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होम भारत झारखण्‍ड

झारखंड में पैर पसारते जिहादी तत्व

लोहरदगा, रांची, पाकुड़, जमशेदपुर, हजारीबाग, रामगढ़ जैसे जिले जिहादी तत्वों के लिए सुविधाजनक सिद्ध हो रहे हैं। राज्य सरकार की नीतियों ने इस शांत प्रदेश को अशांत करने का काम किया है।

by रितेश कश्यप
Jul 24, 2023, 10:59 am IST
in झारखण्‍ड
एनआईए की गिरफ्त में संदिग्ध आतंकी फैजान, जो अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का छात्र भी है!

एनआईए की गिरफ्त में संदिग्ध आतंकी फैजान, जो अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का छात्र भी है!

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गत दिनों झारखंड के लोहरदगा से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 19 वर्षीय फैजान को गिरफ्तार किया है। दावा किया जा रहा है कि फैजान का संबंध इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) से है। इस पड़ताल में यह भी पता चला कि यह आतंकी भारत में हिंसक कार्रवाई की योजना बना रहा था और तलाशी के दौरान कई महत्वपूर्ण डिजिटल सबूत भी जांच एजेंसियों को प्राप्त हुआ है।

जांच एजेंसी को इस आतंकी की तलाश काफी समय से थी। इसके लिए जांच एजेंसी ने उत्तर प्रदेश और झारखंड के कई इलाकों में तलाशी भी की थी। अंततः 19 जुलाई को फैजान अंसारी उर्फ फैज की गिरफ्तारी लोहरदगा शहरी क्षेत्र के मिल्लत कॉलोनी से हुई।

इसकी गिरफ्तारी के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने 20 जुलाई को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि फैजान आईएसआईएस के नेटवर्क को समृद्ध करने की कोशिश में था और संगठन के विदेशी संचालकों के संपर्क में भी था और भारत में हिंसक कार्रवाई की योजना बना रहा था। इसके लिए फैजान सोशल मीडिया के जरिए संगठन का प्रचार-प्रसार कर रहा था और इसी के माध्यम से कुछ लोगों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रच रहा था। फैजान अंसारी उर्फ फैज अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का छात्र है। इसी क्रम में फैजान के उत्तर प्रदेश स्थित कमरे और लोहरदगा के आवास की तलाशी भी ली गई जहां एनआईए को कुछ डिजिटल साक्ष्य, कुछ दस्तावेज और आपत्तिजनक सामान भी मिले हैं।

यह भी पता चला कि पिछले एक दशक से वह आतंक की किताब पढ़ रहा था। स्कूली शिक्षा के दौरान ही उसके दिमाग में देश के खिलाफ जहर भरने लगा था। एनआईए की पूछताछ में उसने बताया कि जब भी कोई उसे मुस्लिम होने की बात करता तो उसे लगता था कि उसका कोई मजाक उड़ा रहा है। धीरे-धीरे उसे हिंदुओं से नफरत होने लगी। इसके बाद जब वह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पहुंचा तो उसकी मुलाकात वैसे लोगों से हुई जैसा कि वह खुद था। पढ़ाई के दौरान उसके कुछ दोस्तों ने कुछ वेबसाइट के बारे में बताया और जानकारी दी कि उन वेबसाइट्स को कैसे उपयोग करना है। इसी के माध्यम से वह आईएसआईएस के संपर्क में आया।

लोहरदगा में पहले भी ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जिनमें जांच एजेंसियों को पता चला था कि उन घटनाओं में कुछ आतंकी संगठनों का भी हाथ है। लोहरदगा का विवादों से पुराना नाता रहा है। वर्ष 2020 में सीएए समर्थन की रैली के दौरान कुछ कट्टरपंथी समूह ने भाजपा की रैली पर पथराव किया था। इस दौरान भी दंगा भड़काया गया था। इसके बाद 2022 में रामनवमी के दौरान आगजनी और पथराव की घटना हुई थी। इस घटना में भी जांच एजेंसियों को आतंकी संगठनों की संलिप्तता का पता चला था।

पुरे झारखंड में पांव पसारते आतंकी ! 

यह तो रही लोहरदगा की बात। अब बात करते हैं पूरे झारखंड की। पिछले 3 वर्ष में पूरे झारखंड के अंदर ऐसी कई गतिविधियां देखने को मिली हैं जिनसे अब राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार को भी सचेत होने की आवश्यकता है। पिछले वर्ष जून के महीने में रांची में हुई हिंसा के दौरान भी दो लोगों की मौत हो गई थी और दर्जनों लोग घायल हुए थे। अगले 10 दिन तक इस हिंसा की वजह से धारा 144 लागू रही और 3 दिन तक इंटरनेट सेवा भी बाधित रही। इस हिंसा में भी आतंकी संगठन पीएफआई का भी नाम आया था। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश और झारखंड के कई जिलों से कट्टरपंथी शामिल हुए थे जिन पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया था।

एक रिपोर्ट के अनुसार झारखंड के सात जिले रांची, जमशेदपुर, हजारीबाग, रामगढ़, लोहरदगा, पाकुड़, गिरिडीह ऐसे हैं जो आतंकवादी संगठनों के स्लीपर सेल का ठिकाना बने हुए हैं। इन जिलों से भी कई बार कई कट्टरपंथियों की गिरफ्तारी की खबरें आती रही हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले 12 वर्ष में इन सातों जिलों से आतंकी संगठनों के 26 स्लीपर सेल गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

उक्त बातों से यही लग रहा है कि पिछले 3 वर्ष में हर हिंदू त्योहार के दौरान झारखंड के किसी न किसी जिले में दंगे होना किसी साजिश का ही हिस्सा है। अब सवाल उठता है कि इस तरह की घटनाओं में अचानक बढ़ोतरी कैसे हो गई?
इसलिए इन घटनाओं को लेकर सरकार और प्रशासन को सख्ती दिखानी चाहिए। उनका ढीला रवैया इन कट्टरपंथियों का मनोबाल बढ़ा देता है। इसके साथ ही झारखंड सरकार की तुष्टीकरण की नीति भी कहीं ना कहीं इन आतंकियों को बढ़ावा देने का काम कर रही है। उदाहरण के तौर पर रांची हिंसा के दौरान एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने दंगाइयों पर कठोरता बरतने की कोशिश की थी लेकिन उनका तबादला कर दिया, जो मामले के गवाह भी थे। इसके बाद में इस मामले में झारखंड उच्च न्यायालय ने सरकार से सवाल भी उठाया था। अंत में एक और बड़ी वजह झारखंड में बढ़ रही घुसपैठ को भी माना जा सकता है। प्रदेश के कई जिले ऐसे हैं जो बांग्लादेश की सीमा से सटे हुए हैं। प्रशासनिक लापरवाही की वजह से इन जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। ये लोग कन्वर्जन के साथ-साथ हर तरह के अपराध में भी शामिल रहते हैं। यही लोग लोभ-लालच में आकर आतंकी संगठनों के लिए भी आसान शिकार बन जाते हैं।
राजमहल के विधायक अनंत कुमार ओझा के अनुसार बांग्लादेश की सीमा से सटे झारखंड के पाकुड़ और साहिबगंज जैसे जिलों में घुसपैठियों की बेतहाशा वृद्धि हुई है। इन घुसपैठियों के पास कोई रोजगार ना होने की वजह से या तो किसी जनजातीय लड़की से शादी कर उनकी जमीन हथिया रहे हैं या फिर आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं। आतंकी संगठनों के लिए काम करने के लिए इस तरह के लोग आसानी से मिल जाते हैं। इसके साथ ही कट्टरपंथी मानसिकता के लोग भी इन आतंकी संगठनों के लिए आसान शिकार होते हैं।

आने वाले दिनों में झारखंड सरकार के लिए यह और भी बड़ी परेशानी का सबब बन सकता है। इसके लिए झारखंड सरकार को विशेष तौर पर अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता है। सुरक्षा विभाग को अपने सूचना तंत्र और सोशल मीडिया पर भी कड़ी निगाह रखने की आवश्यकता है ताकि आतंकी समूह लोगों के पास भड़काऊ वीडियो भेज कर उन्हें अपने भ्रम जाल में ना फंसा सकें।

अब तक झारखंड से गिरफ्तार आतंकी

—05 जून, 2011 को मध्य प्रदेश एटीएस ने मानगो के जाकिर नगर रोड नंबर 13 वेस्ट में दो मंजिला मकान में छापेमारी कर इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी अबू फैजल और इरशाद को एक महिला के साथ गिरफ्तार किया था।
—जून, 2011 में ही इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी दानिश रियाज उर्फ शाकिन उर्फ अफाक इकबाल को बड़ोदरा में पकड़ा गया था। वह रांची के बरियातू का रहने वाला है। उस पर अमदाबाद में हुए बम विस्फोट का आरोप लगा था।
—29 फरवरी, 2012 को हजारीबाग स्थित पगमिल मोहल्ले के कश्मीर हाउस से लश्कर के आतंकी तौफिक को गिरफ्तार किया गया था।

—4 मार्च, 2013 को अमदाबाद में सीरियल बम ब्लास्ट मामले में रांची के मंजर इमाम उर्फ जमील उर्फ अबू हनीफा को गिरफ्तार किया गया था।
—27 अक्तूबर, 2013 को पटना के गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान सीरियल बम विस्फोट के बाद पटना में ही मोहम्मद इम्तियाज व मोहम्मद तारिक पकड़े गए थे। ये दोनों भी रांची के थे।

—21 मई, 2014 को धुर्वा सिठियो गांव के नुमान उर्फ नोमान व मोहम्मद तौफिक के अलावा ओरमांझी के चकला गांव का मुजिबुल्ला व इरम लॉज में मुजिबुल्ला का रूम पार्टनर हैदर अली को पकड़ा गया था। ये सभी पटना बम विस्फोट के आरोपी हैं।
— अक्तूबर, 2014 में एटीएस ने पश्चिम बंगाल के वर्द्धमान में हुए बम विस्फोट मामले में जमशेदपुर के आजाद नगर से शीश महमूद नाम के शख्स को गिरफ्तार किया था।

—19 अप्रैल, 2015 को जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश का सक्रिय सदस्य और वर्धमान बम बलास्ट के आरोपी इब्राहिम शेख पाकुड़ से गिरफ्तार हुआ था।

—08 अगस्त 2018 को बोधगया और कोलकाता विस्फोट मामले में कोलकाता पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स ने पाकुड़ से जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के एक और संदिग्ध आतंकवादी दिलबर हसन को गिरफ्तार किया था।

—29 सितंबर, 2015 को रामगढ़ से जमात-उल-मुजाहिद्दीन के पांच लाख के ईनामी आतंकी तरीकुल इस्लाम उर्फ सादिक गिरफ्तार हुआ था।

—16 दिसंबर, 2015 को ओडिशा पुलिस ने अलकायदा के आतंकी अब्दुल रहमान कटकी को गिरफ्तार किया था। उसने जमशेदपुर के कई युवकों को प्रशिक्षित किया था।

—18 जनवरी, 2016 को जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित धतकीडीह निवासी अब्दुल समी को हरियाणा से दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

—25 जनवरी, 2016 को जमशेदपुर के धातकीडीह से मसूद और अख्तर गिरफ्तार हुए थे।

—09 अगस्त, 2017 को अलकायदा के संदिग्ध आतंकी जीशान अली को जमशेदपुर के आजादनगर से दिल्ली की स्पेशल टीम ने गिरफ्तार किया था।

—21 सितंबर, 2019 को झारखंड एटीएस ने आतंकी संगठन से जुड़े होने के आरोप में मानगो निवासी कलीमुद्दीन को टाटानगर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था।

—25 दिसंबर, 2020 को दाउद इब्राहिम के करीबी अब्दुल माजिद कुट्टी को गुजरात एटीएस ने जमशेदपुर से गिरफ्तार किया।

—15 मार्च 2022 को गिरिडीह जिला के गावां थाना क्षेत्र के निवासी आतंकी इनामुलहक उर्फ इनाम इम्तियाज को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था।

—18 जुलाई, 2023 को लोहरदगा में आईबी, एनआईए और दिल्ली पुलिस ने संयुक्त छापेमारी कर आईएसआईएस का आतंकवादी फैजान को गिरफ्तार किया।

Topics: Jharkhandlatest news jharkhandISIS आतंकी गिरफ्तार
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