें बादल सिंह, ठाकुर सिंह और गुरचरण सिंह शामिल हैं। तीनों की हत्या पूर्व प्रधामंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद की गई थी। इस केस को नानावटी कमीशन ने दोबारा खोलने का आदेश दिया था। सीबीआई ने इस मामले में टाइटलर के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 109 और 302 के तहत लगाया है। सीबीआई के मुताबिक टाइटलर ने भीड़ को उकसाया था, जिसके बाद भीड़ ने पुलबंगश के गुरुद्वारे में आग लगा दिया था।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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