एनआईए ने रविवार को चंडीगढ़ में विशेष अदालत में ड्रग्स तस्कर एवं सप्लायर से आतंकी बने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा, खालिस्तान टाईगर फोर्स के अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डल्ला, लखबीर सिंह संधू उर्फ लांडा के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया। इन पर आतंकी गतिविधियों, जबरन वसूली, हथियारों और नशीली दवाओं की सीमा पार तस्करी एवं भारत में अपने सहयोगियों की भर्ती करने का आरोप है। बीकेआई और केटीएफ प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन हैं।
एनआईए की चार्जशीट में इन आतंकियों के उत्तर भारत में सक्रिय स्थानीय गैंगस्टरों, संगठित आपराधिक सिंडिकेट से भी संबंध उजागर हुए हैं। आरोप पत्र में बब्बर खालसा इंटरनेशनल और खालिस्तान टाइगर फोर्स के लिए काम करने वाले छह अन्य सहयोगियों के भी नाम शामिल हैं। इनमें हरजोत सिंह, कश्मीर सिंह गलवड्डी, तरसेम सिंह, गुरजंट सिंह, दीपक रंगा और लक्की खोखर उर्फ डेनिस के नाम शामिल हैं।
एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि दोनों संगठनों के लिए धन जुटाने की एक जटिल व्यवस्था पर भी इसमें प्रकाश डाला गया। एनआईए ने कहा कि वह बीकेआई और केटीएफ से जुड़े 16 अन्य फरार और गिरफ्तार आरोपियों के लिंक की भी जांच कर रही है। प्रवक्ता ने बताया कि तीन कुख्यात गैंगस्टर से आतंकवादी और ड्रग तस्कर बने हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा, बीकेआई के लखबीर सिंह संधू उर्फ लांडा और केटीएफ के अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डाला, ने देश के बाहर से भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए वहां अपने गुर्गों का अपना नेटवर्क बनाया है। उन्होंने कहा कि इस विदेशी जटिल नेटवर्क के माध्यम से वे भारत में अपने सहयोगियों की भर्ती, उन्हें साहस देने और संचालन का काम करते हैं, जिससे उनके सहयोगी भारत में आतंकवादी गतिविधियां, रंगदारी और सीमा पार से हथियारों और नशीली दवाओं की तस्करी को अंजाम देते हैं।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि उनके उत्तर भारत में सक्रिय प्रमुख गिरोहों से भी संबंध हैं, जिनमें स्थानीय गैंगस्टर, संगठित आपराधिक सिंडिकेट और नेटवर्क शामिल हैं। एनआईए के अनुसार रिंदा बीकेआई का बहुत प्रमुख सदस्य है और खालिस्तानी ऑपरेटिव है। साल 2018-19 में वह अवैध रूप से पाकिस्तान भाग गया और वर्तमान में आईएसआई के संरक्षण में वहां रह रहा है, और भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने में शामिल है।
रिंदा कईं प्रकार के अपराधों में शामिल है, जैसे हथियारों की तस्करी, गोला-बारूद विस्फोटकों और ड्रग्स की पाकिस्तान से भारत में तस्करी। इसके साथ ही बीकेआई कार्यकर्ताओं की भर्ती, हत्याएं, पंजाब और महाराष्ट्र राज्यों में जबरन वसूली के माध्यम से बीकेआई के लिए धन जुटाने जैसे विभिन्न अपराधों में शामिल है। अधिकारी ने कहा कि रिंदा मई 2022 में पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस मुख्यालय पर आरपीजी हमले सहित कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहा है। एजेंसी ने कहा कि केंद्र द्वारा उसे डाला और लांडा के साथ व्यक्तिगत आतंकवादी घोषित किया गया था। प्रवक्ता के अनुसार मोगा निवासी डाला एक कुख्यात गैंगस्टर है जो कुछ समय पहले कनाडा चला गया था और हरदीप सिंह निज्जर के संपर्क में आया जो प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन केटीएफ का प्रमुख था।
प्रवक्ता ने कहा कि दोनों केटीएफ के लिए धन जुटाने और पंजाब में व्यापारियों और विशेष समुदायों के नेताओं की लक्षित हत्या को अंजाम देने के लिए युवाओं की भर्ती और आतंकवादी गिरोह बनाने में लगे हुए थे। अधिकारी ने कहा कि तरनतारन का लांडा शुरू में आपराधिक और गैंगस्टर गतिविधियों में शामिल था और 2017 में कनाडा चला गया, जहां वह रिंदा के संपर्क में आया। लांडा ने बीकेआई के लिए काम करना शुरू किया और कई आतंकवादी घटनाओं में मुख्य आरोपी के रूप में उभरा, जिसमें पंजाब पुलिस खुफिया मुख्यालय पर आरपीजी हमला और दिसंबर, 2022 में तरनतारन में सरहाली पुलिस स्टेशन पर आरपीजी हमला शामिल है।
प्रवक्ता ने कहा कि वह पिछले साल अगस्त में पंजाब पुलिस के सब इंस्पेक्टर दिलबाग सिंह की हत्या की साजिश का भी मास्टरमाइंड था। एजेंसी ने कहा कि बीकेआई के अन्य विदेश आधारित आरोपपत्रित गुर्गों में हरजोत सिंह शामिल हैं जो वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका में हैं, कश्मीर सिंह गलवड्डी, जो नाभा जेलब्रेक मामले में फरार है और संदेह है कि वर्तमान में नेपाल में है, और लांडा का भाई तरसेम सिंह, जो वर्तमान में दुबई में है। प्रवक्ता ने कहा कि गुरजंत सिंह, जो ऑस्ट्रेलिया में छिपा हुआ है, केटीएफ के विदेश-आधारित नोड्स में से एक है, जिसके खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया है। आरोपपत्र में शामिल अन्य आरोपियों में दीपक रंगा और लक्की खोखर उर्फ डेनिस शामिल हैं, जिन्हें भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए विदेशी-आधारित हेंडलर्स द्वारा भर्ती किया गया था।
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