हरिद्वार। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन दिनों गंगा किनारे लुप्त हो गए पुराने तीर्थ स्थलों के पुनर्निर्माण का कार्य करा रहे हैं। वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यमुना घाटों के जीर्णोद्धार का काम अपने हाथों में लिया है।
योगी आदित्यनाथ ने गंगा नहर से जल धारा निकलवा कर उसे शुक्रताल तक पहुंचाया और पुराने तीर्थस्थल की पुर्नस्थापन का पुनीत कार्य किया। शुक्रताल कभी गंगा जल से लबालब रहता था और यहां लोग गंगा स्नान के लिए आते थे। गंगा नहर बना दिए जाने से यहां गंगा का पानी नहीं आता था, सीएम योगी ने शुक्रतीर्थ स्थल के महत्व को देखते हुए मुख्य गंगा नहर से एक छोटी नहर निकलवा कर शुक्रताल तक गंगा जल पहुंचाया। मुजफ्फरनगर के करीब इस तीर्थस्थल में शुक गोस्वामी ऋषि का आश्रम है। यह तीर्थस्थल महाभारत काल का है। पांच हजार वर्ष पूर्व का इतिहास कहता है कि अभिमन्यु पुत्र परीक्षित को शुक ऋषि ने यहां वट वृक्ष के नीचे गीता का ज्ञान दिया था। वट वृक्ष आज भी वैसे ही हराभरा खड़ा है, जिसकी सनातन पूजा होती है। इस स्थान पर गंगा की सहायक नदी का पानी आता था। स्थानीय लोगों की मांग पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्र तीर्थ स्थल तक गंगा का जल फिर से पहुंचा दिया है और यहां एक बड़े घाट के निर्माण का काम भी पूरा करवा दिया है। सीएम योगी ने ये पावन कार्य अपने हाथों से आज श्रद्धालुओं को समर्पित कर किया।
सीएम धामी करा रहे यमुना घाट की सेवा
देवभूमि उत्तराखंड में यमुना जी की सेवा लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्य शुरू करवा दिया है। यमुना घाटी में यमुनोत्री, बड़कोट, गगननी और हरिपुर में यमुनाघाट बनाए जा रहे है। हरिपुर कभी बड़ा तीर्थस्थल हुआ करता था, जिसे बाढ़ से काफी नुकसान हुआ। इस तीर्थ स्थल के महत्व को सीएम धामी ने समझा और यहां अब यमुना जी की आरती भी शुरू करवा दी गई है। हरिपुर चार बड़ी नदियों का महासंगम है और इसका उल्लेख पुराणों में भी मिलता है। गंगा जी में हरिद्वार में स्नान कर लोग बद्रीनाथ और केदारनाथ की यात्रा शुरू करते थे, जबकि मथुरा, वृंदावन, दिल्ली, हरियाणा के श्रद्धालु हरिपुर में जमुना जी में स्नान कर यमुनोत्री और गंगोत्री की तीर्थ यात्रा शुरू करते थे।
पुष्कर सिंह धामी कहते हैं कि उत्तराखंड देवभूमि है और यहां के देवी-देवताओं की सेवा करना हमारा पहला कर्तव्य है। यमुना जी की सेवा करने का मुझे अवसर ही नहीं, दिल से आज्ञा भी मिली है कि ये सेवा कार्य मुझे ही करना है। वहीं, देवभूमि उत्तराखंड में जन्मे योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा-निर्देश पर अयोध्या, काशी जैसे पावन तीर्थ स्थलों का विकास हो रहा है। योगी आदित्यनाथ मथुरा, वृंदावन के विकास की भी बात करते हैं।
टिप्पणियाँ