चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के क़रीबी माने जाते रहे चिन गांग को आखिरकार विदेश मंत्री पद से हटा दिया गया। राष्ट्रपति शी ने ही उनकी नियुक्ति कराई थी और उन्होंने ही उन्हें बर्खास्त करने के कागजों पर दस्तखत कर दिए। गांग की जगह अब चीन सरकार में वरिष्ठ और अनुभवी माने जाने वाले और खासतौर पर राष्ट्रपति जिनपिंग के नजदीकी माने जाने वांग यी एक बार फिर पार्टी की जिम्मेदारियों के साथ विदेश मंत्री का पद भी संभालेंगे। आखिर दुनिया में तेजी से हावी होने को आतुर चीन में इतना बड़ा फेरबदल यूं अचानक कैसे और क्यों हुआ?
दरअसल निवर्तमान विदेश मंत्री चिन गांग सार्वजनिक स्थानों से लगभग एक महीने से गायब थे। उनके बारे में विदेश मंत्रालय भी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे रहा था। इसलिए उन्हें लेकर अफवाहों का बाजार गर्म था। बीजिंग से हांगकांग तक कई तरह की थ्योरियां चल रही थी। उन्हें ‘बीमार हैं’ बताया गया था तो यह भी कहा गया था कि राष्ट्रपति शी उनसे किसी बात पर नाराज हैं।
लेकिन तमाम अफवाहों में से सबसे ज्यादा दमदार अफवाह उनके एक टीवी एंकर से दोस्ती को लेकर मानी जा रही थी। हालांकि उनको बर्खास्त करने के बाद भी, सरकार की तरफ से कोई साफ वजह नहीं बताई गई है। लेकिन यह सौ फीसदी सच है कि अब वांग फिर से विदेश मंत्री की कुर्सी पर बैठ चुके हैं। अभी तक वांग चीन की सर्वशक्तिशाली कम्युनिस्ट पार्टी के विदेश मामलों के प्रमुख थे और राजनय से जुड़े विभिन्न फैसले लिया करते थे।
कम्युनिस्ट चीन की बात करें तो चिन गांग का विदेश मंत्री पद से हटना या उनको हटाया जाना एक बड़ी खबर है। लेकिन जाने क्यों, इसे सरकार ने बहुत सतही तरीके से सबके सामने रखा और ऐसा दिखाया जैसे कुछ खास न हुआ हो। सरकार ने जो बयान जारी किया उसकी भाषा भी बहुत सपाट दिखती है। बयान कहता है, ‘चिन गांग को विदेश मंत्री के पद से हटा दिया गया है। चीन की सर्वोच्च विधायिका ने वांग यी की विदेश मंत्री के रूप में नियुक्ति के पक्ष में अपना मत डाला है।’
चिन गांग के गायब होने की शुरुआत तब हुई जब एक महीने पहले उन्हें इंडोनेशिया में एक बैठक के लिए जाना था। लेकिन चिन वहां पहुंचे ही नहीं। बताया गया कि उनकी सेहत ठीक नहीं है। उनके मंत्रालय ने और कुछ खास नहीं बताया था। लेकिन कुछ अनुभवी नेताओं ने अंदाजा लगा लिया था कि शायद किसी एंकर से संबंध होने की वजह से आलाकमान नाराज है।
चीन के निवर्तमान विदेश मंत्री चिन गांग सिर्फ छह महीने ही इस पद पर रह पाए। चीन की राजनीति में शायद यह एक अभूतपूर्व घटना है। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने अपने समाचार में इस बात का उल्लेख किया है कि गांग सिर्फ छह महीने विदेश मंत्री रहे।
चिन गांग सार्वजनिक रूप से आखिरी बार 25 जून को देखे गए थे। पिछले करीब एक महीने से वे अपने सरकारी काम और कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो रहे थे। तब बताया गया था कि उनकी तबियत ठीक नहीं है। लेकिन जब वे लगातार चार हफ़्ते मंत्रालय में नहीं आए तब कयास लगाए जाने लगे कि या तो शी जिनपिंग उनसे नाराज हैं और सजा के तौर पर उनको दफ्तर से दूर रख रहे हैं या गांग राजनीति से दूर हो रहे हैं।
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक अलग ही थ्योरी चल रही है। इसमें किसी महिला टेलीविज़न एंकर के साथ उनकी नजदीकी की अटकलें लगाई गई हैं। ये एंकर सोशल मीडिया पर खासी सक्रिय बताई गई थी, लेकिन जब से उक्त कयास चलने लगे, तबसे वह सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दिख नहीं रही है।
इधर चीन के कुछ जानकारों का मानना है कि शयाद चिन गांग के राजनीतिक विरोधियों ने कम्युनिस्ट पार्टी में इस ‘नजदीकी’ को लेकर सवाल खड़े किए हैं और नैतिकता के तकाजे का मुद्दा उठाया है। यह बात सही है कि अगर ऐसा कुछ है भी तो गांग ने कानून कुछ गलत नहीं किया है, लेकिन पूरी संभावना है कि पार्टी में इसे अनुशासन का मुद्दा बनाया गया हो।
हालांकि चिन गांग सरकार का एक चर्चित चेहरा रहे हैं। उनका मंत्रीमंडल में न होना न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है, चीन की आम जनता में कई तरह की बातें चल रही हैं। बीजिंग से लेकर हांगकांग तक यही सवाल तैर रहा है कि ‘चिन के साथ आखिर हुआ क्या है’? लेकिन टेलीविजन एंकर वाले कयास को सही मानने वालों की सख्या ज्यादा दिख रही है।
चिन गांग के गायब होने की शुरुआत तब हुई जब एक महीने पहले उन्हें इंडोनेशिया में एक बैठक के लिए जाना था। लेकिन चिन वहां पहुंचे ही नहीं। बताया गया कि उनकी सेहत ठीक नहीं है। उनके मंत्रालय ने और कुछ खास नहीं बताया था। लेकिन कुछ अनुभवी नेताओं ने अंदाजा लगा लिया था कि शायद किसी एंकर से संबंध होने की वजह से आलाकमान नाराज है।
दिलचस्प तथ्य यह भी है कि जब शी जिनपिंग ने राष्ट्रपति पद संभाला था तो वे भी उसके फौरन बाद करीब 15 दिन तक ग़ायब रहे थे। तब भी उनकी सेहत तथा सत्ता के लिए संभावित टकराव के चर्चे चलाए गए थे।
बहरहाल गांग की जगह लेने वाले वांग यी एक अनुभवी राजनयिक रहे हैं। वे 2013 से 2022 के बीच चीन के विदेश मंत्री रह चुके हैं। 69 वर्षीय वांग के पद पर आने को चीन की कूटनीति में स्थिरता लाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
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