जयपुर। जिला उपभोक्ता आयोग-तृतीय ने बुकिंग कंफर्म होने के बाद भी ट्री हाउस में नहीं रुकवाने को अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस करार देते हुए मेक माई ट्रिप इंडिया पर तीन लाख रुपए का हर्जाना लगाया है। इसके साथ ही आयोग ने लोहागढ़ फोर्ट रिसोर्ट, कूकस को निर्देश दिए हैं कि वह परिवादी से ट्री हाउस की बुकिंग के तौर पर लिए 7855 रुपए परिवाद दायर करने की तारीख 25 मई 2016 से अदायगी तक नौ फीसदी ब्याज सहित लौटाए।
आयोग ने यह आदेश अंकित कुमार चटर्जी के परिवाद पर दिए। आयोग ने अपने आदेश में कहा कि परिवादी की मंगेतर बडी मुश्किल से छुट्टी व वीजा लेकर ट्री हाउस में रुकने का सपना लेकर हजारों किमी दूर से आई थी। विपक्षी के सेवादोष के चलते वह बिना ट्री हाउस में रुके ही वापस चली गई और इससे परिवादी को मानसिक आघात लगना स्वाभाविक है। ऐसे में परिवादी को हर्जाना राशि दिलाना विधि सम्मत है।
परिवाद में कहा गया कि परिवादी ने मेक माई ट्रिप इंडिया से लोहागढ फोर्ट रिसोर्ट के ट्री हाउस में रुकने के लिए संपर्क किया। विपक्षी के आश्वासन के बाद परिवादी ने विदेश में रहने वाली अपनी मंगेतर का वीजा कंफर्म कराया और 12 फरवरी 2016 को अपनी बुकिंग कंफर्म कर ऑनलाइन 7855 रुपए की राशि भुगतान कर दी। विपक्षी मेक माई ट्रिप ने कहा कि उन्हें 28 अप्रैल 2016 को रिसोर्ट में ट्री हाउस मिल जाएगा। परिवादी अपनी मंगेतर के साथ रिसोर्ट पहुंचा तो वहां के मैनेजर शाकिब खान ने बताया कि ट्री हाउस डैमेज है। यह सुनते ही परिवादी व उसकी मंगेतर का ट्री हाउस में रुकने का सपना टूट गया।
रिसोर्ट के कर्मचारियों ने उन्हें अच्छा रूम देने का आश्वासन तो दिया, लेकिन उस रूम का किराया ट्री हाउस के किराए से ज्यादा था। दूसरी ओर इस रूम का किराया पोर्टल पर कम दिखाया जा रहा था। परिवादी को ना चाहते हुए रूम में रुकना पड़ा और जब उसने ट्री हाउस की राशि के समायोजित करने के बाद बाकी राशि मांगी तो उसे नहीं दी गई। विपक्षी के इस सेवादोष व अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस को परिवादी ने उपभोक्ता आयोग में चुनौती दी।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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