देहरादून : पिछले दो दिनों में यमुना घाटी में हो रही भारी वर्षा से यमुना और उसकी सहायक नदियां पूरे उफान पर हैं। बड़कोट गगनानी में बादल फटने से भारी बारिश हुई है और भूस्खलन से रास्ते अवरुद्ध हुए हैं। हिमाचल से लगी जौनसार बावर घाटी में भी भारी बारिश के बाद टोंस कालसी नदियों का प्रवाह भी प्रलय के रूप दिखा रहा है।
माना जा रहा है कि यमुना का जलस्तर अगले चौबीस घंटों में खतरे के निशान से ऊपर रहेगा और इस कारण हथनीकुंड बैराज से और अधिक पानी छोड़े जाने से दिल्ली की ओर आगे यमुना किनारे शहरों-गांवों में बाढ़ के हालात बिगड़ सकते हैं।
यमुनोत्री से लेकर उत्तरकाशी, बड़कोट गगनानी में भारी बारिश हुई है। यहां बादल फटने से हालत चिंताजनक बताए जा रहे हैं। शिमला जिले से लगे त्यूनी मोरी हनोल क्षेत्र में भी भारी बारिश हुई है। आराकोट हिमाचल मार्ग भूस्खलन की वजह से अवरुद्ध हो गया है।
एसपी उत्तरकाशी अर्पण यदुवंशी ने श्रद्धालुओं से यमुनोत्री-गंगोत्री की यात्रा स्थगित रखने की गुजारिश की है। उत्तरकाशी बाराकोट और डुंडा में पच्चास से अधिक मकानों को नुकसान पहुंचा है एसडीआरएफ को राहत कार्यों में लगाया गया है। चडाखाल में बादल फटने से मलबा लोगों के घरों तक भर गया है।
यमुना और उसकी सहायक नदियां पूरे उफान पर बह रही हैं। यमुना का रौद्र रूप, हरिघाट और पौंटा साहिब के पास देखा जा रहा है। सहारनपुर में माता शाकंबरी देवी तक जाने का रास्ता पानी की वजह से बंद है, सहारनपुर और यमुनानगर के बीच यमुना खतरे के निशान के पास बह रही है जिसका जलस्तर और बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। प्रशासन लोगों को नदी से दूर जाने की मुनादी कर रहा है।
भारी बारिश का अलर्ट अभी अगले दो दिन और है, स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है और प्रशासन को सतर्क किया गया है, सीएम धामी ने बीती रात अपने घर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आपदा हालात की समीक्षा की और अधिकारियों को कमरों से निकलकर आपदा सहायता में जुटने का निर्देश दिया है। हथनी कुंड से यमुना का पानी लगातार छोड़ा जा रहा है।
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