यूपी : मुजफ्फरनगर सामूहिक दुष्कर्म मामले में जिला पंचायत सदस्य इरशाद पाया गया दोषी, कोर्ट ने सुनाई 33 साल की सजा

विशेष न्यायालय/अपर सत्र न्यायाधीश पास्को एक्ट कोर्ट ने इरशाद को 33 साल की सजा सुनाई है और 40 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

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विशेष संवाददाता

मुजफ्फरनगर : जिला पंचायत सदस्य इरशाद जाट को एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में दोषी पाए जाने पर विशेष न्यायालय/अपर सत्र न्यायाधीश पास्को एक्ट कोर्ट ने 33 साल की सजा सुनाई है। ये मामला पांच मार्च 2018 का है।

डीजीसी फौजदारी राजीव शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि दुष्कर्म के आरोपी इरशाद जाट के खिलाफ पुलिस में 2018 में पीड़िता के द्वारा मामला दर्ज कराया गया था। जिसमें ये आरोप लगाया था कि पीड़िता को अपने शहर कोतवाली क्षेत्र स्थित आवास में बुलाकर तमंचे की नोक पर सामूहिक दुष्कर्म किया गया और उसकी वीडियो बनाने और फिर उसे वायरल करने की धमकी दी गई।

जिसके बाद अगले दिन पीड़िता ने पुलिस को इसकी सूचना दी। जिसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई बाद में अदलता के निर्देश पर मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने तमाम पहलुओं पर जांच की जिसके बाद कई तिथियों में कोर्ट में सुनवाई हुई और जज रितेश सचदेवा ने आरोपी को तीस साल की सजा, चालीस हजार अर्थ दंड दो अन्य धाराओं में तीन साल की अतिरिक्त सजा सुनाई है।

इस मामले में अन्य आरोपी के खिलाफ अभी विवेचना चल रही है, जिसपर कोर्ट ने पुलिस की लचर कार्रवाई पर नाराजगी भी जाहिर की है।

खाली होगी सीट
जिला पंचायत सदस्य इरशाद को सजा सुना देने के बाद ये सीट खाली हो जाएगी माना जा रहा है कि आरोपी इरशाद उच्च न्यायलय की शरण ले सकता है।

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