इसे कहते हैं अपशकुन, घर की देहरी पर ही बिल्ली ने रास्ता काट दिया राजनीतिक गठजोड़ इंडिया का। बेंगलुरु में चाहे मजबूर कांग्रेस आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को पुचकार रही थी परंतु धरातल की स्थिति यह है कि पंजाब के स्थानीय कांग्रेसी नेता कह रहे हैं कि उन्हें ‘आप’ का मुंह देखना भी गवारा नहीं।
पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने हाईकमान को पत्र लिखकर आम आदमी पार्टी के साथ हुए समझौते को अस्वीकार किया है। बाजवा ने पार्टी आलाकमान को साफ कर दिया है कि पंजाब कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ता को आप के साथ गठबंधन मंजूर नहीं है।
गौरतलब है कि इससे पहले जब आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस से दिल्ली संबंधी केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन की अपील की थी, तब भी प्रताप बाजवा ने आगे बढ़कर पंजाब कांग्रेस की तरफ से हाईकमान के सामने एतराज जताया था और आप को समर्थन न देने का आग्रह किया था लेकिन हाईकमान ने उस समय भी बाजवा के आग्रह को अनदेखा करते हुए आप को समर्थन का एलान किया था।
यह दूसरा मौका है जब पंजाब कांग्रेस अपने आलाकमान को आप से दूर रखने के लिए जद्दोजहद कर रही है और कांग्रेस आलाकमान प्रदेश इकाई की दलीलों को लगातार नजरअंदाज कर रहा है। दरअसल इंडिया के रूप में राष्ट्रीयस्तर पर विपक्षी गठबंधन को साथ लेकर चलना भी कांग्रेस की मजबूरी है और इस गठबंधन में वह आप की अनदेखी नहीं कर सकती।
दूसरी तरफ, पंजाब में कांग्रेस लगातार अपने वजूद की लड़ाई लड़ रही है। मुख्य विपक्षी दल होने के कारण उसके लिए आप का साथ देना भविष्य में घातक साबित हो सकता है। वैसे, पंजाब कांग्रेस में आप के खिलाफ सबसे ज्यादा गुस्सा इस बात को लेकर है कि राज्य की आप सरकार कांग्रेस नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दर्ज कर उन्हें जेलों में डाल रही है।
वहीं इस अजीबो गरीब गठजोड़ से आम आदमी पार्टी के कथित भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को लेकर भी हंसी मजाक का दौर शुरू हो चुका है। लोग कहने लगे हैं कि अगर मुख्यमंत्री भगवंत मान के लिए कांग्रेस भ्रष्ट है तो वो कांग्रेसियों के मंच पर क्या कर रहे थे ?
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