नैनीताल। शत्रु संपत्ति मेट्रोपॉल होटल परिसर से 134 मकानों को ध्वस्त करने के बाद प्रशासन की योजना अब मेट्रोपॉल होटल को ही धराशायी करने की है। इस पर गृह मंत्रालय की स्वीकृति आने का इंतजार है। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक 8.72 एकड़ में फैले मेट्रोपॉल परिसर को खाली कराने के बाद अब परिसर में बनी 1880 की इमारत को गिराने की योजना है। यह इमारत जर्जर हालात में है और इसके कभी भी गिरने और अनुपयोगी होने की रिपोर्ट शासन को भेजी जा चुकी है। शासन ने गृह मंत्रालय को ये रिपोर्ट भेज दी है और इसको गिराने की अनुमति मांगी है।
जानकारी के मुताबिक नैनीताल की जिला अधिकारी वंदना चौहान जोकि इस संपत्ति की कस्टोडियन हैं उनके द्वारा गृह मंत्रालय के शत्रु संपत्ति विभाग के अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक होनी है, जिसके बाद इस इमारत को गिरा दिए जाने की औपचारिकता पूरी हो जाएगी।
जानकारी के मुताबिक नैनीताल हाईकोर्ट से मस्जिद तिराहे तक रोड चौड़ी करने की योजना में मेट्रोपॉल होटल परिसर की भूमि का कुछ हिस्सा इस्तेमाल किया जाएगा, साथ ही होटल की इमारत को गिराकर नैनीताल में डेढ़ हजार पर्यटक वाहनों के लिए स्थान बनाया जाएगा। इस पार्किंग से जो आय होगी उसे गृह मंत्रालय के कोष में जमा किया जाएगा। इस आशय के प्रस्ताव बनाकर केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजे जा रहे हैं।
अभी जहां से अतिक्रमण हटाया गया है वहां से मलबा उठाने और उस स्थान को तारबाड़ से सुरक्षित करने का काम प्रशासन द्वारा अपर जिलाधिकारी की देखरेख में किया जा रहा है। ऐसी भी जानकारी मिली है कि सीएम पुष्कर सिंह धामी दिल्ली पहुंचे हुए हैं, उनकी बातचीत भी इस विषय पर गृहमंत्री अमित शाह से हो सकती है। उल्लेखनीय है शत्रु संपत्ति मेट्रोपॉल से अवैध कब्जे हटाने का जो काम उत्तराखंड या कहें पूर्व में यूपी का कोई मुख्यमंत्री नहीं करवा सका वो पुष्कर धामी ने बेहद सहजता से करवा लिया। माना जा रहा सीएम धामी यहां पार्किंग योजना का शिलान्यास आगामी नैनीताल दौरे में कर सकते हैं। बहरहाल नैनीताल में शत्रु संपत्ति से अवैध कब्जा तो हट गया है, अब इस भूखंड को कैसे नैनीताल के हित में इस्तेमाल में लाया जाए, इस ओर कवायद शुरू हो गई है।
एसएसपी पंकज भट्ट का कहना है कि नैनीताल में पर्यटन सीजन में पार्किंग की सबसे बड़ी समस्या है, मेट्रोपॉल होटल परिसर में हर साल अस्थाई पार्किंग व्यवस्था की जाती रही है, यदि गृह मंत्रालय इजाजत देता है तो फ्लैट मैदान के बजाय यहां पर्यटकों के वाहन पार्क किए जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस बारे में अभी शासन स्तर पर प्रक्रिया चल रही है।
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