बरेली। एक दिन पहले बरेली के मुस्लिम बहुल इलाके में कांवड़ यात्रा पर हमले के मामले में पुलिस ने सपा नेता उस्मान अल्वी को गिरफ्तार किया है। समाजवादी पार्टी के पार्षद रह चुके उस्मान ने ही कांवड़ जत्थे पर पथराव कराने की साजिश रची थी। साजिश को अंजाम देने के लिए शाह नूरी मस्जिद में पहले से ही पत्थरबाजों की फौज और आसपास की छतों पर ईंट-पत्थर जमा कर लिए गए थे। कांवड़ियों पर पथराव के बाद से बरेली के हालात तनावपूर्ण हैं। प्रशासन ने इलाके को छावनी बना रखा है। पुलिस-पीएसी के साथ आरएएफ भी तैनात है।
बरेली के मुस्लिम बहुल क्षेत्र पुराना शहर के जोगी नवादा फकीर बस्ती में रविवार दोपहर को कांवड़ियों पर पथराव के बवाल की स्थिति बन गई थी। हमले में कई लोगों को चोटें आई थीं। घटना से गुस्साए कांवड़ियों के साथ हिन्दू संगठन मैदान में उतर आए थे और हमले में शामिल मुस्लिम समुदाय के लोगों पर कार्रवाई की मांग को लेकर भारी हंगामा किया था। भाजपा नेताओं के हस्तक्षेप पर किसी तरह कांवड़ जत्था गंगाजल लेने बदायूं के कछला घाट रवाना हो गए था मगर उसके बाद भी शहर में हिन्दूवादी संगठनों का प्रदर्शन जारी रहा था। हमलावरों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर रात में बरेली-पीलीभीत रोड पर जाम लगाकर घंटों प्रदर्शन भी किया गया था।
पुलिस के मुताबिक, कांवड़ यात्रा पर हमले के मामले में समाजवादी पार्टी के नेता पूर्व पार्षद उस्मान अल्वी, शाह नूरी मस्जिद के मौलाना और उसके बेटे के अलावा सलीम, छोटे, ढोल,राशिद म़ुखबिर, वाहिद, चांद मोहम्मद, गुड्डू, सरदार शाह, भूरा समेत 150 से अधिक लोगों पर थाना बारादरी में गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। धरपकड़ शुरू होते हमलावर घरों पर ताले डालकर भूमिगत हो लिए हैं। पुलिस टीमें उनकी तलाश में दबिशें दे रही हैं। एसपी सिटी राहुल भाटी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सीसीटीवी फुटेज के जरिए पत्थरबाजी में शामिल हमलावरों की पहचान कराई जा रही है। जो भी घटना में शामिल होगा, उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
दूसरी ओर, हिन्दूवादी संगठनों ने प्रशासन से सोमवार शाम को उसी इलाके से गुजरने जा रही कावड़ जत्थे की सुरक्षा के लिए और अधिक प्रभावी इंतजाम करने की मांग की है। स्थानीय लोगों ने बताया कि 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान भी बरेली के जोगी नवादा इलाके में कांवड़ियों पर हमले की घटना हुई थी। मुस्लिम भीड़ ने कांवड़ियों के साथ उस समय जमकर मारपीट की थी और कांवड़ियों को विदा कराने आईं महिलाओं के साथ अभद्रता की गई थी। सपा नेता उस्मान अल्वी के खिलाफ उस समय भी रिपोर्ट दर्ज हुई थी। कल कांवड़ यात्रा पर हमले की भी सुनियोजित साजिश होने की बात सामने आ रही है। लोगों का कहना कि शाह नूरी मस्जिद में कांवड़ यात्रा के आने से पहले ही सपा नेता उस्मानी अल्वी ने भीड़ जुटा ली थी। जैसे ही शिवभक्त कांवड़िए मस्जिद के सामने से गुजरे तो उन पर चारों ओर से ईंट-पत्थर बरसाना शुरू कर दिए गए। मुस्लिम भीड़ में शामिल पत्थरबाजों की वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें कांवड़ियों को निशाना बनाकर हमलावरों को जबरदस्त पथराव होता साफ दिख रहा है।
भाजपा नेता प्रत्येश पांडेय उर्फ पाला भैया ने बताया कि मुस्लिम बस्ती से गुजरने पर हर साल कांवड़ियों को इसी तरह से टार्गेट करने कोशिश की जाती है। कई बार पहले भी विवाद हुए हैं। अबकी बार कांवड़ जत्थे के गुजरने से पहले जिस तरह मस्जिद में भीड़ जमा हो गई थी, उसे देखते हुए हमला सुनियोजित लग रहा है। 2017 के बाद से बरेली में उपद्रव की कोई घटना नहीं हुई है। उस्मान जैसे मुस्लिम कट्टरपंथी शांत शहर में आग लगाने का षडयंत्र कर रहे हैं। कांबड़ियों पर हमला उसी साजिश का हिस्सा लगता है। प्रशासन के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
वहीं हिन्दू जागरण मंच के जिलाध्यक्ष अरुण फौजी ने कहा है कि सावन शुरू होते ही पूरे बरेली में मुस्लिम कट्टरपंथी माहौल खराब कराने की कोशिश कर रहे हैं। थाना आंवला इलाके के मनौना गांव में तीन दिन पहले कांवड़ यात्रा को बसपा के जिला पंचायत सदस्य शमशाद ने मुस्लिम भीड़ के साथ मिलकर परंपरागत रूट से जाने पर रोक दिया। इसके बाद थाना अलीगंज के गांव नौगवां ब्रहृनान में मुस्लिम भीड़ ने कांवड़ियों को जाने से रोक दिया। थाना बारादरी इलाके में कल कांवड़ियों पर मुस्लिम भीड़ ने हमला किया, जिसमें कई लोग घायल हो गए। शासन-प्रशासन स्तर से बरेली में हुई इन घटनाओं से सबक लेते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है, ताकि आगे ऐसा करने की कोई हिम्मत न कर सके।
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